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मम्मी ने करवाई चुत की सैर

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Indian Hindi sex stories, Hindi sex story, Kamukta, Antar vasna मेरा नाम युवराज है और में आपके साथ अपना सच्चा अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ. मेरे पापा काम के सिलसिले में बाहर आते जाते रहते है और घर में कम ही रहते है. मेरे घर में मेरी मम्मी और बहन रहते है. में बहुत सेक्सी किस्म का लड़का हूँ और मुझे सेक्स करने में बहुत मजा आता है इसलिए में मुठ मारता रहता हूँ. मुझे मुठ मारते समय अपनी मम्मी और बहन के बारे में सोचने से सबसे ज़्यादा मज़ा आता है.

यह उन दिनों की बात है जब पापा बहुत दिनों से बाहर रहते थे और घर पर बहुत कम आया करते थे, इसलिए मम्मी उनके साथ ज़्यादा सो नहीं सकती थी और इसलिए उनको सेक्स की तृप्ति नहीं हो पाती थी. मेरी मम्मी बहुत ही चिकनी और खूबसूरत औरत है और मैंने कई बार उन्हें नहाते हुए और कपड़े बदलते हुए देखा था, उनके अंग गोरे, गोल और माखन की तरह बहुत चिकने थे. मुझे उन्हें नहाता देखने में बहुत मज़ा आता था, जब वो अपनी चूत साफ करने के लिए रगड़ती थी तो मेरा बहुत बुरा हाल हो जाता था.

मैंने अपनी बहन को भी कई बार नहाते हुए देखा है और मेरी बहन का शरीर मेरी मम्मी की तरह चिकना तो नहीं, लेकिन उनसे कही ज़्यादा भरा हुआ और एक अजीब सी कशिश रखता है. उसके भूरे बड़े निपल्स और बालों वाली चूत तो इतनी सेक्सी है कि उसमें घुस जाने को और उसे चाटने को मन बेताब हो जाता है.

उसकी गांड और चूतड़ तो इतने स्वीट है कि दिल करता है कि बस सारा दिन उन्हें चाटता और चूमता रहूँ, उसका गांड धोने का स्टाइल भी बहुत अलग है. अब में यह सब चोरी-चोरी देखकर मजे लेता था और तभी मेरी जिंदगी में एक हसीन मोड़ आया. फिर एक दिन बहुत गर्मी थी, इसलिए रात के समय में सिर्फ़ नेकर पहनकर घूम रहा था. अब मेरी मम्मी का ध्यान बार-बार मेरे नंगे बदन पर जा रहा था तो उन्होंने मुझे एक दो बार बाँहों में लेकर प्यार भी किया, जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और जिसका स्पर्श थोड़ा उनके शरीर से भी हुआ था.

फिर हम टी.वी देखकर सोने चल पड़े और अब मुझे अपने कमरे में नींद नहीं आ रही थी. तभी मुझे लगा कि मम्मी भी अभी तक सोई नहीं है. फिर में धीरे-धीरे नीचे आया तो मैंने देखा कि कोई ड्रॉइग रूम में बैठा है. फिर मैंने ध्यान से देखा तो मम्मी ही सोफे पर बैठी हुई थी. अब उनकी आँखे बंद थी और उनका हाथ चूत पर था, अब में गर्म हो गया और छुपकर देखने लगा था.

फिर थोड़ी देर में मम्मी ने अपनी आँखें बंद रखते हुए ही अपनी चूत पर हाथ फैरना शुरू कर दिया. अब मेरे समझ में आ गया था कि मम्मी किसी के बारे में सोचकर मुठ मार रही थी. अब वो अपने दाँतों के नीचे जीभ भी दबा रही थी और अब यह सब देखकर मेरा लंड भी पूरा तन गया था.

अब मम्मी अपनी सलवार के ऊपर से ही मज़े ले रही थी. फिर अचानक से मम्मी ने अपनी चूत को तेज़ी से रगड़ना शुरू कर दिया. अब यह सब देखकर में भी अपने लंड को रगड़ने लगा था और अब में तो बहुत ही ज़्यादा गर्म हो गया था. फिर मम्मी एकदम से रुककर कुछ सोचने लगी और धीरे-धीरे अपना हाथ फैरने लगी और फिर एकदम से ज़ोर-ज़ोर से अपनी चूत रगड़ने लगी.

फिर तीसरी बार उन्होंने इतनी ज़ोर से और तब तक रगड़ा, जब तक उनका पानी निकल नहीं गया. अब जब उनका पानी निकलने वाला था तो उन्होंने अपनी चूत को ज़ोर से भींच लिया और उनका शरीर एकदम अकड़ गया. फिर जैसे ही उनकी पिचकारी निकली तो वो ढीली पड़ गयी और उनके चेहरे पर एक मुस्कान भी आ गयी. अब वो सीन देखकर मेरा भी पानी निकल गया और मेरा नेकर भी गीला हो गया था.

फिर कुछ देर तक वो अपनी आँखे बंद करके वहीं बैठी रही और फिर अपनी चूत को धोने बाथरूम में चली गयी. फिर मैंने उन्हें चूत धोते भी देखा, फिर में अपने कमरे में ऊपर आ गया और कई बातें सोचते हुए में पता नहीं कब सो गया? मुझे पता ही नहीं चला.

अब अगले दिन मुझे मम्मी बहुत खुश लग रही थी और मुझे बार-बार प्यार कर रही थी. इससे मुझे लग रहा था कि वो मेरे बारे में सोचकर ही मुठ मार रही थी. अब इससे में और भी ज्यादा गर्म हो गया था, लेकिन मुझे सारा दिन बाहर रहना पड़ा. फिर शाम को जब में वापस घर आया और सीधा नहाने चला गया. फिर मुझे नहाते हुए लगा कि कोई मुझे देख रहा है तो बाहर मम्मी ही थी.

फिर मैंने कुछ सोचा और शर्माने के बजाए में अपने लंड से खेलने लगा और ज़्यादा से ज़्यादा मम्मी को दिखाने लगा, ताकि मम्मी की चूत गीली हो जाए. फिर में काफ़ी देर तक ऐसा नाटक करता रहा और मम्मी भी बीच-बीच में मुझे देखती रही. अब मैंने ऐसा करते-करते मुठ भी मार ली थी और अब मम्मी की सलवार भी जरुर गीली हो गयी होगी. उस दिन मेरी बहन हमारे किसी रिश्तेदार के वहाँ गयी हुई थी. फिर में नहाकर टावल लपेटकर जब बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि मम्मी दूसरे बाथरूम में गयी हुई थी. अब में समझ गया था कि वो अपनी चूत धोने गयी होगी.

फिर में कांच के सामने जाकर नंगा होकर अपने मोटे और सेक्सी लंड और मस्त गांड को देखने लगा. अब मैंने सिर्फ़ चड्डी ही पहनी थी और फिर में टी.वी देखने लगा. फिर मम्मी नहाकर बाहर आई और यह क्या? उन्होंने भी टावल ही लपेटा हुआ था. फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और अपने कमरे में चली गयी.

फिर जब वो बाहर आई तो उन्होंने सिर्फ़ पेंटी और एक टी-शर्ट, जो सिर्फ़ नाभि तक थी और पेंटी को भी नहीं ढक रही थी पहनी हुई थी. असल में वो मेरी टी-शर्ट थी और उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. अब मेरा दिल तो कर रहा था कि अभी उन्हें पकड़कर अपनी गोद में बैठा लूँ और ब्लू फिल्म देखूं और फिर वैसे ही उनके साथ सेक्स करूँ. तभी पापा का फोन आया और फोन सुनकर हमारा ध्यान उस तरफ चला गया.

अब मम्मी रोटी बनाने लग गयी और साथ-साथ गर्मी के बहाने से सेक्सी बातें करने लगी थी, जैसे कि मेरा तो दिल करता है कि में कोई कपड़ा ना पहनूं और सारे दिन नहाती रहूँ. फिर हमने ऐसी बातें करते हुए और टी.वी देखते हुए डिनर किया और फिर में अपने कमरे में आकर ब्लू फिल्म देखने लगा.

अब उधर मम्मी का भी सेक्स के मारे बुरा हाल था और अब वो टी.वी पर सेक्सी चैनल देखने लगी थी और जब उसको लगा कि में सो गया हूँ तो वो अपने कमरे में चली गयी. अब आपको पता चल ही गया होगा कि वो क्या करने गयी थी? अब मुझे भी इसी पल का इंतजार था. अब मुझे लगा था कि आज कुछ हो जाएगा. फिर में धीरे-धीरे नीचे आया और छुपके से मम्मी के कमरे में देखने लगा. अब मम्मी पूरी नंगी होकर कांच के सामने बैठी थी और अपने बूब्स के साथ खेल रही थी और उनके पास में ही एक केला पड़ा था. अब पहले तो वो अपने हाथ से अपनी चूत को मसलने लगी थी और फिर कुछ देर के बाद केला छीलकर उसको अपनी चूत में डाल लिया और अंदर बाहर करने लगी थी.

अब यह सब देखकर मेरा लंड मेरी चड्डी फाड़ने को तैयार हो गया था. फिर मैंने देखा कि उसने तो अपनी पेंटी फाड़ ही दी थी. अब मम्मी मेरे फोटो को चूम रही थी और कभी उसे अपने बूब्स से तो कभी अपनी चूत से लगा रही थी. अब मेरे सब्र का प्याला भर गया था और अब में मम्मी के सामने जाने की सोचने लगा था. अब वो धीरे-धीरे बोल रही थी कि मेरी प्यास बुझा दे मेरे लाल, मेरी चूत में समा जा मेरे प्यारे. फिर तभी में उनके सामने चला गया और अब पहले तो 1 मिनट तक में और वो हैरानी से एक दूसरे को देखते रहे. अब मेरा लंड पूरा तना हुआ मम्मी की तरफ मुँह करके खड़ा था. फिर मम्मी एकदम से उठी और मेरे पास आकर मुझसे लिपट गयी.

फिर उन्होंने मुझे बेड पर खींच लिया और मेरे ऊपर चढ़ती हुई बोली कि आज में तुझे जन्नत की सैर करवाती हूँ मेरे राजा. अब पहले तो वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी थी, फिर वो उठी और मेरे लंड को सहलाने लगी, जो कि तोप की तरह सीधा खड़ा था. फिर मम्मी ने मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी. अब में तो मज़े के आसमान में उड़ने लगा था. अब मम्मी मेरा लंड चूसे जा रही थी और में मज़े से झूम रहा था. फिर मैंने अपना लंड उनके मुँह से बाहर निकाला और उन्हें उठाकर बेड पर सीधा लेटा दिया. फिर मैंने सीधा उनकी चूत में लंड डालकर उनको चोद दिया और उनकी चूत में ही झड़ गया.

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एक आखरी तमन्ना चुदाई की

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Hindi sex stoeis, Hindi sex kahaniya, Kamukta, Antarvasna, Chudai हैल्लो दोस्तों, में ललित एक बार फिर से आप सभी चाहने वालों के सामने हाजिर हूँ अपनी एक और दूसरी नई कहानी के साथ, जिसमें में आज आप लोगों को मेरे पड़ोस में रहने वाली मेरी पड़ोसन के साथ जमकर उसकी चुदाई के बारे में बताऊंगा. वो एक ग्रहणी है, जिसकी उम्र 36 साल, गोरा रंग जिनकी हाईट करीब 5.2 और आकार में ठीक-ठाक बूब्स.

वो अभी कुछ समय पहले मेरी सोसाईटी में रहने के लिए आई, वो दूसरी मंजील पर अपने दो बच्चों, पति के साथ रहने आई है, उनके पति का नाम प्रभात और उनका नाम दिया और वो बहुत कम समय में मेरी पत्नी प्रिया की बहुत अच्छी दोस्त बन गई, क्योंकि मेरी पत्नी का और उनका मेरे घर पर आना जाना लगा रहता था और किस्मत से हमारे बच्चे भी एक ही स्कूल में अपनी पढ़ाई कर रहे थे और अब में सीधा अपनी आज की सेक्स घटना को सुनाता हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा.

दोस्तों प्रिया ने एक दिन मुझसे कहा कि दिया कह रही थी कि हम सब क्यों ना एक दिन पिकनिक पर चलते है, इसी बहाने तुम भी प्रभात से मिल सकते हो और उससे बात कर सकते हो, अपनी जान पहचान बढ़ा सकते हो. फिर मैंने भी मज़ाक में कहा कि अरे यार प्रभात से मिलकर क्या होगा तुम तो एक बार मुझे दिया से मिलवा दो, उससे मिलकर मेरा सभी काम हो जाएगा.

फिर प्रिया बोली कि अच्छा तो अब मुझे पता चला कि तुम्हारा दिल अब दिया पर आ गया है? तो मैंने कहा कि हाँ वो चीज ही कुछ ऐसी है कि उसको देखकर हर किसी की नियत बिगड़ जाए. फिर प्रिया बोली कि तुमने मुझसे पहले क्यों नहीं कहा में तो तुम्हें बहुत पहले ही उससे मिलवा देती और तुम्हारा काम कब का पूरा हो जाता.

फिर मैंने उससे कहा कि तुम रविवार का समय रख लो शाम को हम इंडिया गेट चलते है, तुम सही मौका देखकर मेरी उससे थोड़ी बातचीत करवा देना और फिर रविवार शाम को हम सब इंडिया गेट घूमने चले गये और हम सभी ने वहां पर बहुत मज़े किए. वहीं पर मैंने दिया को भी बहुत निहारा और मुझे उसके पति प्रभात का भी पता चला कि बहुत अच्छी पोस्ट पर है और वो एक प्राइवेट कम्पनी में है.

फिर उस रात घर पर आकर प्रिया को दिया बनाकर बहुत जमकर चोदा और प्रिया ने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया और इस तरह कुछ दिन गुज़र गए, जिसमें कभी दिया हमारे घर पर आती और मुझसे भी बात कर लेती और मेरी भी पार्क में प्रभात से बात हो जाती थी.

एक दिन में ऑफिस में था और मेरे व्हाटसप पर एक मैसेज आया, जिसमें सिर्फ़ हाए लिखा था. मैंने देखा तो प्रोफाईल फोटो दिया की थी और मैंने भी हैल्लो लिखा. फिर उसने भेजा कि क्या हम बात कर सकते है? मैंने भेजा कि हाँ ज़रूर जब तुम चाहो कर लो. फिर उसने कहा कि व्हाटसप पर नहीं, तो मैंने कहा कि हाँ कोई बात नहीं में एकदम फ्री हूँ और आज मेरे बॉस कुछ दिनों के लिए इंदौर गये हुए है.

फिर उसने कहा कि में बहुत अच्छी तरह से समझती हूँ कि आप मुझसे बात करना चाहते है, लेकिन बात नहीं करते और उसने कहा कि लड़कियां सिर्फ़ लड़को को देखकर बता सकती है कि वो उनसे क्या चाहते है. फिर में भी उसके मुहं से यह बातें सुनकर बहुत खुश हुआ और मेरा थोड़ा डर खत्म हुआ तो में भी खुलकर बातें करने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि मेरे बिना कुछ कहे यह क्या हो गया, यह सब तो खुद मेरी झोली में गिर रहा है? फिर मैंने उससे पूछा कि तो बताओ तुम्हें मेरी आँखो क्या क्या दिखा?

वो बोली कि हाँ वही सब कुछ बताने के लिए तो मैंने बहाने से प्रिया से तुम्हारा मोबाईल नंबर माँगा था. फिर मैंने उससे कहा कि तुम प्रिया को साफ साफ बोल देती कि तुम्हें मुझसे बात करनी है, तब भी वो तुमको मेरा नंबर दे देती, इसमें बहाने की क्या ज़रूरत थी? और वैसे भी मेरे और प्रिया में कुछ छुपा नहीं है, हम एक दूसरे से सभी तरह की बातें खुलकर करते है. फिर दिया ने कहा कि प्लीज़ मेरे बारे में प्रिया को मत बताना, प्लीज़ नहीं तो वो मेरे बारे में कुछ गलत सोचेगी. फिर मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों? तो उसने कहा कि मेरी अपनी बाहर बहुत इज्जत है, लेकिन सिर्फ़ तुमसे चोरी छिपे होना चाहती हूँ और अगर इसमें कोई समस्या है तो में दोबारा बात नहीं करूँगी.

फिर मैंने कहा कि ठीक है, में यह बात बाहर किसी से नहीं कहूँगा, लेकिन मुझमें ऐसा क्या है, जो सिर्फ़ मुझसे चोरी छिपे होना चाहती हो? फिर उसने बताया कि उस दिन तुम्हारे घर पर जब प्रिया एक घंटे के लिए बाहर गई थी तो मैंने तुम्हारा लेपटॉप खोलकर देखा था और उसमें मुझे तुम्हारे वीडियो और फोटो देखकर मुझे पता लगा कि सेक्स को लेकर तुम्हारी मेरी सोच बिल्कुल एक जैसी है.

तभी मैंने उससे कहा कि लेकिन मेरे लेपटॉप में तो पासवर्ड लगा हुआ था तुमने उसे कैसे खोला? तो उसने मुझसे कहा कि प्रिया ने लेपटॉप तो पहले से ही खोला हुआ था और उसके चले जाने के बाद मैंने अपना काम किया और उस दिन वो सब देखकर मैंने अपने घर पर जाकर तीन बार अपनी चूत में ऊँगली डालकर उसे शांत किया.

अब मैंने उससे पूछा कि क्या प्रभात तुम्हें सेक्स में वो मज़े नहीं देता है? तो उसने बताया कि पहले सब कुछ ठीक था, लेकिन अब वो ज़्यादा सेक्स में रूचि नहीं दिखाते और में घर पर जब भी अकेली होती हूँ तो बहुत पॉर्न फिल्म देखकर ऊँगली करती हूँ, जिसकी वजह से मेरी सेक्स को लेकर रूचि अब धीरे धीरे बढ़ती ही जा रही है, में वो सब कुछ करना चाहती हूँ जो मेरी इच्छा है.

फिर मैंने कहा कि ठीक है चलो तुम मुझे बताओ कि तुम्हारी क्या क्या इच्छा है? तो उसने मुझसे कहा कि अभी तुम ऑफिस में हो अभी क्या कर सकते हो? हम बाद में बात करते है, लेकिन अब मुझे भी उसकी बातें सुन सुनकर सेक्स चड़ चुका था. मैंने उससे कहा कि में आज ऑफिस में बिल्कुल अकेला हूँ, क्योंकि दो लड़के बाहर मार्केटिंग के लिए गए है और वो करीब 2 घंटे के बाद आएगा और हमारा अकाउंटेंट आज छुट्टी पर है और तुम भी अभी घर पर अकेली हो, जब तक तुम्हारे बच्चे स्कूल से नहीं आते तुम भी अकेली हो.

फिर उसने कहा कि ठीक है. फिर हम फोन सेक्स करते है और फिर मैंने कहा कि ठीक है तो उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारा वो खड़ा है? तो मैंने बोला कि हाँ, तो वो बोली कि तुम अपने उसके फोटो भेजो. फिर मैंने पूछा कि किसके? तो वो अब पूरी खुल गई और बोली कि अपने लंड के और फिर मैंने अपने लंड के फोटो उसे भेजी तो उसने भी मुझे अपनी चूत की जो बिल्कुल गोरी थी और अंदर से बिल्कुल गुलाबी. दोस्तों मैंने पहली बार इतनी गोरी लड़की की चूत देखी थी. उसने फिर अपने बूब्स का फोटो भी मुझे भेजा और उसके साथ ही मुझे कॉल भी कर दिया.

दिया : क्यों कैसी लगी तुम्हें मेरी चूत?

में : वाउ इतनी सुंदर सेक्सी चूत तो में आज पहली बार देख रहा हूँ, इसको देखकर मज़ा आ गया.

दिया : हाँ तुम्हारा लंड भी बहुत मस्त है.

में : धन्यवाद.

दिया : प्लीज ललित अब यह सीधे शब्द रहने दो, कुछ गंदा सा बोलो मुझे अपनी चूत में उंगली डालकर अपना पानी निकालना है.

में : ठीक है तो अपने पैर खोलो और अपनी चूत में मेरा लंड डालने दो. फिर सोचो कि में तुम्हारी चुदाई कर रहा हूँ और यह लो मेरे लंड का पहला झटका, क्यों मज़ा आया मेरा लंड लेकर साली, रंडी?

दिया : हाँ हाँ बहुत मज़ा आ रहा है बहनचोद चुदवाने में और साले तू भी मेरी चूत मार रहा है तो तू मुझे अपनी रंडी समझकर मार.

में : साली बहन की लोड़ी तू सही में रंडी निकली साली कितने लंड लिए है तूने?

दिया : आह्ह्ह उफ्फ्फ साले चोद मुझे हाँ फाड़ दे तू भी मेरी चूत को आह्ह्ह्हह्ह मेरा निकल गया.

में : रंडी साली मुझे भी निकालने दे आहह हाँ दिया वाह क्या चुदक्कड़ है तू, हाँ ले मेरा भी पानी पी ले और करीब दो मिनट बाद हम शांत हुए और मैंने कहा कि हैल्लो तो वो बोली.

दिया : हाँ बोलो.

में : वाह बहुत मज़ा आया दिया. अब जब हम सही में सेक्स करेंगे तो बहुत मजा आएगा.

दिया : हाँ, चलो अब में फोन रखती हूँ और अब जब हम मिलेंगे तो में तुम्हें अपनी नई इच्छा बताउंगी, अभी तुम्हें सोचकर एक बार और मुझे अपना पानी निकालना है चलो ठीक है बाय.

दोस्तों उस रात को तो मैंने अपनी पत्नी प्रिया को इतना जमकर चोदा कि उसकी चूत सूज़ गयी और वो भी कुछ देर की चुदाई के बाद मुझसे कहने लगी क्यों आज तुम किसको सोच सोचकर मुझे चोद रहे थे? तुम्हारे धक्कों को देखकर लगता है कि तुम्हें किसी दूसरी का इंतजार है और शायद उसी को सोचकर तुमने ऐसा किया? तो मैंने उससे कह दिया कि हाँ में आज एक फिल्म के बारे में सोच रहा था, लेकिन मैंने उसे दिया के बारे में नहीं बताया.

दोस्तों अब में उस दिन की बात बताने जा रहा हूँ, जिस दिन मैंने और दिया ने पूरे दिन अपने सेक्स को लेकर हमारी हर एक इच्छा को पूरा किया और मुझे उस दिन पता चला कि एक मासूम सी देखने वाली औरत सेक्स में किस तरह अपनी सारी शर्म को उतारकर हर एक पल को जी लेती है? दोस्तों यह बात उस दिन की है जिस दिन प्रिया को अपने मामा जी के घर किसी समारोह में अंबाला जाना था और मैंने उससे कहा था कि में नहीं आ सकूँगा, इसलिए वो बच्चो को लेकर सुबह अपनी बड़ी बहन के साथ चली गई और वो जाते हुए दिया को बोल गई कि इनके लिए खाना तैयार कर देना. फिर उसके जाते ही मैंने अपने ऑफिस ना जाने का निर्णय लिया और में दिया के पति और बच्चो के जाने का इंतजार करने लगा.

में हर 5 मिनट में बालकनी में जाता और दिया के घर में देखता. करीब 9:30 बजे प्रभात भी ऑफिस चला गया और उसके जाते ही मैंने दिया को व्हाटसप किया और कहा कि आज क्या इरादा है? तो उसने जवाब दिया कि तुम 15 मिनट में आ जाओ, तब तक नौकरानी भी चली जाएगी और हमारा रास्ता एकदम साफ हो जाएगा.

फिर मैंने 15 मिनट बाद नहाकर उसके दरवाज़े पर दस्तक दी तो दरवाज़ा खुद खुल गया और में अंदर चला गया और दिया को आवाज़ लगाई. दिया अंदर से बोली कि ललित तुम बेडरूम में आ जाओ. फिर में जैसे ही उसके बेडरूम में गया तो मैंने देखा कि दिया सिर्फ़ पर्पल कलर की ब्रा पेंटी में नहाकर खड़ी हुई थी, क्योंकि अभी उसके बाल पूरे गीले थे और बालों से सरकता हुआ पानी ऊपर से लेकर नीचे तक आ रहा था, वो उस समय पूरी काम देवी लग रही थी और में तुरंत उसके पास चला गया और मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और करीब 15-20 मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे.

उसके बाद दिया ने मुझसे कहा कि ललित मेरी अगली इच्छा है कि तुम मेरी चूत को चाटो. दोस्तों सच पूछो तो में यह शब्द इससे पहले भी उससे फोन पर सुन चुका था, लेकिन जब कोई औरत वो भी जो आपको पहली बार बिस्तर पर मिली हो इस तरह के गंदे गंदे शब्द बोले तो आप सोच सकते है कि आदमी का लंड पेंट फाड़कर बाहर आ जाता है.

फिर वो धीरे से उछलकर बेड पर लेट गई और खुद अपनी पेंटी को हटाकर उसमें उंगली करने लगी और मुझसे बोली कि ललित सारी शरम उतार दो, इस शरम की वजह से ही में अपने पति को अपनी ज़रूरत नहीं बता सकी कि कहीं वो मुझे ग़लत ना समझे और इस तरह में आज भी प्यासी हूँ, तुम आ जाओ मेरी चूत को चाटो, इसे आज तक प्रभात ने भी नहीं चूसा, तुम आज मेरी सारी हसरते पूरी कर दो और में भी आज तुम्हारी सारी अधूरी ख्वाइशे पूरी कर दूँगी.

दोस्तों मैंने भी अपने घुटनो के बल बैठकर अपना मुहं उसकी चूत में घुसा दिया और पेंटी के ऊपर से ही चूत को चाटना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से अब दिया ने सिसकियाँ लेना शुरू किया ऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हहह आईईईईई हाँ खा जाओ मुझे, उफ्फ्फ्फ़ हाँ तुम मेरी पूरी पेंटी उतारकर चाटो, खा जाओ इसे हाँ इसे गीली कर दो.

दोस्तों वो अब तक इतनी गरम हो गई थी कि उसके एक झटके में अपनी पेंटी को उतारकर अपने पैरों को पूरा फैलाकर मेरे मुहं पर अपनी चूत को रख दिया और फिर बोलने लगी कि हाँ ले प्रभात देख ले किस तरह चूत चुसवाने का शौक है मुझे. दोस्तों वो उसके मन में जो था वो बोले जा रही थी ऑश हाँ चूस ले चूस उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह चूस ले साले सारा जूस निकाल दे इस चूत का, कब से सिर्फ़ सोच सोचकर पानी निकाला है, लेकिन आज में इस चूत को चुदवाऊँगी.

फिर वो थोड़ा सा अपना सर उठाकर मुझसे बोली कि ललित मुझे किस करो, में भी तो अपनी चूत के रस का मज़ा लूँ आजा साले प्रभात देख आकर देख ले कितनी चुदक्कड़ हूँ में और देख किस तरह यह बहनचोद ललित मुझे चोदेगा? आजा साले क्यों कैसी लगी मेरी चूत ललित, यह बहुत टाईट भी है, इसने सिर्फ़ आज तक प्रभात का लंड लिया है, आह्ह्ह्ह चूस और ज़ोर से चूस मेरी आहह हूऊओ ऊईईईईई और फिर वो खुद ही अपनी गांड को ज़ोर ज़ोर से उठाकर मेरा मुहं भी पूरी ताक़त से अपनी चूत में घुसाये जा रही थी और कह रही थी आहूऊओ हूफफफफफ ललित बहन के लोड़े वाह मज़ा आ रहा है अहहहहह आईईईइ वाह मेरा रस निकल गया, ऑश मज़ा आ गया, ललित तुमने मेरी दो हसरते पूरी कर दी और फिर दिया मेरे मुहं में पूरी तरह से अपनी जीभ को डालकर फ्रेंच किस करने लगी.

दोस्तों शायद वो अपनी चूत के रस का भी मज़ा ले रही थी. करीब 10 मिनट के बाद वो मुझसे अलग हुई और बोली कि तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे हो कि में किस तरह की औरत हूँ? तो मैंने उससे कहा कि सेक्स का मज़ा लेना या अपनी इच्छाये रखना सिर्फ़ आदमी का हक़ नहीं है औरत की भी ज़रूरत है और में इसे ग़लत नहीं समझता, यह सबका हक है. फिर दिया मेरे मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुई और उसके तुरंत बाद मुझे अपने गले लगा लिया. फिर वो मुझसे बोली कि अब तुम बताओ कि तुम्हारी क्या कोई इच्छा जो में पूरी कर सकूं? तो मैंने कहा कि सेक्स को लेकर मुझे ऐसा कुछ नहीं करना, क्योंकि प्रिया के साथ मैंने सब कुछ किया है.

फिर दिया बोली कि हाँ ठीक है, लेकिन फिर भी कुछ तो ऐसा होगा जो तुमने मेरे साथ करने के बारे में सोच रखा है? तभी मैंने तुरंत उससे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारने की बहुत इच्छा है और वो मुझे बड़ी मस्त लगती है, जब तुम्हे इंडिया गेट पर देखा था तो पीछे से तुम्हारी गांड बहुत मस्त लग रही थी और मेरा मन उसको देखकर बहुत ललचा रहा था.

फिर दिया बोली कि हाँ वो तो मेरी भी बहुत इच्छा है और में आज वो भी जरुर पूरा करूँगी, लेकिन बहुत दर्द होगा, तुम ऐसा करो मुझे कुछ नशे की चीज़ दे दो, जिससे में नशे में उस दर्द को सह लूँ. फिर मैंने तुरंत उससे पूछा कि क्या प्रभात ड्रिंक करता है तो वो मुझसे बोली कि ड्रिंक करता तो में नशे में ही उनसे बहुत कुछ करवा लेती वो ना तो ड्रिंक करता है और ना ही ढंग से चुदाई करता है. फिर मैंने कहा कि मेरे घर में बियर है, लेकिन 2:30 बजे बच्चे आ जाएँगे तो फिर तुम क्या करोगी?

वो बोली कि आज यह दिन सिर्फ़ मेरे लिए है और आज में अपनी ज़िंदगी जरुर जी कर देखूंगी, तुम रूको में इसका इंतजाम भी करती हूँ, वो बिल्कुल नंगी ऐसे ही खड़ी हुई थी, उसके अपने मोबाईल पर एक नंबर मिलाया और फिर बोली कि भाई आज आप बच्चो को स्कूल से ले लेना और घर ले जाना में भी शाम को आ जाउंगी और इन्हें भी बोल दूँगी, वो भी उधर आ जाएगे और फिर वो इतना कहकर फोन रखकर मुस्कुराने लगी और बोली कि चलो आज नशे में भी चुदवाने का मज़ा लें. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या कभी तुमने ली है? तो उसने कहा कि नहीं, तो मैंने उससे कहा कि ठीक है.

फिर तुम थोड़ा कम लेना और में कपड़े पहनकर घर जाकर दो बियर ले आया और मैंने दिया के साथ चियर्स किया, दिया जैसे जैसे घूँट पीती गयी वैसे वैसे ही उस पर नशा चड़ने लगा, सिर्फ़ एक बियर ही उसके लिए बहुत थी. मैंने भी अब धीरे धीरे उसकी गांड पर हाथ लगाना शुरू कर दिया और फिर में उससे बोला कि दिया अब तुम घोड़ी बन जाओ. फिर दिया लड़खड़ाने लगी और फिर बिस्तर पर घोड़ी बन गई. मैंने उसकी अलमारी से वेसलिन निकाली और पूरी तरह से उसकी गांड पर लगाने लगा और वो भी पीछे मुड़कर हंसते हुए मुझसे बोली कि आज मज़ा आएगा जब मेरी गांड चुदेगी, ललित आ जाओ डाल दो लंड पूरा मेरी गांड में.

फिर मैंने जैसे ही अपनी उंगली पर वेसलिन लगाकर उसकी गांड में डाली और वो एकदम से उछल पड़ी. मैंने उससे पूछा कि क्यों क्या हुआ? तो वो बोली कि ऐसे नहीं होगा, में दीवार की तरफ हाथ रखकर खड़ी होती हूँ, तुम पीछे से अपना लंड मेरी गांड में डालना जिससे में आगे से खुद को रोक सकूं. अब मैंने फिर से अपनी उंगली को उसकी गांड में डाल दिया तो उसके मुहं से चीख निकल गई, लेकिन इस बार में रुका नहीं और अपनी उंगली से उसे चोदने लगा और उसको भी अब बहुत मज़ा आने लगा था.

फिर दिया मुझसे बोली कि ओह्ह्हह्ह्ह वाह ललित कितना मज़ा आ रहा है गांड चुदवाने में ऐसा लग रहा है कि जैसे शादी के बाद पहली बार चूत चुदवाई थी, ओहहहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ मारो और ज़ोर से डालो मेरी गांड भी फाड़ दो, अब तुम उंगली नहीं अपना लंड इसके अंदर डाल दो. तो मैंने पोज़िशन ली और एक झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के अंदर डाल दिया. उसकी तो चीखे निकल गई और मैंने उससे कहा कि थोड़ा धीरे चिल्लाओ तुम्हारी बाहर तक आवाज़ जा रही है.

फिर उसने कहा कि जाने दो मुझे अब कोई डर नहीं है, तुम अब बस अब जमकर चोदो मुझे. फिर उसने अपनी चूत में भी आगे से अपनी दो उंगलियां डाल ली तो मुझे और भी मज़ा आने लगा और मेरा जोश बढ़ गया. में भी उससे बोलने लगा कि साली रंडी वाह कितना मज़ा आ रहा है तुझे चोदने में. फिर वो बोली कि यह भी तो मेरी इच्छा है कि मुझे दो लोग एक साथ चोदे एक मेरी चूत में लंड डाले दूसरा गांड में और अब तो तुमने मेरी गांड भी खोल दी है आहहह हाँ चोदो मुझे, ज़ोर से चोदो, में तुम्हारी रंडी हूँ बहनचोद चोद मुझे.

फिर मैंने कहा कि हाँ में तो बहनचोद हूँ, उन सबके सामने तू मुझे भैया बोलती है और यहाँ बिस्तर पर मेरी रंडी बनी हुई है, साली बहन की लोड़ी ले खा मेरा लंड, तेरी तो में आज गांड को भी चोद चोदकर बड़ी कर दूंगा. अब दिया भी बोलने लगी कि साले बहनचोद हम दोनों एक जैसे है में भी चुदक्कड़ और तू भी चोदू. फिर मैंने अपने झटकों की स्पीड तेज़ कर दी तो वो भी फुल मस्त हो गई उफ्फ्फ्फ़ हाँ चोद अब, मेरी गांड में निकाल दे अपना पानी उफफ्फ्फ्फ़ में अब मर जाउंगी तेरा लंड लेते लेते. फिर मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ाकर बोला कि हाँ ले साली ले मेरा लंड, ले मरवा अपनी गांड और फिर में बिस्तर पर एक साइड में गिर गया, करीब 15 मिनट तक हम दोनों में से कोई भी नहीं हिला.

फिर दिया सीधी हुई और मुझ पर चढ़ गई और वो मुझसे बोली कि ललित सच में आज तक मैंने ऐसा सेक्स कभी नहीं किया, तुमने मुझे जो एहसास सेक्स में करवाया है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे शरीर बिल्कुल हल्का हो गया है और मेरे दिमाग़ में एक शांति सी आई है. फिर मैंने कहा कि अभी तो हमे चुदाई करते हुए सिर्फ़ दो घंटे हुए है अभी बहुत सारा मज़ा लेने के लिए हमारे पास पूरा दिन बाकी है और तभी मैंने खिड़की से बाहर देखा तो बरसात शुरू हो गई जिसको देखकर मेरे मन में चुदाई करने का एक दूसरा विचार आया और दोस्तों में उसे फिर से बाहों में लेकर लेट गया.

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गुलाबी चूत वाली मकान मालकिन

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Hindi sex story, Kamukta, Antarvasna, Hindi sex kahaniya   सभी रीडर्स को रोकी का प्यार।  दोस्तों जब में अपनी पढ़ाई पूरी करके अपना शहर छोड़कर नये शहर में आया था.. तो में दो साल तक एक घर में किराए पर रहता था। फिर मुझे एक दूसरे घर का पता चला जिस घर में सिर्फ़ एक विधवा महिला रहती है.. अपने 10 महीने के बच्चे के साथ। वो घर मेरे ऑफिस से भी पास था.. तो में एक दिन उस घर में रहने के लिए उसे पहली बार देखने गया था। फिर मैंने जैसे ही दरवाजे पर घंटी बजाई तो सिंपल सी साड़ी पहनी हुई एक ज़वान, खूबसूरत लड़की ने दरवाज़ा खोला। तो मैंने उससे कहा कि में घर देखने आया हूँ और मकान मालकिन से मिलना चाहता हूँ। तो उसने बोला कि वो खुद मकान मालकिन है और यह बात सुनते ही मुझे एक ज़ोरदार झटका लगा.. क्योंकि उसे देखकर लग ही नहीं रहा था कि उसकी शादी हो चुकी है और वो एक 10 महीने के बच्चे की माँ भी है। मेरी तो अब बोलती ही बंद हो गई थी।
फिर मैंने अपने आप को संभाला और उसके साथ घर देखने लग गया और घर बहुत अच्छा था इसीलिए मैंने बिना कुछ सोचे उसे एक साल का किराया एडवांस में दे आया। फिर वहाँ से आने के बाद में उस रात को उस लड़की के बारे में सोच सोच कर सो नहीं पाया और उसका नाम रिया था। वो दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका रंग गोरा था.. उसकी उम्र 23 साल थी.. लेकिन उसके पति का स्वर्गवास 9 महीने पहले ही हो चुका था। फिर दो दिन बाद में उस घर में शिफ्ट हो गया। पहले तो वो मुझसे जब भी बात करती थी तो सर पर पल्लू लेकर ही बात करती थी। फिर धीरे धीरे वो मुझसे बिना पल्लू लिए ही बात करने लगी और में हर दिन की तरह अपने काम के कारण बहुत व्यस्त होता था।
फिर दो महीने बाद एक दिन रात को में अपने रूम में बैठकर अपने लेपटॉप पर कुछ काम कर रहा था कि मेरे घर के दरवाजे की घंटी बजने लगी और मैंने घड़ी की तरफ देखा तो रात के 2.15 बजे हुए थे। तो मैंने दरवाज़ा खोला तो देखा कि रिया बाहर खड़ी थी और वो बहुत घबराई हुई थी। तो मैंने उसे अंदर आने के लिए कहा तो उसने कहा “प्लीज़ आप मेरे साथ चलिए। फिर में बिना कुछ बोले उसके साथ चला गया और जाते ही उसने बताया कि उसकी बेटी की तबीयत बहुत खराब है और वो बेहोश हो गई है। फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ था? तो उसने बताया कि कुछ दिनों से उसकी बेटी को बहुत तेज़ बुखार था। फिर मैंने उसे कहा कि आप मेरे साथ इसी समय हॉस्पिटल चलिए और मैंने अपनी गाड़ी बाहर निकाली और में उन दोनों को लेकर जल्दी से हॉस्पिटल पहुंच गया।
फिर वहाँ पर मैंने उसकी बेटी को बहुत ही मुश्कील से डॉक्टर को दिखाया.. डॉक्टर ने उसे देखा और बोला कि इसे ज़्यादा सर्दी के कारण निमोनिया हो गया है और उसने उस बच्ची को तुरंत आईसीयू में भर्ती करवाया और उसका इलाज शुरू कर दिया.. पूरी रात में और रिया आईसीयू में रहे। फिर सुबह 8.30 बजे जाकर उस बच्ची को होश आया और उसके बाद दो दिन तक हम वहाँ पर रहे और मैंने भी ऑफिस से छुट्टी ले ली थी।
फिर हम तीसरे दिन बच्ची को घर लाए और घर आते ही मैंने माँ और बेटी हो उनके घर में छोड़कर अपने घर जाने लगा तो रिया ने मुझे रोका और वो मेरे पैरो पर गिरकर रोने लगी.. मुझे बड़ा अजीब सा लगा और मैंने उसे बार बार उठने को कहा.. लेकिन वो नहीं उठी तो मजबूरन मुझे उसे उठना पड़ा। फिर उसने कहा कि में आपका एहसान कभी नहीं भूल सकती.. अगर आज आप नहीं होते तो पता नहीं मेरी बच्ची का क्या होता? भगवान ने आपको हमारे लिए फरिश्ता बनाकर भेजा है। तो मैंने कहा कि में कोई फरिश्ता नहीं हूँ.. अगर आपकी जगह कोई भी होता तो में उसकी मदद जरुर करता.. प्लीज आप रोइए मत और अपनी बेटी के साथ कुछ देर आराम कर लीजिए में अभी चलता हूँ फिर आऊंगा और अगर कुछ भी ज़रूरत हो तो मुझे बुला लीजिएगा.. इतना कहकर में वहाँ से चला गया।
फिर में रोज़ ऑफिस से आते ही उनके घर जाकर उनका हालचाल पूछता था और फिर कुछ दिनों बाद उस बच्ची की तबीयत ठीक हो गई और मेरा वहाँ पर आना जाना भी कम हो गया। एक दिन में ऑफिस आया तो मुझे पास ही के एक गार्डेन में रिया और उसकी बच्ची मिली। तो रिया ने मुझसे कहा कि आप तो हमे भूल गये है अब तो आप घर भी नहीं आते। फिर मैंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.. में कुछ दिनों से थोड़ा काम में व्यस्त था। तो रिया ने कहा कि आप चेंज करके मेरे घर पर आइए.. हम साथ बैठकर चाय पिएँगे। पहले तो मैंने मना किया और फिर बाद में रिया ने बहुत ज़िद की तो में मान गया और में उसके घर पर गया। फिर उसने हम दोनों के लिए चाय बनाई और वो साथ में खाने के लिए कुछ नमकीन भी लाई। चाय पीते पीते मैंने उससे पूछा कि इतने बड़े घर में वो अकेली कैसे घर में और कोई नहीं है क्या?
तो उसने बताया कि मेरी लव मेरिज हुई थी और मेरे पति एक प्राईवेट कंपनी में सेल्स मेनेजर थे और उनका इस दुनियाँ में कोई था। यह उनके दादाजी का बंगला है.. उनके माता, पिता की बचपन में ही म्रत्यु हो गई थी तो वो अपने दादाजी के साथ ही रहते थे। हम दोनों कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे और मेरे पति का नाम हरीश था। जब हरीश की नौकरी लगी तो वो मेरा हाथ माँगने मेरे घर गये.. लेकिन उन्हें अनाथ कहकर मेरे पापा ने हमारी शादी करने से मना कर दिया।
फिर हम दोनों ने घर से भागकर शादी की तो मेरे घर वालो ने उस दिन से हमसे रिश्ता तोड़ दिया और में मुंबई की रहने वाली हूँ। फिर एक दिन एक कार एक्सिडेंट में मेरे पति की मौत हो गई.. तब हरीश के दादाजी ज़िंदा थे.. लेकिन हरीश के जाने के बाद उनको भी हार्ट अटेक आया और वो भी 6 महीने पहले गुज़र गये और उनके जाने के बाद इस घर में सिर्फ़ में और मेरी 9 महीने की बेटी ही रह गए। फिर घर खर्च चलाने के लिए में नौकरी करना चाहती थी.. लेकिन अभी मेरी बेटी छोटी है तो उसके लिए मुझे घर में रहना होगा। फिर यह बात सोचकर मैंने घर का एक हिस्सा किराए पर देने का सोचा और आप आ गए लगता है कि भगवान को भी हमारी फ़िक्र थी इसीलिए आप जैसा एक अच्छा इंसान हमारे घर में रहने के लिए भेज दिया।
फिर रिया यह सब बातें कहते कहते रो रही थी। तो मैंने उसे कहा कि आप रोईए मत और मुझे अपना दोस्त ही समझिए.. जब भी आपको मेरी ज़रूरत होगी में हाज़िर हो जाऊंगा। तो रिया ने कहा कि मुझे आप मत कहिए.. तुम कहिए मुझे अच्छा लगेगा। फिर हम दोनों ने बैठकर ढेर सारी बातें की.. उस रात मैंने खाना भी उसके घर पर ही खाया। फिर में अपने रूम में आ गया और उस रात को सोते वक़्त में रिया के बारे में सोच रहा था कि बैचारी लव मेरिज की सज़ा भुगत रही है.. उस दिन के बाद रिया ने मुझे उसके घर पर खाने के लिए बोला.. लेकिन मैंने मना कर दिया और मेरे मना करने के बाद भी वो रोज़ रात को मेरे लिए खाना लाने लगी। तो मैंने उससे कहा कि तुम इतनी तकलीफ़ मत करो.. में तुम्हारे घर आकर खाना खा लूँगा। फिर ऐसे हमारी दोस्ती गहरी होने लगी और धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे। फिर में उन दोनों माँ बेटी को छुट्टियों में बाहर घूमने ले जाता था।
फिर एक दिन मैंने रिया से कहा कि अब वो पहले जैसी थी वैसी ही रहे.. नहीं तो बाहर के लोग इधर उधर की बातें करने लगेंगे। तो उसने मेरी बात मान ली और वो फिर से खुश रहने लगी और में उसे अपने ऑफिस से लाया हुआ काम देने लगा तो वो उसे भी करने लगी। फिर हम दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गयी पता ही नहीं चला और फिर एक दिन मैंने उससे शादी के बारे में पूछा तो उसने मना कर दिया और वो बोली कि रोकी मैंने अपनी लाईफ में जबसे प्यार के बारे में जाना है तब से हरीश को ही चाहा है और उससे ही शादी भी की.. लेकिन में उसकी जगह किसी और को नहीं दे सकती और तुम्हारे लिए मेरे दिल में बहुत प्यार है.. लेकिन में शादी नहीं कर सकती। उसकी बातें सुनने के बाद मैंने फिर कभी उससे शादी करने के लिए नहीं पूछा और फिर धीरे धीरे में उसके साथ उसके घर में रहने लगा।
फिर एक दिन रात को में अपने कमरे में बैठकर काम रहा था और तभी रिया आई.. उसने एक लाल कलर की मेक्सी पहनी थी और अभी अभी नहाकर आई थी तो उसके बदन में पानी की बूंदे थी और बाल भी थोड़े थोड़े भीगे रहे थे। तो जब मैंने उसे इस हालत में देखा तो पहली बार मेरे अंदर उसे चोदने का ख्याल आया और उस दिन से पहले मैंने कभी उसे हाथ भी नहीं लगाया था या ऐसा सोचा भी नहीं था.. लेकिन उस दिन वो क्या क़यामत ढा रही थी और उसे देखकर मेरे तो पसीने छूट गये। फिर में अपने बेड से उठा और उसके पास जाकर बोला कि आज तो तुम ग़ज़ब ढा रही हो और तुम्हे देखकर में अपने आपको भूल गया हूँ और में अब अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूँ। यह सुनकर उसने बोला कि तुम्हे कंट्रोल करने के लिए किसने कहा है में तो कब से तुम्हारी हूँ.. लेकिन तुम हो कि मुझे भाव ही नहीं देते।
फिर उसकी यह बातें सुनकर मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया और फिर वो बोली कि हरीश के जाने के बाद आज पहली बार में किसी के इतने करीब आकर गले लगी हूँ। मैंने उसका चेहरा पकड़ा और होंठ पर किस किया वो मदहोश होने लगी। फिर में उसे बाहों में उठाकर बेड पर ले आया और लेटा दिया और में उसके ऊपर चढ़ गया। फिर में उसके मुहं के अंदर जीभ डालकर किस करने लगा और साथ साथ चूचीयों को दबाने लगा.. ऐसा 10-12 मिनट तक चला। फिर मैंने उसकी मेक्सी को खोल दिया। अंदर उसने गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी। गोरे बदन में वो चमक रही थी। मैंने उसके पीछे हाथ डालकर ब्रा का हुक खोलकर दूर फेंक दिया.. मेरे सामने उसकी बड़ी बड़ी चूचीयाँ आ गई और में बिना रुके उसके ऊपर टूट पड़ा।
जैसे ही मैंने उसकी एक चूची को मुहं में डालकर चूसने लगा उसके मुहं से ओहहह की आवाजें आने लगी और वो मेरे बालों में हाथ फैर रही थी। उसकी बच्ची छोटी थी तो उसके बूब्स से दूध भी निकल रहा था मेरा मुहं उसके दूध से भर गया था। फिर में धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा और उसकी नाभि को किस करके जीभ घुमाने लगा और एक हाथ उसकी चूत के ऊपर रखकर पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा। चूत से अब पानी निकल रहा था तो पेंटी पूरी गीली हो गयी थी। फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार फेंका और उसकी फूली हुई गोरी चूत मेरी आँखों के सामने आ गई और उसकी चूत में बाल थे.. लेकिन बाल बहुत छोटे छोटे थे।
फिर मैंने चूत का मुहं खोला तो रिया आह्ह्ह करने लगी और फिर में उसकी चूत के दाने को दांत से काटने लगा और चूत को ज़ोर ज़ोर से काटने लगा तो वो तड़पने लगी और मेरे सर को पकड़कर चूत में दबाने लगी। उसके मुहं से अहह ओहआआअ उम्फ्फ्फआअ की आवाज़ निकलने लगी। मैंने 15 मिनट तक उसकी चूत चाटी.. चूत के अंदर जीभ घुसाकर चोदने लगा और साथ ही साथ उंगली से चूत के दाने को मसलने लगा। रिया पागल सी होने लगी और उसने एक ज़ोर की चीख मारी और झड़ गयी।
में चूत के पानी की आखरी बूँद निकलने तक चूसता रहा और फिर सारा चूत का पानी अपने मुहं में भरकर उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मुहं में वो पानी छोड़ दिया और उसने सारा का सारा पानी पी लिया.. मैंने उसे किस किया फिर वो उठी और मेरे कपड़े उतारने लगी और मेरे लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी। फिर लंड को मुहं में डालकर चूसने लगी.. लेकिन रिया बहुत अच्छा लंड चूसती है। तो में उसकी पीठ को सहला रहा था और वो मेरे लंड को आईस्क्रीम की तरह चूस रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर जब मेरा लंड तनतनाने लगा तो मैंने उसे फटाक से नीचे पटक दिया और उसकी टांगो के बीच बैठ गया। तो उसने अपने एक हाथ से चूत का मुहं फैला दिया और में एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसके दाने पर रगड़ने लगा तो वो चीखने चिल्लाने लगी.. जल्दी डालो ना अंदर पिछले एक साल से इसके लिए तरस गयी हूँ में.. प्लीज अब और मत तड़पाओ।
फिर वो खुद ही मेरे लंड को पकड़ कर चूत में घुसाने लगी.. लेकिन बहुत दिनों से नहीं चुदवाने से चूत का मुहं थोड़ा सिकुड गया था तो उसे बहुत दर्द हो रहा था.. लेकिन फिर भी वो उस दर्द को सहन करके घुसाने लगी और उसकी इस तड़प को देखकर में अपने आप को भी नहीं रोक पाया और मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारकर एक ही बार में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ घुस गया। तो रिया चीख पड़ी.. उईमाँआआ अहह बहुत दर्द होऊऊऊओ रहा है.. ज़राआआ धीरे डालो अहह य्ाआआअ। फिर मैंने उसके पैरों को पकड़ा और चोदने लगा.. उसकी चूत बहुत गरम थी तो मेरे लंड को एसा लग रहा था कि मानो किसी गरम पानी में डाल दिया हो।
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी तो रिया आह्ह माँााआआ अह्ह्ह करने लगी। फिर मैंने उसे बेड के किनारे पर घोड़ी बनाकर उल्टा लेटा दिया और में नीचे खड़ा हो गया और मैंने उसको कहा कि तुम अपनी गांड को फैला लो तो उसने वैसा ही किया और फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर थोड़ा थूक लगाया और लंड घुसाने लगा.. लेकिन गांड बहुत टाईट थी तो मेरा लंड बार बार फिसल जाता था। तो उसने कहा कि ड्रेसिंग टेबल पर तेल की शीशी है तुम उसे ले आओ और मैंने तेल की पूरी शीशी को उसकी गांड में डाल दिया और उसके ऊपर मेरे लंड को रगड़कर फिर से घुसाने लगा.. लेकिन इस बार तेल की फिसलन के कारण मेरा लंड एक ही बार में गांड को फाड़ता हुआ अंदर तक पूरा घुस गया। इस हरकत से रिया को बहुत दर्द हुआ और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी.. उई माँ मेरीइईईईईई तो गांडद्द्द्द्दद्ड फटटटटटतत्त गईइिईईईईईई अहह और आज तक कभीईईईईई भी मेरे पतिईईईईईईई ने भी मेरीइईईईईईई गांडद्द्द्द्द्दद्ड नहींईईईईइ मरीरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररी थीईईईईई। फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ा और तेज़ी से गांड मारने लगा और रिया चिल्लाती रही.. लेकिन मैंने उसे अनसुना कर दिया और उसकी गांड बहुत टाईट थी तो मुझे भी लंड डालने में बहुत दिक्कत हो रही थी और साथ साथ हम दोनों को बहुत मज़ा भी आ रहा था।
लगातार 15 मिनट तक मैंने बिना रुके उसकी गांड को चोदा और दर्द के कारण वो अपने आप गिर गयी। फिर मैंने उसे बेड पर सीधा लेटाया.. बेड के साईड में पानी का भरा हुआ जग था.. तो मैंने उसमे से थोड़ा पानी पिया और उसे भी पिलाया। तो रिया ने बोला कि तुम तो पक्के खिलाड़ी हो आज तो तुमने मेरी चूत और गांड दोनों की धज्जियां उड़ाई दी। तो मैंने उसके ऊपर लेटकर कहा कि अभी तो बहुत कुछ बाकी है डार्लिंग.. तुम आगे आगे देखो होता है क्या? फिर उसने पूछा कि तुम्हे दर्द नहीं होता है क्या? क्योंकि जब हरीश ने मुझे पहली बार चोदा था तो मेरे साथ साथ वो भी बेहोश हो गया था और इसका मतलब तुमने पहले भी किसी को चोदा है? तो मैंने कहा कि हाँ।
फिर में नीचे खड़ा हो गया और रिया को बैठाकर लंड चुसवाने लगा फिर मैंने उसे गोद में उठाकर ड्रेसिंग टेबल के ऊपर बैठा दिया और में नीचे खड़ा होकर उसकी चूत में लंड घुसाकर चोदने लगा। तो कुछ देर बाद उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और झड़ गयी.. तो चूत का सारा पानी टेबल से होकर नीचे टपकने लगा। फिर मैंने उसे उसी पोज़िशन में चूत में लंड डाले हुए बाहों में उठाकर खड़े खड़े चोदने लगा और उसके बाद मैंने उसे बस बेड पर लेटा दिया और चोदने लगा और पूरा कमरा पचक पचक पूच पूच अहह उहह उफ्फ्फ की आवाज से भर गया था। फिर में उसके कान को काट रहा था तो वो शीईईई कर रही थी और उसे चोदते टाईम में उसकी चूचीयों को दबा रहा था.. जिसमे से दूध निकल रहा था। तो मैंने निप्पल को चूसकर दूध को अपने मुहं में भरकर रिया के मुहं के अंदर छोड़ देता और फिर उसके अंदर जीभ डालकर खेलता था.. इसमे बहुत मज़ा आता था।
फिर मेरा भी निकलने वाला था। तो मैंने स्पीड बढ़ा दी और उससे पूछा कि कहाँ डलवाना चाहती हो? तो उसने कहा कि बहुत दिनों से मेरी चूत सूखी है.. आज तुम उसे अपने लंड के पानी से नहला दो.. ये कहती कहती वो भी झड़ गयी। फिर उसकी चूत का गरम पानी मेरे लंड को छूते ही में भी झड़ गया और में वीर्य की आखरी बूँद गिरने तक धक्का मार रहा था और रिया के मुहं से हूँऊऊऊऊ अहह कितने दिनोंऊऊऊऊओ केईईई बादद्द्द्द्द् आजज्ज्ज्ज्ज् अहह जाकरर्र्ररर मेरीईईईईईईईई चूतटटतत्त कोऊऊओ शांतीईईईईईईईईईईई उहह माँआआआअ मिलीईईईईईईई है। फिर मैंने उसे गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया वहाँ पर हम दोनों मिलकर नहाए और उसके बाद बाहर आ गए। में उसके साथ उसके कमरे में गया और बेड पर सो गया तो बच्ची को रिया ने झूले पर लेटा दिया और वो खुद मेरे सीने पर सर रख कर सो गयी।
फिर उसने कहा कि जान तुम नहीं जानते में हरीश के जाने के बाद कैसे बीना चुदाई के रही हूँ? जब तक हरीश था वो मुझे रोज़ चोदता था और मेरी बेटी के पेट में आने के बाद 3-4 महीने तक उसने मुझे चोदा है और फिर उसकी डेथ के बाद में जब भी रात को सोती थी तो मेरी चूत में आग लग जाती थी.. लेकिन में कुछ नहीं कर पाती थी और मैंने बहुत कोशिश की झड़ने की.. लेकिन मेरी चूत से एक बूँद भी पानी नहीं निकला और फिर मेरे करने से थोड़ी निकलता है। फिर जब उस रात तुमने मेरी बेटी को हॉस्पिटल में भर्ती किया तो उसके बाद में तुमसे प्यार करने लगी.. लेकिन तुम्हे बताने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी और आज जाकर मेरी तमन्ना पूरी हुई। तुम मुझे कभी छोड़कर मत जाना भले ही तुम घर का किराया कम कर देना.. नहीं तो में मर जाऊंगी। फिर मैंने उसके माथे को चूमते हुए कहा कि बेबी तुम चिंता मत करो.. आज से तुम दोनों की जिम्मेदारी मेरी है और मैंने तो तुमसे पहले भी कहा था कि में तुम्हारी बेटी को अपना नाम देना चाहता हूँ.. लेकिन तुमने मना कर दिया था.. लेकिन फिर भी में तुम दोनों का पूरा ख्याल रखूँगा और तुम्हारी बेटी को कभी बाप की कमी का एहसास नहीं होने दूँगा और तुम्हे अपने पति के ना होने का। फिर हम दोनों बाहों में बाहें डालकर सो गये।

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मुझे चोदने के लिए चाहिए बड़ा लंड, आपके पास हैं क्या

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Hindi sex stories, Hindi sex kahaniya प्लीज़ दोस्तों, आप सभी से मेरा यह आग्रह है कि आप लोग लंड और चूत को बाहर निकालकर अच्छी तरह से रगड़कर पूरे मज़े लेकर यह कहानी पढ़े. दोस्तों मेरा नाम कोमल है और मेरी उम्र 24 साल है और में एक शादीशुदा लड़की हूँ. दोस्तों मेरी शादी दो साल पहले समीर नाम के उस लड़के से हुई थी, जो अब मेरा पति परमेश्वर बन चुका था.

दोस्तों जब से में सेक्स के बारे में समझने लगी थी. उसके बाद से में चुदक्कड़ किस्म की बन गई और यह बात धीरे धीरे मेरे पति को भी समझ में आने लगी थी और मुझे अपनी चुदाई करवाने का बहुत शोक है, में बरोडा, गुजरात से हूँ और में दिखने में बहुत ही हॉट, सेक्सी हूँ. मेरे बूब्स एकदम गोल और बड़े आकार के है, मेरी कमर पतली और गांड कुछ ज्यादा ही उभरी हुई है, में अपने हमेशा पहनने वाले टाईट कपड़ो में बहुत ही चुदासी दिखती हूँ और में खुद जानबूझ कर भी ज़्यादातर कपड़े ऐसे ही पहनती हूँ कि उनसे मेरे सेक्सी बदन के हर एक अंग का आकार किसी को भी बिल्कुल साफ साफ दिखे और वो मेरी तरफ आकर्षित हो जाए.

दोस्तों कुल मिलाकर मुझे पराए मर्दो के लंड को खड़े करना बहुत अच्छा लगता है और ऐसा करने से मुझे एक अजीब सी संतुष्टि मिलती है और में उसके खड़े लंड को देखकर मन ही मन बहुत खुश होती हूँ. दोस्तों में आज ठीक ऐसी ही अपनी जोश से भरी चुदाई की सच्ची घटना आप सभी पाठकों के लिए लेकर आई हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी.

दोस्तों यह बात मेरी शादी से कुछ सालों पहले की है, जब में एक कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी, तब मेरा एक बॉयफ्रेंड था. उसका नाम राजेश था, मेरी यह दोस्ती उसके साथ करीब दो साल तक रही और में उसके साथ बहुत खुश थी और हम लोग कॉलेज में मिलने के बहाने फिल्म देखने जाते थे और बाहर इधर उधर घूमते फिरते और हम दोनों कभी कभी एक दूसरे को किस भी करते थे. दोस्तों मैंने उसको अपने साथ किसिंग और बूब्स दबाने से ज़्यादा कुछ नहीं करने दिया, लेकिन वो काम भी कभी कभी सही मौका देखकर होता था और जब कभी वो मेरे गाल को पकड़कर जबरदस्ती मेरा मुहं खोलकर अपनी जीभ को मेरे मुहं के अंदर डालता तो मुझे बड़ा मज़ा आता.

कुछ देर नाटक करने के बाद में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगती और हम दोनों मज़े लेते. दोस्तों यह सब हम दोनों के बीच करीब दो साल तक चला, लेकिन मैंने कभी भी उसको अपनी चुदाई करने का ऐसा कोई भी मौका नहीं दिया था, जिसका वो थोड़ा सा भी फायदा उठा सके और इस बीच मेरी शादी फिक्स हो गई और में भी मन ही मन बहुत खुश थी कि मेरी एक बहुत अच्छे दिखने वाले हट्टेकट्टे सुंदर लड़के से सगाई करवाई जा रही थी और मेरी अच्छी किस्मत से में जितनी बड़ी चुदक्कड़ थी, उतना ही बड़ा समीर भी चुदक्कड़ निकला. उसे भी चुदाई करने का बहुत शौक था.

मेरी तरह वो भी सेक्स करने का बहुत भूखा था और मेरी सगाई फिक्स होने के चार दिन बाद ही हम दोनों ने एक अच्छा सा सही मौका देखकर अपना पहला सेक्स किया और में तब तक वर्जिन थी, इसलिए मुझे थोड़ा दर्द भी जरुर हुआ था, लेकिन उसके साथ साथ मज़ा भी तो बहुत आया था और उस चुदाई के अहसास को में अपनी किसी भी शब्दों में आप लोगों को नहीं बता सकती कि वो कैसे मज़ा था और ऐसे ही चुदाई के मज़े करते करते कुछ महीनो में हमारी शादी भी हो गई और अब हमारी सेक्स लाईफ भी बहुत अच्छी चलती जा रही थी.

दोस्तों में अपने पति का साथ पाकर अपने उस बॉयफ्रेंड को भी बिल्कुल भूल चुकी थी. अब समीर मुझे बहुत अच्छे से चोदते थे और पूरे मज़े देते थे और मुझे उनके लंड की सवारी करना और उनकी गालियों के साथ अपनी चुदाई करवाना बहुत पसंद था और अब में भी चुदाई के समय बहुत गंदी गंदी गालियाँ बोलती हूँ, उसकी वजह से हमारा जोश और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जैसे कि हाँ भोसड़ी के चोद मुझे आअहह मादरचोद फाड़ दे मेरी चूत को, ज़ोर से चोद साले कुत्ते चूतिए और वो भी मुझे कभी रांड तो कभी छिनाल, रखेल और कभी मादरचोद कुतिया कहकर लगातार जोरदार धक्के लगाकर चोदता रहता था.

फिर एक दिन समीर मुझे बहुत जोरदार धक्के गालियाँ देकर चोद रहा था. तभी अचानक से उसने मुझसे पूछ लिया कि कोमल तुम मुझे सच सच बताओ कि हमारी शादी से पहले तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड था कि नहीं? दोस्तों पहले तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित थी, लेकिन मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ कभी सेक्स नहीं किया था, इसलिए मुझे बिल्कुल भी संकोच नहीं था और इसलिए में एकदम निडर होकर बोली.

में : हाँ मेरा एक दोस्त था और उसके अलावा कुछ भी नहीं.

समीर : सिर्फ़ दोस्त या फिर बॉयफ्रेंड?

में : हाँ मेरा कॉलेज के समय एक बहुत अच्छा बॉयफ्रेंड था.

समीर : उसका क्या नाम था?

में : आप जाने दो ना, मुझे उसके बारे में कुछ भी याद नहीं करना.

समीर : प्लीज बताओ, में ऐसे ही पूछ रहा हूँ, मुझे तुम्हारे बीते हुए कल से कोई भी आपत्ति नहीं है.

में : उसका नाम राजेश था.

समीर : क्या तुम्हें कभी उसकी याद आती है? और तुमने उसके साथ क्या क्या किया था?

में : ओफफो आप मुझसे यह सभी बातें क्यों पूछ रहे हो?

समीर : प्लीज डार्लिंग एक बार बताना, मुझे सुनना अच्छा लग रहा है तुम्हारे बॉयफ्रेंड राजेश के बारे में बातें करके अच्छा लगता है, देख अब मेरा लंड खड़ा हो रहा है, बताओ उसने तुम्हें कहाँ कहाँ छुआ?

में : हमने सिर्फ़ एक दूसरे को किसिंग की है और वो भी कभी कभी.

समीर : कभी कभी क्या? प्लीज पूरी तरह खुलकर बताओ मुझे.

में : वो कभी कभी राजेश मेरे बूब्स भी दबाता था और जब उसको सही मौका मिलता तो वो मेरे निप्पल को अपने मुहं में लेकर मेरा दूध भी पीता था और मुझे उसको दूध पिलाना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन हमने बस इसके आगे कभी भी कुछ नहीं किया.

समीर : क्या कभी तुमने उसके लंड को पकड़ा या छुआ भी था और उसकी मोटाई को महसूस भी किया था?

में : हाँ, लेकिन बस एक बार जब हम उस दिन एक पब्लिक पार्क में बिल्कुल अंधेरे में बैठकर बहुत जमकर किस कर रहे थे, तब वो मेरे एक बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूस रहा था और दूसरे बूब्स की निप्पल को निचोड़ रहा था और उसके ऐसा करने की वजह से में तब बहुत गरम हो गई थी और मैंने उसका लंड उसकी पेंट के ऊपर से ही दबा लिया और फिर में उसको सहलाने लगी और फिर कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंट की ज़िप को खोलकर लंड को बाहर निकाला, ज्यादा अंधेरा होने की वजह मुझे कुछ नहीं दिखा, लेकिन हाँ छूने से मुझे बहुत अच्छी तरह से पता चल गया कि उसका लंड बहुत ही मोटा और आकार में लंबा भी था, तुम्हारे लंड से भी मोटा, लंबा लंड.

समीर : फिर उसके बाद क्या हुआ, तुमने उससे चुदवाया नहीं?

में : नहीं मेरी चुदाई नहीं हो पाई. उस दिन मैंने बस उसका लंड हिला हिलाकर पानी बाहर निकाल दिया, जिसकी वजह से वो एकदम शांत हो गया और उसके लंड का आकार धीरे धीरे छोटा होने लगा था और उसके एक सप्ताह के बाद ही हमारी सगाई तय हो गई और मैंने उससे अपना रिश्ता तोड़ दिया. उसके बाद हमने कभी मिलने बात करने की कोई भी कोशिश नहीं की.

समीर : ओह तो तुम्हारी सेक्स कहानी उसके साथ वहीं पर एकदम अधूरी रह गई है ना? तुम सच बताओ क्या अब अगर तुम्हें मौका मिले तो तुम उससे चुदवाओगी?

में : अभी हम इतना खुलकर बातें कर रहे है तो में तुम्हें बिल्कुल सच सच बताउंगी कि अगर तुम चाहो तो में तुम्हारी मर्ज़ी से उससे जरुर मिलूंगी और जो भी काम करूँगी वो सब तुम्हारे सामने करूँगी.

समीर : बहुत खुश होते हुए मेरे बूब्स को दबाते हुए बोला, वाह मेरी जान में तुम्हें सेक्स में वो पूरा मज़ा देना चाहता हूँ और में चाहता हूँ कि तुम मेरे सामने अपने बॉयफ्रेंड राजेश से मिलो और उसके साथ किस करो, उससे अपनी चुदाई करवाओ.

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दोस्तों फिर हमने सब कुछ प्लान किया और फिर हम दोनों ने उस रात को बहुत जबरदस्त जमकर चुदाई की और पूरे मज़े लिए और समीर ने उस रात को मुझे मेरा बॉयफ्रेंड राजेश बनकर बहुत जमकर चोदा और में बहुत खुश थी.

फिर दूसरे दिन हमारे बनाए प्लान के मुताबिक दोपहर को करीब 12 बजे मैंने राजेश को अपने मोबाईल से कॉल किया और वो मेरी आवाज सुनकर बहुत चकित हुआ. मैंने कुछ ही समय में उसको अपनी प्यारी प्यारी बातों में उलझाकर अपने घर पर मिलने के लिए बुला लिया, वो मेरी बात सुनकर घर पर आने के लिए मान गया. फिर कुछ देर बातें करने के बाद मैंने फोन रख दिया और करीब एक बजे दरवाजे की घंटी बजी, मुझे अच्छी तरह से पता था कि वो राजेश ही था.

फिर मैंने उठकर जाकर दरवाजा खोल दिया और अब में उसको देखकर बहुत खुश हुई और उसको तुरंत दरवाजे से अंदर खींचकर मैंने बहुत टाईट हग किया और उसके गले में अपनी कोमल गोरी गोरी बाहें डालकर मैंने उसको चूमा और बहुत देर तक चूमा और वो भी मुझे जमकर चूम रहा था, वो आज मेरे साथ पूरे दो साल की कसर निकाल रहा था.

फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने अपना अपना होश संभाला और मैंने उसको बैठा दिया और फिर किचन में जाकर पानी और चाय बनाकर दी. फिर वो चाय पानी पीने के बाद अब मेरी गोद में अपना सर रखकर लेटा हुआ था और मेरे झूलते हुए बड़े आकार के बूब्स से खेल रहा था दोस्तों सच पूछो तो इतने सालों बाद में उसके बदन का स्पर्श पाकर में बहुत खुश थी और में बहुत अच्छा महसूस कर रही थी.

राजेश : कोमल इतने सालो बाद तुझे मेरी याद आई? मैंने तुम्हें बहुत याद किया.

में : राजेश में भी तुम्हें बहुत याद करती थी, इसलिए मैंने आज तुम्हें यहाँ पर बुलाया है, इससे पहले हम कुछ नहीं कर पाए, लेकिन अब तुम अपनी सारी कसर को पूरी कर लो और मुझे अपना बना लो जानू, राजेश में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्लीज तुम मुझे अपनी बाहों में भर लो और मुझे प्यार करो और मुझे अपनी बीवी बना लो.

दोस्तों उससे यह बात कहते हुए मैंने उसको चूमना शुरू किया. उसका सर अब भी मेरी गोद में था और में उसका मुहं हाथ से खोलकर उससे प्यार करने लगी थी, उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था. अब मैंने उसकी पेंट की तरफ देखा तो उसका लंड अब धीरे धीरे खड़ा हो रहा था.

तभी मैंने उसका लंड पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी, उतने में ही दरवाजे पर लगी घंटी बजी और फिर मैंने डरने का नाटक किया और हमने तुरंत अपना हुलिया थोड़ा बहुत ठीक किया और मैंने उठकर दरवाज़ा खोल दिया, देखा तो मेरे सामने मेरे पति समीर खड़े हुए थे और उन्होंने पहले प्लान के हिसाब से मुझ पर थोड़ा सा गुस्सा किया.

समीर : क्यों तुमने दरवाजा खोलने में इतना समय कैसे लगा दिया? और यह कौन है, मैंने पहले कभी इसको नहीं देखा, यह हमारे घर में इस समय क्या कर रहा है?

दोस्तों मेरे पति के मुहं से यह सभी बातें सुनकर राजेश एकदम से बहुत डर गया, मुझे उसके चेहरे से उसका डर साफ साफ नजर आ रहा था और वो तुरंत उठ खड़ा होकर मुझसे बोला कि में अब जा रहा हूँ. फिर मैंने कहा.

में : राजेश तुम रूको, तुम्हें ऐसे उठकर कहीं जाने की कोई जरूरत नहीं है और समीर यह राजेश है, यह मेरा कॉलेज के टाईम का दोस्त है. मैंने तुम्हें पहले बताया था कि में उस समय राजेश को बहुत प्यार करती थी और यह वही है.

समीर : ओह तो यह बात है, हाँ तो राजेश तुम मुझे अब सच सच बताओ कि क्या तुम अब भी मेरी बीवी को पहले की तरह चाहते हो और इसको उतना ही प्यार करते हो?

राजेश : वो में वो.

दोस्तों राजेश के मुहं से हकलाते हुए बस दो चार शब्द ही निकले.

समीर : तुम अब बिल्कुल भी मत डरो, हाँ बोलो में अपनी बीवी की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ, फिलहाल उसकी खुशी तुम हो, हाँ बोलो क्या तुम मेरी बीवी को आज भी पाना चाहते हो?

राजेश : हाँ समीर में कोमल को पहले से ही बहुत प्यार करता हूँ और आज भी में उसकी अदाओ पर मरता हूँ और अगर आपकी इजाज़त हो तो उसके साथ वो सब करना चाहता हूँ, जो मैंने इससे पहले आज तक कभी नहीं किया और उसके बदले में आप मुझसे जो माँगो वो में दूँगा.

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समीर : अभी तो मुझे कुछ नहीं चाहिए, वक़्त आने पर में तुमसे माँग लूँगा और फिलहाल तुम मेरी बीवी को जी भरकर प्यार करो और उसे खुश करो, में यहीं हूँ चलो अब तुम दोनों अपना काम शुरू करो.

फिर इतना कहते ही समीर ने मुझे मेरे बॉयफ्रेंड राजेश की बाहों में धकेल दिया और मैंने तुरंत राजेश का चेहरा पकड़कर उसके होंठो को चूमना शुरू किया, लेकिन राजेश अब भी थोड़ा सा शरमा रहा था. फिर समीर पास आ गया और राजेश का हाथ पकड़कर उसने मेरी छाती पर रख दिया और उस पर अपने हाथ रखकर राजेश से कहा कि आज के लिए मेरी बीवी तेरी है, चूम ले इसको, चोद ले, तुझे जो करना है कर ले, मेरी बीवी की चूत का चोद चोदकर भोसड़ा बना दे मादारचोद. अब समीर की ऐसी बातें सुनकर राजेश जोश में आ गया और वो मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. समीर बहुत करीब से यह सब काम देख रहा था और वो अपना लंड भी मसल रहा था और में भी बिल्कुल पागल हो रही थी.

में : हाँ राजेश ऊह्ह्ह राजू हाँ और ज़ोर से दबाओ अपनी कोमल के बूब्स को आआहह जानुउऊ राजेश ओह्ह्हहह डार्लिंग मुहं में लो मेरे बूब्स को आअहह, उफ्फ्फ्फ़ समीर देख तेरी बीवी कैसे अपने पुराने आशिक़ की बाहों में आज आधी नंगी पड़ी हुई है, आअहह देख भोसड़ी के राजेश पूरे बूब्स अपने मुहं में भरकर चूसो.

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राजेश : ऊह्ह्ह्ह भोसड़ी की रांड तू बहुत चिल्ला रही है, में कब से तुझे चोदना चाहता था, लेकिन मुझे आज वो मौका मिला है और में आज तेरी चूत को जरुर फाड़ दूँगा और तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.

समीर : में अब अपने हाथों से तुम दोनों को पूरा नंगा करूँगा, तुम तैयार हो जाओ.

फिर इतना कहकर समीर ने जल्दी से मेरी पूरी साड़ी को उतार दिया. उसके बाद मेरा ब्लाउज भी खोल दिया और उसके बाद उसने बिना देर किए मेरा पेटीकोट भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब में सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी. फिर उसने मेरी ब्रा पेंटी को भी निकाल दिया और अब में अपने पति और पुराने आशिक़ के सामने बिल्कुल नंगी थी.

राजेश मेरे बूब्स को को दबा रहा था और समीर ने राजेश के कपड़े उतारना शुरू किया, उसकी शर्ट को उतार दिया. फिर पेंट को भी उतार दिया और अब वो सिर्फ़ अंडरवियर में था, जिसमें से उसका तनकर खड़ा लंड तंबू बनकर साफ साफ दिख रहा था. फिर समीर ने राजेश की अंडरवियर के ऊपर से उसका लंड दबाया, जिसकी वजह से अब राजेश और भी ज्यादा गरम हो गया और फिर उसने मुझे और समीर दोनों को अपनी बाहों में भर लिया और अपनी छाती पर दबाने लगा.

समीर का यह सब करना मेरे लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं था. अब राजेश हम दोनों को रगड़ रहा था और मेरे होंठो को चूस रहा था और नीचे समीर उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से दबा रहा था. फिर राजेश ने मुझे बेड के ऊपर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को खोलकर उसने मेरी चूत पर अपना मुहं रख दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में ना जाने क्या क्या बड़बड़ा रही थी और बिन पानी की मछली की तरह उछल रही थी.

में : ओह्ह्ह्हह प्लीज राजेश मेरे राजा हाँ चाट अपनी इस रंडी की चूत को, मेरा कुत्ता है तू खा जा आईईईईइ उफ्फ्फ्फ़ मेरी चूत गीली हो रही है मादारचोद, तेरी माँ का भोसड़ा उईईईई हाँ में मर गई, हाँ खा जा मेरी चूत को.

फिर उधर समीर, राजेश के घुटनों के नीचे ज़मीन पर सीधा लेट गया और राजेश का 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको बहुत अच्छे से चूस रहा था.

राजेश : ऊऊहह समीर साले, चूतिए, गांडू, मादरचोद, तेरी बीवी मेरी रंडी है और तू मेरा गुलाम, हाँ चूस मेरा लंड चुस्स्स्स कुत्ते भोसड़ी के.

अब राजेश जोश में आकर यह सब बोल रहा था और वो मेरी चूत को भी चाट रहा था. फिर उसने मुझे बेड के बिल्कुल किनारे किया और मेरी चूत पर अपना लंड टिका दिया और समीर ने अपने दोनों हाथों से अपनी बीवी के यार का लंड पकड़कर अपनी बीवी की चूत के मुहं पर लगाकर अंदर घुसाया, मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ.

फिर राजेश ने एक ही जोरदार झटका देकर अपना पूरा लंड मेरी चूत की गहराईयों के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मेरी चीख निकल गयी, लेकिन अब मुझे उसके धक्को से बहुत मज़ा आने लगा था, राजेश मेरे पति के सामने मेरी चुदाई कर रहा था और समीर कभी मेरी चूत रगड़ता तो कभी राजेश के आंड सहलाता और में जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेकर चिल्ला रही थी.

में : हाँ राजेश मेरे यार चोद डाल मुझे और ज़ोर से आअष्ह उफ्फ्फ्फ़ मुझे कब से तुझसे चुदना था और तू आज मुझे चोद रहा है, तेरा लंड कितना मोटा लंबा है, आह्ह्हहह उईईईइ माँ मार डाला बहुत अंदर तक जा रहा है, समीर देख मुझे अपने राजेश के लंड से चुद रही हूँ, उफ्फ्फ्फ़ हाँ तू मेरा यार राजेश कितना मर्दाना है, हाँ राजेश में आज से तेरी रंडी हूँ, रखेल हूँ ऊओह राजू में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, उईईईईई राजेश हाँ चोद.

दोस्तों वो करीब 30 मिनट तक एक ही पोज़ में लगातार मुझे चोदता रहा. फिर में डॉगी स्टाईल में बैठ गई और राजेश ने तुरंत पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. उसके बाद में पांच मिनट धक्के झेलने के बाद ही झड़ गई और मेरा पूरा शरीर एकदम अकड़ गया, लेकिन राजेश ने अपनी चुदाई अब भी जारी रखी, वो बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और समीर राजेश के पीछे से झुककर उसकी गांड को चाट रहा था. अब समीर बोल रहा था.

समीर : हाए राजेश तेरा लंड तो बहुत मस्त है, चोद मेरी बीवी को आअहह मादरचोद चोद और ज़ोर से आज से कोमल तेरी रंडी है, मुझे तेरी गांड चाटने में भी मज़ा आ रहा है हुन्न आआशह.

राजेश : समीर मेरी जान में अब तो तुझे भी चोदना चाहता हूँ.

दोस्तों यह सब काम मेरे लिए बिल्कुल नये अनुभव जैसा था, अपने पति की गांड को मरवाना और उसे अपने सामने मरवाते हुए देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. कुछ देर में राजेश ने मुझे छोड़कर समीर को बेड पर कुत्ते की स्टाईल में बैठा दिया और अब उसकी गांड को चाटकर पूरी गीली कर दिया. फिर मैंने राजेश का लंड चूसकर गीला किया और अपने हाथ से अपने पति की गांड पर अपना बहुत सारा थूक लगाया, राजेश ने थोड़ा सा धक्का दे दिया और आधा लंड समीर की गांड में घुस गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रहा था.

समीर : ऑश राजेश उफफ्फ्फ्फ़ मार डाला, हाए तेरा लंड कितना बड़ा है आह्ह्हहह मादरचोद भोसड़ी के आआहह.

राजेश : समीर डार्लिंग अभी तो मेरा सिर्फ आधा लंड ही अंदर गया है, यह ले पूरा अंदर ले आआअहह.

दोस्तों इतना बोलकर राजेश ने अपना पूरा लंड समीर की गांड में डाल दिया और ज़ोर से झटके मारकर चुदाई करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चीखता चिल्लाता रहा. दोस्तों फिर वह मेरी पति की गांड में ही झड़ गया और फिर मैंने अपने पति की गांड और बॉयफ्रेंड का लंड चाटकर साफ किया. अब तो मेरी जब भी इच्छा होती है तो दोनों से रंडी की तरह चुदवाती हूँ और हम बहुत मजे करते है.

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मेरी बीवी और बूढ़े चौकीदार का कामसूत्र

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हैल्लो दोस्तों, Hindi sex stories, Desi Hindii sex story, Kamukta, Antarvasna, Hindi sex kahaniya, इस स्टोरी में एक बूड़ा चौकीदार जो हमारे घर के सामने बैठता है वो मेरी बीवी को अपना प्यार जताता है और मेरी बीवी उसे प्यार का इनाम देती है. दोस्तों हम दोनों बहुत गंदे है और हमें सेक्स में कुछ नया करना बहुत पसंद है. हमारे घर के सामने ही कॉलोनी का दरवाजा था, जहाँ पर एक बूड़ा चौकीदार बैठता था, वो रोज रात को आता था, वो करीब 60 साल का होगा और हमें उस पर पूरा भरोसा था.

एक बार मेरा बाहर जाने का 2 दिन के लिए प्लान बन गया. तो मैंने उससे बोला कि वो रात को हमारे घर के सामने ही रुके और ध्यान रखे, क्योंकि मेरी बीवी अकेली होगी. वो मान गया और मेरे जाने के बाद वो रात को 10 बजे मेरे घर के सामने ही बैठ गया.

फिर रात को मेरी बीवी ने उसको चाय दी और खाना भी दे दिया, तो उसने कहा कि थैंक यू मेडम आपने मुझे खाना दिया. फिर मेरी बीवी ने कहा कि कोई बात नहीं आप भी तो यहाँ पर हो, फिर उसने कहा कि एक बात बोलूं अगर आप बुरा ना मानो तो आप बहुत ही सुंदर हो बिल्कुल किसी हिरोइन की तरह, साहब की किस्मत बहुत अच्छी है.

फिर मेरी बीवी ने कहा कि थैंक यू, लेकिन उन्हें कौन समझाएगा? तो उसने कहा कि सॉरी मेडम, लेकिन अगर ऐसी बात है तो वो बेवकूफ है. फिर मेरी बीवी ने कहा कि थैंक यू अगर मुझे डर लगेगा तो में आपको अंदर सोने के लिए बुला लूँगी, मेरी तारीफ़ करने के लिए थैंक यू, मुझे अच्छा लगा. फिर उसने कहा कि जी मेडम, लेकिन सब सच ही है. फिर मेरी बीवी मुस्कुराकर अंदर चली गयी.

अब वो बूड़ा बाहर बैठा हुआ था, फिर कुछ देर में मेरी बीवी ने उसको अंदर आने को बोला क्योंकि उसे डर लग रहा था, तो वो अंदर आ गया. अब मेरी बीवी ने नाइटी पहनी हुई थी, जो उसके घुटनों से ऊपर थी.

फिर उसने कहा कि मेडम मुझे नहीं पता था कि आप और भी ज्यादा खूबसूरत हो सकते हो, आप तो एकदम परी लग रही हो. फिर मेरी बीवी ने कहा कि हाँ करते रहो तारीफ़, लगता है तुम्हें बदले में कुछ चाहिए, तो उसने कहा कि नहीं मेडम में सच बोल रहा हूँ मुझे कुछ नहीं चाहिए. फिर मेरी बीवी ने कहा कि पक्का कुछ नहीं चाहिए, तो उसने कहा कि अगर आप इतना पूछ रही हो तो बस मेरे लिए एक बार घूम जाओं, मुझे आपको बस देखना है.

फिर मेरी बीवी उसके लिए घूम गयी और बोली कि चलो किसी ने तो मुझे देखने के लिए बोला, मेरे पति तो मुझे देखते भी नहीं है. फिर उसने कहा कि मेडम वो पागल है, आपको कौन नहीं देखना चाहेगा? तो मेरी बीवी इस बात पर हंस पड़ी और वो दोनों बातें करने लगे.

अब बातें करते-करते पता लगा कि वो अकेला था और उसका कोई भी नहीं था. फिर मेरी बीवी यह सुनकर बोली कि में हूँ ना आपके लिए, तो चौकीदार मुस्कुरा दिया और बोला कि मेडम मुझे यकीन हो गया है कि आप मेरे साथ हर चीज़ में हो. फिर मेरी बीवी ने कहा कि हाँ अपने आपको कभी अकेला मत समझना, में मदद करूँगी.

फिर उसने कहा कि थैंक यू मेडम, क्या में आपको एक बात बोल सकता हूँ? प्लीज़ बुरा नहीं मानना, तो मेरी बीवी ने कहा कि हाँ कोई बात नहीं बताओ, तो उसने कहा कि में जानता हूँ कि में बूड़ा हूँ और गरीब हूँ, लेकिन जब से मैंने आपको देखा है में आपसे प्यार करने लगा हूँ. में बस आपको देखने की कोशिश करता रहता हूँ और आपसे बात करने का मौका ढूंढता रहता हूँ, लेकिन नाईट ड्यूटी की वजह से अभी तक बात नहीं कर पाया था. आज मौका मिला है तो बोल दिया, आप नाराज़ मत होना आपने बोला था आप मेरे साथ हो इसलिए मैंने आपको सब सच बता दिया है.

फिर मेरी बीवी ने कहा कि इसमें नाराज़ होने वाली कोई बात नहीं है, तुम भी इंसान हो और मर्द भी हो, प्यार पैसे देखकर थोड़ी ना होता है और उम्र का कोई फर्क नहीं पड़ता, बड़ी उम्र के लोग वैसे भी ज्यादा समझदार होते है.

फिर वो चौकीदार यह सुनकर उठा और मेरी बीवी के पास आकर उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला कि में सच में आपसे बहुत प्यार करता हूँ, आपको कभी तकलीफ़ नहीं दूँगा और आपके पागल पति से बहुत ज्यादा खुश रखूँगा, आप मुझे बस एक मौका दे दो. में आपको पति छोड़ने की नहीं बोल रहा हूँ, बस मुझे अपना प्यार आपको दिखाने दो और अगर में आपको प्यार नहीं दे पाया तो में दुबारा आपसे कभी बात नहीं करूँगा.

फिर मेरी बीवी यह सुनकर मुस्कुरा दी और बोली कि मुझे पता है तुम मुझे खुश रखोगे और प्यार भी दोगे, ठीक है मुझे मंज़ूर है. फिर वो चौकीदार एकदम से चौंक गया और फिर एकदम से आगे बढ़ा और मेरी बीवी को अपने गले लगा लिया. अब वो गंदा सा बूड़ा मेरी गोरी बीवी से चिपक गया था, उसने पसीने वाले कपड़े पहने थे, लेकिन मेरी बीवी को कोई परवाह नहीं थी. फिर वो बोली कि मुझे पसीने वाले ही मर्द पसंद है.

फिर उसने कहा कि मेम साहब आप सोच भी नहीं सकते कि मैंने कितनी बार आपको मेरे साथ गले मिलने की सोचा है. अब यह बोलने के बाद वो पागलों की तरह मेरी बीवी के पूरे शरीर पर अपना हाथ लगा रहा था, मुझे आपसे अकेले में मिलने का कब से इंतज़ार था? तो मेरी बीवी मुस्कुराई और बोली कि देखा सपने भी सच होते है.

फिर उसने कहा कि जी मेडम मेरा तो हो गया, क्या में आपके गालों पर किस कर सकता हूँ? तो मेरी बीवी ने हाँ कर दिया. फिर वो गंदा सा बूड़ा चौकीदार मेरी बीवी के पास आ गया और फिर उसने अपने झुरियों वाले मुँह से मेरी बीवी के गोरे गाल पर किस कर दिया.

फिर मेरी बीवी ने कहा कि बस इतना ही बाबा में सिखाती हूँ, फिर मेरी बीवी ने उस चौकीदार को पहले चुइंगम दी और खुद भी खा ली. फिर उसने उस बूढ़े का मुँह अपने हाथ में लिया और उसके लिप्स पर किस करने लगी.

अब मेरी बीवी एक गंदे से आदमी को किस कर रही थी और अब वो भी उसे वापस किस करने लगा था. अब वो मेरी बीवी के मुँह में अपनी जीभ डाल रहा था और मेरी बीवी भी अपनी जीभ से उसकी जीभ रगड़ रही थी. फिर मेरी बीवी हटी और बोली कि बाबा इसको किस बोलते है, तो उसने कहा कि हाँ जी मेडम मज़ा आ गया, मैंने पहली बार किसी को ऐसे किस किया है.

फिर मेरी बीवी ने कहा कि अभी तो बस एक छोटी सी चीज़ सिखाई है, थोड़ी देर रूको में तुम्हें पूरा कामसूत्र सिखा दूँगी, वो चौकीदार यह सुनकर हंस पड़ा. फिर मेरी बीवी ने उसे बैठा दिया और फिर वो चेंज करने चली गयी. अब वो बूड़ा मेरी बीवी का इंतज़ार करने लगा था. फिर कुछ देर के बाद जब मेरी बीवी बाहर आई तो उसकी आँखे खुली की खुली रह गयी.

अब मेरी बीवी ने माइक्रो मिनी स्कर्ट पहनी थी जो बस उसकी गांड को ही ढक रही थी और उसने लंबी काली हील्स पहनी थी और ऊपर छोटा सा स्लीवलेस टॉप पहना था. फिर उसने कहा कि अब बताओं बाबा में तुम्हें कैसी लग रही हूँ? अब उस चौकीदार का मुँह खुला का खुला रह गया था और वो कुछ नहीं बोल पाया था.

फिर मेरी बीवी बोली कि अरे राजा इधर आओ और मेरे सामने अपने घुटनों पर बैठ जाओं और जैसा में कहूँ वैसा ही करना. फिर वो बूड़ा मेरी बीवी के पास में आया और मेरी बीवी के बिल्कुल सामने अपने घुटनों पर बैठ गया. फिर मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा बाबा अब जैसा में कहूँगी वैसा ही करना, अगर मुझे एक बार भी हाथ लगाना है तो.

फिर उसने कहा कि ठीक है जी जैसा आप बोलो, अब यह बोलकर वो बूड़ा मेरी बीवी के सामने बैठ गया. फिर मेरी बीवी ने अपनी मिनी स्कर्ट उसके सामने थोड़ी ऊपर की और अपनी पेंटी के ऊपर से ही उसको अपनी चूत दिखाते हुए बोली कि यह देख रहे हो पेंटी के अंदर, मेरी चूत तुम्हें कैसी लगी? इतनी छोटी स्कर्ट में दिख तो रही होगी और तुम्हें मेरी मिनी स्कर्ट कैसी लगी? में तुम्हारे लिए पहनकर आई हूँ.

फिर उसने कहा कि मेम साहब आपकी चूत तो बिल्कुल मक्खन की तरह पूरी साफ है और आप मिनी स्कर्ट में किसी एक्ट्रेस से कम थोड़ी ना लगती हो. फिर मेरी बीवी ने कहा कि शाबाश मुझे यही सुनना था. चल अब मेरे पास आ में तेरे सारे सपने पूरे कर देती हूँ. फिर वो अपने घुटनों पर मेरी बीवी के पास आया और फिर मेरी बीवी ने उसके सिर पर अपना हाथ रखा और उसका मुँह अपनी मिनी स्कर्ट के ऊपर करके अपनी पेंटी के ऊपर रगड़ने लगी. अब मेरी बीवी पेंटी पहने हुए ही उस बूढ़े का सिर अपनी चूत पर रगड़ रही थी.

फिर कुछ देर में उसने उस चौकीदार का सिर हटाया और बोली कि क्यों बाबा मेरी चूत पर तुम्हारा सिर कैसा लगा? तो उसने कहा कि जी बहुत मज़ा आया, लेकिन अगर आप इजाज़त दो तो में इससे भी ज्यादा मज़े दे सकता हूँ मैंने एक ब्लू फिल्म में देखा था. तो मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा आपने ब्लू फिल्म भी देखी है, अच्छा तो ठीक है दिखाओ.

फिर वो बूड़ा यह सुनकर मेरी बीवी के पास आया और फिर उसने मिनी स्कर्ट पहने खड़ी हुई मेरी बीवी की पेंटी पर अपना हाथ रखा और उसकी चूत को ऊपर से ही रगड़ने लगा. अब उसकी उंगली मेरी बीवी की चूत के ऊपर रगड़ रही थी और पेंटी के साथ-साथ थोड़ी अंदर भी जा रही थी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि वाह मेरे राजा तुमने बहुत अच्छा सीखा है, चालू रहो. फिर वो बूड़ा यह सुनकर हंसा और मेरी बीवी की चूत के ऊपर ही अपनी उंगली रगड़ता रहा.

फिर जब उसे लगा कि मेरी बीवी थोड़ी गर्म हो गयी है, तो उसने मेरी बीवी की काली पेंटी थोड़ी सी साईड में कर दी और जब मेरी बीवी उसकी चूत देखने लगी तो उसने मेरी बीवी की चूत में अपनी एक उंगली रगड़नी शुरू कर दी. फिर थोड़ी देर तक अपनी एक उंगली चूत पर ऊपर नीचे करने के बाद उसने अपनी एक उंगली मेरी बीवी की चूत में घुसा दी.

अब वो गंदा सा चौकीदार मेरी हिरोइन जैसी बीवी की चूत में अपनी गंदी काली उंगली डाल रहा था. अब वो भी मेरी खड़ी हुई बीवी की चूत में धीरे-धीरे अपनी एक उंगली अंदर बाहर कर रहा था. अब मेरी बीवी बहुत गर्म हो गयी थी, फिर मेरी बीवी ने कहा कि अरे राजा अब तो में गर्म हो गयी हूँ एक उंगली से काम नहीं चलेगा और अपनी 2 उंगली डाल दो.

अब यह सुनकर उस बूढ़े चौकीदार ने मेरी बीवी की बात मान ली और वो अपनी 3 उँगलियाँ मेरी बीवी की चूत के अंदर डालने लग गया. अब उसकी तीन उँगलियाँ पूरी अंदर जाती और फिर उसके बाद वो दुबारा से बाहर निकालकर पूरी अंदर डाल देता. फिर मेरी बीवी ने कहा कि अरे मेरे बूढ़े चल तूने बहुत चूत चोद ली, अब मेरे पास अपना मुँह लेकर आ. फिर वो बूड़ा मान गया और फिर वो अपनी उंगलियाँ चूत में से बाहर निकालकर मेरी बीवी की चूत के पास आ गया. फिर मेरी बीवी ने उसका मुँह अपनी चूत पर रखा और उसको अपनी चूत साफ करने को बोला. तो वो बूड़ा सब समझ गया और उसने अपना मुँह मेरी बीवी कि चूत पर रख दिया और मेरी बीवी की चूत साफ करने लगा.

अब उसकी जीभ मेरी बीवी की चूत पर ऊपर नीचे हो रही थी. अब मेरी बीवी खड़ी हुई थी और उसने अपना एक हाथ उस बूढ़े के सिर पर रखा था और उस बूढ़े का मुँह अपनी चूत पर रगड़ रही थी. अब वो बूड़ा चौकीदार मेरी बीवी की चूत चाट रहा था, फिर उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और मेरी बीवी की चूत की दरार में डाल दी.

अब उसकी जीभ मेरी खड़ी बीवी की टाँगो के बीच में चूत के अंदर बाहर हो रही थी. अब वो अपनी पूरी जीभ अंदर डाल देता और फिर से बाहर निकालकर फिर से वही करता. फिर उसने चूत को अपने होठों से पकड़ लिया और खींचने लगा. अब मेरी बीवी की चूत उसके मुँह में थी और वो कभी दाँत से तो कभी होठों से काटकर खींच रहा था. अब मेरी बीवी से रहा नहीं गया और वो उस बूढ़े के मुँह पर ही झड़ गयी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि वाह बाबा मेरे पति को भी यह सब सिखा देना, उसको तो यह सब करना आता भी नहीं है.

फिर मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा में झड़ गयी हूँ, लेकिन तुम मेरे पास आ जाओ, मुझे काफ़ी दिनों के बाद किसी ने चाटा है मज़ा आ गया, चलो अब में तुम्हें अपना कमाल दिखाती हूँ. फिर मेरी बीवी उठी और फिर उसने उस बूढ़े चौकीदार को खड़ा किया और अपने सामने खड़ा कर लिया और वो खुद अपने घुटनों पर आ गयी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि क्यों बाबा आपका लंड खड़ा हुआ या नहीं? तो उसने कहा कि मेडम अभी आधा खड़ा हुआ है, ज्यादा उम्र में टाईम लगता है. फिर मेरी बीवी ने कहा कि कोई बात नहीं जान, मेरा काम लंड खड़ा करना ही तो है, आधा है तो क्या हुआ? मेरे सामने कोई लंड ढीला नहीं रहता तैयार हो मज़े लेने के लिए, अब पहले यह बताओ कि तुम्हारा लंड कभी किसी ने चूसा है?

फिर उसने कहा कि 2 या 3 बार मेडम, एक बार जब मेरा एक दोस्त गावं से आया हुआ था तो वो मेरे साथ ही रहता था. हम एक रात शराब पीने के बाद ब्लू फिल्म देख रहे थे, तो उसने मेरे सामने अपना लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा. फिर उसका लंड देखकर मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और तैयार हो गया.

फिर मेरे दोस्त ने मेरा लंड देखा और उसने बिना कुछ बोले अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. फिर कुछ देर तक हिलाने के बाद उसने बिना कुछ बोले मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा. वो मेरा पहली बार था जब किसी ने मेरा लंड चूसा था इसलिए शायद मुझसे रहा नहीं गया और में 15 या 20 सेकेंड में उसके मुँह में ही झड़ गया. उसने मेरा लंड और 2 बार चूसा था और बाकी 2 बार तो मैंने एक सड़क की औरत को अपने घर लाकर उसके मुँह में अपना लंड दिया था और में 10 मिनट में ही उसके सामने झड़ गया था, वो गंदी सी थी लेकिन क्या करूँ? और कोई था भी नहीं.

फिर मेरी बीवी ने कहा कि कोई बात नहीं, देखो में तुम्हें मस्त तरीके से सिखाती हूँ. अब यह बोलकर मेरी बीवी ने उसकी पेंट की चैन खोली और उसका लंड बाहर अपने मुँह के पास हवा में ले आई, उसका लंड छोटा सा था. उसका लंड लगभग 2 इंच का था और आधा खड़ा हुआ था और अफ्रिकन की तरह काला था. फिर मेरी बीवी ने उसका लंड अपने हाथों में लिया और उस गंदे से काले लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि बाबा थोड़ी बदबू आ रही है, साफ नहीं किया क्या? तो उसने कहा कि नहीं मेडम, पता होता तो कर देता, अब आप ही इसको साफ कर दो.

फिर मेरी बीवी बाथरूम से साबुन ले आई और उस गंदे से, काले से लंड को साफ करने लगी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि यह लो बाबा अब तुम्हारे लंड से बिल्कुल अच्छी खुशबू आ रही है. फिर यह बोलकर मेरी बीवी ने उसका लंड अपने हाथ में ले लिया और दुबारा से हिलाने लगी. अब उसका लंड लगभग खड़ा हो चुका था, फिर मेरी बीवी ने कहा कि बाबा यह तो खड़ा होने वाला है मैंने कहा था ना. फिर उसने कहा कि हाँ मेडम अब देखते है, आगे क्या करते हो? फिर मेरी बीवी ने सुना और हंसकर उस गंदे से आदमी का लंड अपने होठों पर रखा और उसका खड़ा 4 इंच का लंड अपने मुँह में पूरा ले गयी.

अब उसके बड़े लिप्स के बीच में वो काला सा, छोटा सा लंड अंदर जा रहा था. अब वो अपने घुटनों पर रंडी की तरह बैठी थी और अपने गंदे बूढ़े आशिक़ का लंड चूस रही थी. अब वो बूड़ा खड़ा था और अपनी आँखे नीचे करके मेरी बीवी को अपना लंड मुँह में लेते हुए देख रहा था. अब उसके सामने मेरी बीवी का मुँह उसके लंड पर आगे पीछे हो रहा था.

फिर उसने कहा कि वाह मेरी जान आप क्या मस्त हो? मेरा लंड इतना ज्यादा कभी नहीं तना था, तुम्हारे चूसते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था. तुम्हारे मुँह में मेरा लंड जाते हुए देखकर बहुत मज़ा आ रहा है. अब मेरा मन कर रहा है कि ऐसे ही पूरी रात तुम्हारे मुँह में अपना लंड देता रहूँ और चूसो मेरा लंड, जानेमन एक बूँद भी वेस्ट मत जाने देना. अब मेरी बीवी यह सुनकर और भी तेज़ी से अपना मुँह उस चौकीदार के लंड पर आगे पीछे करने लगी थी. अब उसका पूरा लंड मेरी बीवी के मुँह में जा रहा था, अब मेरी बीवी मस्ती से उसका लंड चूस रही थी. अब एक बूढ़े और जवान औरत का मिलन हो रहा था और मेरी बीवी अपनी सारी मर्यादा को तोड़कर उस बूढ़े का लंड अपने मुँह में ले रही थी.

फिर वो बूड़ा बोला कि मेडम में झड़ने वाला हूँ और मेरी बीवी ने यह सुना और अपने मुँह से उसका लंड बाहर निकाला और उसके लंड को अपने मुँह के पास लाकर हिलाने लगी. अब उस चौकीदार ने मेरी बीवी के हाथ में ज़ोर से 2 या 3 झटके दिए और फिर उसने मेरी बीवी के मुँह के ऊपर ही अपनी पिचकारी छोड़ दी. अब मेरी बीवी का मुँह उसके माल से ढक गया था और फिर वो दोनों उठे और सोफे पर आ गये. फिर मेरी बीवी ने कहा कि वाह बाबा इतना माल निकला है मज़ा आ गया.

फिर उसने कहा कि हाँ मेडम आप तो बहुत अच्छा लंड चूसती हो, लगता है आपको काफ़ी अनुभव है. फिर मेरी बीवी ने कहा कि हाँ बाबा मैंने शादी से पहले काफ़ी लंड चूसे है कभी बॉयफ्रेंड के तो कभी किसी पराए मर्द के. मैंने काफ़ी बार तो सिर्फ़ पैसे के लिए भी लंड चूसे है में 5000 रुपए हर पिचकारी के लेती थी. फिर उसने कहा कि वाह मेडम आप तो सही में बहुत बड़ी रांड निकली. फिर मेरी बीवी उससे बोली कि आज के लिये बस इतना ही, अब हम चुदाई अगली बार करेंगे. दोस्तों उसके कुछ दिन बाद ही वो बूड़ा अपने गावं चला और मेरी बीवी का सपना अधूरा रह गया.

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शराबी आंटी ने जमकर चुदवाया

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Hindi sex stories हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम प्रेम है और मेरी उम्र 23 साल है. kamukta दोस्तों में आप ही की तरह इस Hindi sex story वेबसाइट का बहुत बड़ा फ्रेंड हूँ.. मैंने आज तक इस साईट पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी लगी और फिर मैंने भी अपनी एक सच्ची घटना को आप सभी के सामने रखने का फैसला लिया. तो आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ.. जो आज से सिर्फ तीन महीने पहले ही घटी.. में अब सीधा अपनी घटना पर आता हूँ.. यह बात तब की है जब हमारे घर के पास वाले घर में एक नई आंटी रहने आई थी जो कि एकदम अकेले रहती है. उन्हें हमारे पास आए हुए अभी कुछ ही दिन गुजरे थे और वो दिखने में बहुत सेक्सी है और उनका फिगर भी बहुत अच्छा है और उनका साईज लगभग 34-30-32 है और फिर हमारे दोनों के घर बिल्कुल पास में होने के कारण हमारा उनके घर पर आना जाना लगा रहता है और उनके अभी नये होने के कारण हमने उनकी कुछ मदद भी की जैसे कि उनको पीने का पानी देना, घर का सारा सामान सेट करने में उनकी मदद करना आदि.

फिर एक दिन मुझे यह पता चला कि उनके Hindi sex story एक भी बच्चा नहीं है और उनका पति उनको अभी कुछ समय पहले ही छोड़कर भाग गया है और वो बिल्कुल अकेले होने के कारण बहुत शराब भी पीती है. दोस्तों यह बात 12 अप्रेल की है.. जब उस रात को में खाना खाने के बाद अपने घर से बाहर घूमने लगा.. तो मैंने देखा कि आंटी के घर का दरवाजा खुला है और फिर मैंने घर के अंदर जाकर देखा कि आंटी घर में नहीं है. तो मैंने आंटी को सभी कमरों में जाकर देखा.. लेकिन वो मुझे कहीं पर नहीं मिली और उसके बाद में घर के बाहर आ गया. तभी मैंने देखा कि आंटी कहीं बाहर से जोर जोर से चिल्लाते हुए आ रही है और उनके हाथ में एक शराब की एक बोतल भी है. तो में उन्हें देखता ही रह गया और में तुरंत अपने घर आया और आकर चुपचाप बैठ गया और फिर मेरी फेमिली के सभी सदस्य घर की लाईट बंद करके अपने अपने कमरों में सोने चले गये और उन्होंने मुझे भी सोने के लिए बोला.. लेकिन मैंने मना किया और कहा कि में अभी फोन पर गाने सुन रहा हूँ और में थोड़ी देर बाद सो जाऊंगा.. आप लोग सो जाओ. फिर उन सभी के सोने के बाद में मौका देखकर घर के बाहर निकला और जाकर आंटी के घर के बाहर खड़ा हो गया. तो आंटी ने मुझे देखते ही कहा कि अरे प्रेम आओ ना बैठे और फिर में जाकर सोफे पर बैठ गया और कहा कि यह क्या आंटी आप शराब पी रही हो?

आंटी : हाँ बेटा मुझे तुम्हारे अंकल की बहुत याद आ रही है ना इसलिए में शराब पी रही हूँ.. वो मुझे छोड़कर चला गये और अब में इस पूरी दुनिया में बिल्कुल अकेली हूँ.

में : तो क्या हुआ आंटी में हूँ ना आपके साथ.. प्लीज आप शराब मत पियो.. इससे आपकी तबीयत खराब हो सकती है.

फिर उसके बाद हमारी बहुत बातें हुई और वो शराब पीती गई और में सिर्फ़ उनकी बातें सुनता रहा. फिर मैंने धीरे धीरे उनको कहा कि आंटी मुझे आपकी तकलीफ़ पता है.. आपकी उम्र में तो सब खुश रहते है और आप रोती हो.. आंटी को शराब का बहुत नशा हो गया था. फिर आंटी मुझे बोली कि प्रेम क्या तुम मुझे टॉयलेट तक लेकर जा सकते हो? मुझे पेशाब करना है. तो मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं और फिर उसके बाद मैंने आंटी को टॉयलेट के पास ले जाकर छोड़ दिया और आंटी मेरे सामने ही अपनी मेक्सी को पूरा घुटनों तक उठाकर मूतने लगी.. लेकिन उन्होंने मेक्सी के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.. जिसकी वजह से उनकी चूत मुझे साफ साफ दिखाई दे रही थी और में सिर्फ़ उन्हें देखता ही रह गया. फिर उसके बाद आंटी को मैंने टॉयलेट से लाकर उनके बेडरूम में बिस्तर पर लेटा दिया और में उनके पास में बैठ गया. आंटी के बहुत नशे में होने की वजह से उनकी मेक्सी घुटने के ऊपर तक उठ गई और मैंने धीरे से उनकी जांघ पर हाथ रख दिया.. लेकिन उसने कुछ नहीं बोला और मैंने धीरे धीरे मेक्सी को और ऊपर उठा दिया और मुझे आंटी की चूत दिखने लगी.. वो बहुत बालों से भरी हुई थी.

Hindi sex stories तो आंटी ने उठकर अचानक से मुझे देखा और फिर मैंने भी देखा कि आंटी मुझे देख रही है और मैंने अपना हाथ मेक्सी से हटा लिया. तो आंटी ने कहा कि तू यह क्या कर रहा है? मादरचोद सिर्फ़ चूत देखेगा या चोदेगा भी.. भड़वा साला. फिर में यह बात सुनते ही समझ गया कि इसकी चूत में लंड लेने की खुजली हो रही है और मैंने अपना सर हिलाते हुए उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली को डाल दिया और जोर जोर से हिलाने लगा. फिर उसके बाद मैंने आंटी की मेक्सी को पूरा खोल दिया.. आंटी सिर्फ़ ब्रा में थी और में उनके बूब्स देखकर पागल हो गया.. उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और मैंने जल्दी से उनकी ब्रा का हुक खोलकर एक बूब्स मुहं में ले लिया और चूसने लगा और एक बूब्स दबाने लगा. तो आंटी सिसकियाँ लेते हुए मुझे गालियां दिए जा रही थी.. मदारचोद मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है.. चोद मुझे में बहुत दिनों से चुदी नहीं हूँ.. जल्दी से चोद मुझे. तो मैंने अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर सीधा उसके मुहं में डाल दिया.

दोस्तों मेरा लंड एकदम ठीक है और 6 इंच लम्बा है. फिर में 69 पोज़िशन में आ गया और मुझे उनकी चूत चाटने का मन कर रहा था.. लेकिन उनकी चूत पर बहुत से बालों की वजह से मेरी इच्छा नहीं कर रही थी और फिर मैंने सामने टेबल पर बाल साफ करने की क्रीम देखी और मैंने जल्दी से उसको उठा लिया और मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसकी चूत में पूरा लगा दिया और 15 मिनट बाद उसकी चूत को पूरा साफ किया और में जमकर चूत चाटने लगा और वो पागल हो गई और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी कि बहुत अरसे बाद मेरी चूत किसी ने चाटी है.. प्लीज प्रेम जमकर चाट.

फिर मेरे 10 मिनट तक चूत चाटने के बाद आंटी मेरे मुहं में ही झड़ गई और उनके साथ साथ में भी झड़ गया. तो आंटी ने मेरे लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी और में उनकी चूत में ऊँगली डालने लगा और कुछ देर बाद फिर मेरा लंड खड़ा हो गया. तो आंटी बोलने लगी कि साले कुत्ते जल्दी लंड को मेरी चूत में डाल. तो मैंने लंड को चूत के मुहं के पास लाकर एक जोर के धक्के के साथ लंड को चूत में डाल दिया और चूत गीली होने के कारण मेरा लंड आधा अंदर घुस गया और आंटी के मुहं से चीख निकल गई.. अहह उह्ह्ह उफ्फ्फ मेरे प्रेम राजा क्या लंड है तेरा? और डाल अंदर तक और मुझे जोर जोर से चोद. फिर मैंने एक और धक्का दिया और लंड पूरा चूत में घुस गया और आंटी अहह्ा हााहह करके चुदाई के मज़े लेने लगी और कहने लगी कि प्रेम तेरे अंकल चले गए.. लेकिन तू तो तेरे अंकल का भी बाप है.. चोद मुझे और जमकर चोद. फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनने को कहा और 8 से 10 मिनट तक चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और आंटी भी झड़ गई और आंटी नंगी ही सो गई और में आंटी के ऊपर चादर डालकर में भी अपने घर चला गया.

दोस्तों मेरी और आंटी की Hot Hindi sex story चुदाई का दौर उस रात से शुरू हो गया और मैंने आंटी को कभी भी अंकल की याद नहीं आने दी.. उसके बाद में आंटी का गुलाम बनकर रहा आंटी मुझे फोन करती और में उनकी सेवा में हाजिर हो जाता.. मैंने आंटी को बहुत समय तक चोदा.. लेकिन उनकी बच्चेदानी का ऑपरेशन होने की वजह से कभी भी माँ नहीं बनी और में उन्हें सुबह, शाम, दोपहर जब भी समय मिलता लगातार चोदता रहा ..

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चुदाई की रात चुतिली नर्स के साथ

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Indian Hindi sex story, Hindi sex kahaniya मेरा नाम साहिल है और मेरी उम्र 26 साल है.. Kamukta, Antarvasna, chut, chudai ki kahani में दिल्ली का रहने वाला हूँ। दोस्तों आप की ही तरह में भी सेक्स स्टोरीज़ का बहुत बड़ा चाहने वाला हूँ और मैंने इस साईट पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है.. मुझे इस साईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।

दोस्तों यह बात में जो आप सभी को बताने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची है और यह तब की है.. जब मेरे भाई की तबीयत खराब हो गई और उन्हें करीब ही एक छोटे से प्राईवेट हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा और मुझे उनके पास रात को रुकना पड़ा और जिस दिन वो हॉस्पिटल में भर्ती हुए उसके अगले दिन होली थी। तो मैंने वहाँ पर देखा कि हॉस्पिटल स्टाफ होली खेल रहा था और होली की शाम को वहाँ पर सिर्फ़ जूनियर स्टाफ था.. उस टाइम वो लोग आपस में ही होली खेल रहे थे।

फिर कुछ लोग एक स्टाफ रूम में गये और बहुत भांग पी उन में से कुछ नर्स भी थी और एक नर्स पर मेरी पहले से ही नज़र थी। वो थी तो साँवली सी.. लेकिन क्या सेक्सी लग रही थी वो पूरी भीगे हुई थी.. उसकी उम्र होगी कोई 24-25 साल। फिर सभी लोग धीरे धीरे अपने अपने घर पर चले गये और उस रात उसकी ही ड्यूटी थी और रात होली के कारण सभी मरीज छुट्टी लेकर चले गये थे बस उस फ्लोर पर हम ही थे।

तो रात को 11 बजे तक मेरे बड़े भाई भी सो चुके थे और में अकेले बैठे बैठे बोर हो रहा था। फिर में रूम के गेट के पास पड़ी एक टेबल पर बैठकर अपने मोबाईल में ब्लू फिल्म देखने लगा और मुझे पता ही नहीं चला कि कब वो नर्स रूम में आ गई और मेरे पीछे खड़ी हो कर ब्लू फिल्म देखने लगी और जब मेरी नज़र अचानक उस पर पड़ी तो मैंने जल्दी से अपना मोबाईल बंद किया और फिर उसने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और वो मुझसे बोली कि मरीज को जगा दो मुझे कुछ दवाईयाँ देनी है।

तो मैंने कहा कि भैया अभी ही सोए हैं.. उन्हें थोड़ी देर सोने दो और दवा बाद में दे देना। तो उसने कहा कि ठीक है में नर्स रूम में अकेली हूँ.. जब भी आपके बड़े भाई जाग जाए तो आप मुझे बता देना। फिर मैंने कहा कि ठीक है में आपको आकर बता दूंगा और वो वहाँ से चली गई और फिर थोड़ी देर के बाद मुझे ख्याल आया कि उसने यह क्यों कहा? में नर्स रूम में अकेली हूँ।

फिर में थोड़ी ही देर बाद ही उसके पास गया तो उसने मुझसे पूछा कि कहिए क्या चाहिए? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं बस में थोड़ा बोर हो रहा था तो में यहाँ पर चला आया.. अगर आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो में यहीं पर बैठ जाऊँ। तो थोड़ी ही देर बाद वो बोली कि कोई बात नहीं आओ बैठ जाओ। फिर में लगातार उसे देखे जा रहा था.. वो साँवली सेक्सी सी.. उसका फिगर होगा कोई 34-28-36। मेरी नज़र उसकी चूचियों पर थी जो पानी और तरह तरह के रंग से पूरी तरह भीगने के कारण साफ साफ दिख रहे थे और फिर उसने मुझे अपनी चूचियों को घूरते हुए देख लिया.. तो मैंने जल्दी से अपनी नज़रे उसकी चूचियों से हटाई।

तो वो कहने लगी कि इतना घूर घूर क्या देख रहे हो? मैंने कहा कि आप हो ही बहुत खूबसूरत। मेरी क्या हर किसी की भी नजरें आपको इसी तरह घूरना चाहेगी। फिर वो हंसने लगी और मैंने उसका व्यहवार देखा तो मेरा होसला और बड़ गया और मैंने उससे उसका नाम पूछ लिया.. तो उसने अपना नाम निशा बताया और मैंने कहा कि आपका बॉयफ्रेंड तो बहुत लकी होगा।

तो उसने कहा कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। फिर मैंने धीरे धीरे उससे बातें शुरू कर दी.. आप कहाँ पर रहती हो, अपनी फेमिली में कौन कौन है, और बहुत कुछ पूछने के बाद ऐसे ही बातें चलती रही। तो उसने मुझसे पूछा कि क्या आपने होली नहीं खेली? फिर मैंने कहा कि में होली नहीं खेलता.. लेकिन मुझे यह त्यौहार बहुत अच्छा लगता है.. बहुत मस्ती, बहुत रंग और भांग भी। तो उसने मेरी तरफ बड़ी हैरानी से देखा और बोली कि क्या आप को पता है कि मैंने भी भांग पी है?

तो मैंने कहा कि हाँ मैंने आप सभी को भांग पीते हुए देख लिया था। तो उसने पूछा कि क्या आप भी भांग पियोगे? तो मैंने कहा कि में आपका सब कुछ पीना चाहता हूँ और वो मेरी डबल मीनिंग बातें समझ रही थी और वो जल्दी से भांग लेकर आई और उसने मेरे साथ शेयर की.. लेकिन उसने पहले भी बहुत भांग पी रखी थी तो उसे भांग का नशा होने लगा। फिर वो बोली कि जब में रूम में आई थी तो तुम क्या कर रहे थे? तो मैंने कहा कि तुम्हे देखकर बहुत मूड खराब हो गया था तो में अपने मोबाईल पर ब्लू फिल्म देख रहा था।

फिर उसने पूछा कि मुझे देखकर का क्या मतलब? तो मैंने कहा कि मुझे तुम्हारे जैसी साँवली सेक्सी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है और फिर उसने भी कहा कि मुझे भी लड़कों के साथ सेक्स करने की बड़ी इच्छा है और मैंने कभी सेक्स नहीं किया.. सिर्फ़ ब्लू फिल्म में ही देखा है।

तो उसकी बातें सुनकर मुझसे और रहा नहीं गया और मैंने जल्दी से उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और सहलाते हुए कहा कि आज तुम्हारी सारी इच्छा पूरी हो सकती हैं और फिर उसने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली.. मैंने उसकी कमीज़ उतारी। उसने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी और में ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स सहलाता रहा और उसने पेंट के ऊपर से मेरे लंड पर हाथ रखा और सहलाने लगी.. मेरा लंड पेंट में ही खड़ा हो गया। फिर उसने मेरी पेंट खोली तो मेरा 7 इंच का हथियार बाहर आ गया। जिसे देखकर उसकी आँखें खुली की खुली रह गई और वो बहुत खुश हुई और नीचे बैठकर मेरे लंड को देखने लगी।

उसने मेरा लंड मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया.. मुझसे अब रहा नहीं गया और मैंने भी उसकी ब्रा उतारी और उसकी चूचियों को दबाने लगा.. क्या चुचियाँ थी उसकी? साँवली चूचियों पर भूरी निप्पल। फिर उसने मुझसे कहा कि क्या तुम मेरी उस जगह का टेस्ट नहीं करोंगे? तो मुझे थोड़ी घिन्न आ रही थी फिर जब मैंने सोचा कि अगर मैंने इसकी चूत को चाटने से मना किया तो आज का मौका ना चला ना जाए.. तो मैंने उसे पूरा नंगा किया और लेटने को कहा और हम टेबल पर 69 पोजिशन में आ गए। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे हैं।

वो बहुत नशे में थी और मेरा लंड बहुत ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और में भी उसकी चूत को हल्के हल्के से चाट रहा था। फिर मुझे भी चूत चाटने में बहुत मज़ा आने लगा और मैंने भी उसकी चूत बहुत देर तक चाटी और चूसी। फिर थोड़ी ही देर बाद में झड़ गया और वो मज़े से मेरा सारा वीर्य पी गई। में अब रुक गया.. तो वो बोली कि क्या थक गये हो? फिर मुझे और जोश आ गया और मैंने उसकी चूत को फिर से चूसना शुरू कर दिया और अपनी जीभ उसकी चूत में डालने लगा। वो तो बहुत मस्त हो गई और मछली की तरह तड़पने लगी और सेक्सी आवाजे निकालने लगी आ ओह आह्ह्ह और मेरा सर अपनी चूत में घुसाने लगी।

वो भी झड़ गयी और मुझे उसका पानी पीना पड़ा और वो फिर भी मेरा लंड चूसती ही रही.. करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद मेरा लंड फिर से दोबारा खड़ा हो और फिर उसने कहा कि अब तो इसे अंदर डालो ना। तो मैंने जल्दी से उसे सीधा लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर लगाया और रगड़ने लगा। वो भांग के नशे में तो पहले ही थी.. अब सेक्स के नशे में पागल हो गई और बोली कि और ना तरसाओ जल्दी से डाल दो इसे अंदर। फिर उसे इस तरह लंड के लिए तड़पता हुआ देखकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उसने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अंदर करने लगी और लंड मोटा होने के कारण उससे अंदर नहीं गया.. तो उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ अंदर कर दो.. मुझे और ना तड़पाओ।

मैंने हल्का सा एक धक्का मारा और उसने अपनी दोनों आँखें बंद करके हल्की सी आह भरी.. मुझे उसके चेहरे पर वो तड़प, वो सेक्स की भूख बहुत अच्छी लग रही थी.. मैंने और एक हल्का सा धक्का मारा तो उसकी चूत गीली होने के कारण मेरा लंड हल्के हल्के दो तीन धक्को में अंदर चला गया.. मैंने उसकी गांड पर एक हाथ ज़ोर से मारा। उसने आँखें खोली और सिसकियाँ लेने लगी। फिर में हल्के हल्के धक्के मारने के साथ साथ उसके भूरे निप्पल को चूसने लगा और वो कहने लगी कि चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो। में हल्के हल्के धक्के मारता रहा.. वो बोली कि क्या गांड में दम नहीं है? चोदना और ज़ोर से। तो मुझे भी अब जोश आ गया और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी बहुत जोर जोर से धक्के मारने लगा और वो भी मस्त आहें भरने लगी आअह ऊऊऊउफफ आआअहह और अपनी गांड उठा उठाकर चुदाई का मज़ा लेने लगी और करीब 10 मिनट में ही उसे करंट सा लगा और वो मुझसे लिपट गई और फिर ढीली पड़ गई और उसका सारा पानी निकल गया।

में अभी भी नहीं झड़ा था और मैंने अपना काम जारी रखा और बहुत देर तक उसे ठोकता रहा। धक्के पर धक्के मारता रहा और 5 मिनट बाद ही में भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया और थोड़ी देर बाद उसके ऊपर से हट गया। फिर उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उस रात ऐसा ही चला। मैंने सुबह 4 बजे तक उसकी 3 बार चुदाई की और होली की रात दीवाली मनाई। फिर अगली रात भी उसकी ही ड्यूटी थी और वो मेरे भाई के सोने के बाद करीब 12 बजे मेरे पास आई और हमारे रूम के टॉयलेट में मैंने उसे जमकर चोदा।

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सीमा को पटाया चुदवाने की लिए

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हैल्लो फ्रेंड्स..

Hindi sex stories, Hindi sex kahaniya, sex story in hindi  मेरा नाम राज है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 20 साल है मुझे तो पता ही नहीं.. लेकिन लड़कियां बोलती है कि में बहुत हेंडसम हूँ और में जब चुदाई करता हूँ तो लड़कियों को जन्नत की सैर करा देता हूँ और 1 या 2 घंटे तक लड़की को छोड़ता भी नहीं हूँ.. जब तक उसको पूरी संतुष्टि नहीं मिलती बस चोदे ही जाता हूँ. आज तक जितनी भी लड़कियां या भाभी या आंटी को मैंने चोदा है वो आज भी मुझे याद किया करती है. मेरे लंड साईज़ 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और इस साईट के बारे में मेरे फ्रेंड ने मुझे बताया था.
में आपको आज मेरा अपना आखरी सेक्स अनुभव शेयर कर रहा हूँ जो कि मेरी भाभी के साथ है. दोस्तों यह बात अभी एक सप्ताह पहले की है. में स्टेशन पर मेरे दोस्त का इंतजार कर रहा था और वहां पर मैंने देखा कि एक जोरदार ब्यूटीफुल लड़की खड़ी थी. उसका क्या बदन यारों और क्या फिगर था? दोस्तों पता नहीं मेरी नज़र भी इतनी कातिल है कि में लड़की को देखकर ही उसका फिगर और उसके बारे में बता देता हूँ कि उसके साथ कितना मज़ा आएगा. उसका फिगर 34-28-34 था. क्या माल लग रह थी? यारो मेरा तो उसको देखकर ही लंड खड़ा हो गया था और में उसको अपनी बाईक पर बैठकर देखे ही जा रहा था और उसने भी यह नोटीस कर लिया था कि में उसे देख रहा हूँ. तभी थोड़ी देर में मेरा फ्रेंड आया उसने मुझको वो हार्ड कॉपी दी और हमने थोड़ी देर बात की फिर वो भी चला गया.. लेकिन अभी भी में वहाँ पर खड़ा रह कर उसको ही देख रहा था और वो दोपहर का टाईम था और वो भी अब बार बार मेरी तरफ देख रही थी.
फिर मैंने उसको एक स्माईल दी.. लेकिन उसने मुझे कोई जवाब नहीं दिया और पीछे देखने लगी.. लेकिन पीछे कोई भी नहीं था. फिर मैंने वहाँ पर जाकर उसको पूछा कि आपको कहाँ पर जाना है? तो उसने मुझे बताया कि सेटिलाइट. तो मैंने उसको बोला कि में भी वहीं पर जा रहा हूँ.. चलो में आपको रास्ते में छोड़ दूँगा.. लेकिन उसने मना कर दिया. फिर में जाकर बाईक पर बैठ गया और उसको देख रहा था. 15-20 मिनट हो गये.. लेकिन बस आई ही नहीं.. फिर उसने मेरी तरफ देखा और स्माईल दी. तो में समझ गया कि अब गाड़ी पटरी पर आ गयी है और मैंने भी जवाब दिया और एक स्माईल पास कर दी और उसको फिर से बोला अरे यार में आपका रेप नहीं कर दूँगा? तभी अचानक वो हंसी और मेरे लंड की तरफ देखकर बोली कि क्या पता कोई कंट्रोल ना कर पाए और कर दे तो क्या पता? फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने बोला कि मेरा नाम सीमा है.
में : लेकिन मुझे कंट्रोल करना आता है और में इतना जालिम भी नहीं हूँ कि आपको जबरदस्ती चोदूंगा.
सीमा (मेरे लंड की तरफ देखते हुए) : हाँ वो तो दिख ही रहा है?
तो में समझ गया कि अब रास्ता साफ है बेटा जल्दी से बोल दे.. फिर मैंने दोबारा से पूछा कि चलना है क्या ?
सीमा : मेरा रेप तो नहीं करोंगे ना? और बाईक पर बैठ गई.
में : आप इतनी सुंदर और सेक्सी हो कि कोई भी आपको देखकर ही आपका दीवाना हो जाए और हो सकता है आपका रेप भी कर डाले.
सीमा : ओह्ह तो फिर तुमने क्या सोचा?
में : मैंने तो आपको देखकर ही बहुत कुछ सोच लिया है.. लेकिन हमारा ऐसा नसीब कहाँ कि आप जैसी सेक्सी और हॉट लडकियों के साथ यह सब कर सके?
सीमा : ठीक है चलो छोड़ो अब वो सब बातें और कुछ अपने बारे में बताओ?
में : मेरा नामे राज है में बीकॉम में के पहले साल में पढ़ाई करता हूँ और आप जैसी सुंदर, हॉट लड़कियों की मदद करता हूँ.

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सीमा : वाह.. बहुत अच्छे.
में : थोड़ा आपके बारे में भी बता दो?
सीमा : मेरा नाम तो आपको पता ही है और अभी 6 महीने पहले ही मैंने शादी की है और मेर घर बरोड़ा में है.. लेकिन शादी के बाद में अहमदाबाद में रहती हूँ.
में : वाह बहुत अच्छा मुझे तो लगा कि आप एक कॉलेज स्टूडेंट हो.. आंटी जी लेकिन लगता है कि आपने अपने शरीर को बहुत सम्भालकर रखा है आंटी.
सीमा : मुझे आंटी मत बुलावो.. मुझे पसंद नहीं है?
में : आंटी आपके पति क्या करते है?
सीमा : वो एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करते है.. सुबह 8 बजे जाते है और रात को लेट घर पर आते है और फिर थककर सो जाते है और में पूरा दिन घर में अकेली बोर हो जाती हूँ.
में समझ गया कि सेक्स प्राब्लम है.. तभी में बोला कि में हूँ ना आप मुझको बुला लेना में भी पूरा दिन घर पर अकेले बोर ही होता हूँ.
सीमा : बस यहीं पर बाईक रोक दो.. मेरा घर आ गया है.
में : हाँ ठीक है.
सीमा : अंदर चलो.. चाय पीकर चले जाना.
में : तो में इतना अच्छा मौका कहाँ खोने वाला था और मुझको भी इसका ही तो इंतजार था.. में झट से नाटक करते हुए बोला कि जी नहीं अगली बार.
सीमा : अब चलो भी ना.
में : ठीक है बाबा और में मज़ाक करते हुए बोला कि फिर में रेप कर दूंगा तो बोलना मत.
सीमा : तुम ऐसा कर ही नहीं सकते?
में : ओह तो क्या आपको डेमो ही देना पड़ेगा?
सीमा : तो वो मुझे एक सेक्सी स्माईल देकर रूम में चली गयी और बोली कि इंतजार करो में अभी आती हूँ.
में : ठीक है.. लेकिन में चाय नहीं पीता.
सीमा : तो क्या फिर दूध चलेगा?
फिर थोड़ी देर बाद वो मेक्सी पहन कर आई.. यारों क्या माल लगती थी? काली कलर की मेक्सी और उसका एकदम सफेद बदन.. उसको देखकर मेरा लंड तो झटके मारने लगा.
में : आपका हो तो भी चलेगा.
सीमा : आपको किसने रोका है खुद ही लेकर पी लो?
तो मैंने झट से उसको अपनी बाहों में पकड़ा और किस करने लगा और साथ साथ इस तरह में उसके बूब्स भी दबाने लगा.. यार क्या होंठ थे उसके एकदम रसीले मेरा तो मन कर रहा था कि बस उसका रस ही पीता जाऊँ. फिर वो बोली कि थोड़ा रुको चलो बेडरूम में चलते है और फिर हम बेडरूम में गये.. मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और फिर से किस करने लगा और में उसकी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर बूब्स दबाने लगा और मैंने मेरी टीशर्ट को भी उतार दिया था. में उसकी नाक पर किस करने लगा और धीरे से उसकी मेक्सी उतारने लगा.. दोस्तों में तो पागल हो गया था. क्या गोरा बदन था उसका.. दोस्तों में उसको चाटने लगा और वो भी बहुत खुश होकर जवाब दे रही थी. फिर मैंने उसकी मेक्सी को उतार दिया दोस्तों क्या बूब्स थे उसके एकदम गोरे गोरे? और अभी उसके निप्पल भी बाहर नहीं आए थे और में तो देखकर चूसने लगा. तभी वो बोलने लगी कि जानू चूसो इसे और चूसो और सिसकियाँ भरने लगी अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ जानू और ज़ोर से दबाओ सीईईउउ आह. फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी और काली पेंटी में क्या दिख रही थी? दोस्तों में तो देखता ही रह गया और फिर वो बोली कि क्या देख रहे हो? जल्दी से मेरी प्यास बुझाओ में मरी जा रही हूँ. तो में उसकी पेंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा और वो मना करने लगी.. लेकिन में नहीं माना.. क्योंकि मुझे चूत चाटने का बहुत शौक है और मुझे उसमे बहुत मज़ा आता है.
फिर वो सिसकियाँ लेती ही जा रही थी और वो बोले जा रही थी और ज़ोर से ओह उफ्फ्फ और ज़ोर से करो और वो मेरे मुहं को उसकी चूत पर दबाने लगी. तो मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया.. वाह क्या चूत थी उसकी? एकदम सफेद और उसका साईड का हिस्सा बिल्कुल लाल लाल था और उस पर एकदम छोटे छोटे बाल थे.. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे 3-4 दिन पहले ही उसने बालों को साफ किया था. फिर मैंने बिना देर किए उसकी चूत पर मुहं लगा दिया और चूत को चाटने लगा. वाह क्या टेस्ट था? उसकी चूत का.. में तो जन्नत में था और उससे रहा नहीं जा रहा था.. वो बिन पानी की मछली की तरह मचल रही थी और सिसकियाँ ले रही थी. सीईई आहह्ह्ह और ज़ोर से करो मेरे राज और ज़ोर से.. तुमने मेरी लाईफ को रंगीन बना दिया.. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. में तो बिना कुछ देखे बस चूत चाटे ही जा रहा था. तो वो बोली कि जानू और अब बस में आह्ह्ह मर ही जाउंगी.. प्लीज़ मेरी चूत को आज फाड़ दो.. बना दो उसका भोसड़ा.
तो मैंने कहा कि रूको जानू.. अभी तो मैंने शुरु ही किया है थोड़ा इंतजार करो. तो वो ज़ोर ज़ोर से मेरे मुहं को उसकी चूत पर दबाने लगी और कुछ देर बाद उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर छोड़ दिया. तो मैंने उसका सारा पानी पी लिया फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और वो मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से देखकर पागल हो गयी और उसको धीरे धीरे मसलने लगी और थोड़ा घबरा भी गयी. तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? उतार दो इसे.. तो उसने जल्दी से मेरा अंडरवियर उतार दिया और फिर एकदम पीछे हट गई.. तो मैंने पूछा कि क्या हुआ जानू?
सीमा : यह तो बहुत बड़ा है और में इसे नहीं ले पाउँगी.. यह मेरे पति से दुगना बड़ा है और मोटा भी कितना है? नहीं मुझसे यह सब नहीं होगा.
तो में बोला कि जानू तुम फिक्र मत करो.. में बहुत धीरे धीरे से करूंगा और तुम्हे पता भी नहीं चलेगा. फिर वो मेरे बहुत समझाने पर मान गई और मेरे लंड को हाथ में पकड़कर बहुत ध्यान से देखने लगी और उसके इस तरह करने से जैसे मेरा लंड करंट के झटके मारने लगा और मेरा लंड उसके हाथ में भी नहीं आ रहा था और फिर उसने लंड को दोनों हाथों में पकड़ा और ऊपर नीचे करने लगी. फिर मैंने कहा कि इसको मुहं में भी लो.. लेकिन वो तो मना करने लगी.
सीमा : प्लीज़ राज.. मैंने पहले कभी नहीं लिया है.
में : इसलिए बोल रहा था कि आज बहुत मज़ा आएगा.
फिर भी वो नहीं मानी.. लेकिन फिर मैंने कहा कि ठीक है सिर्फ़ आगे का सुपाड़ा ही मुहं में अंदर डालना. तो सीमा ने दोनों हाथ से पकड़कर लंड का सुपड़ा आगे किया और अपने मुहं को खोला और थोड़ा सा लंड को अन्दर ले लिया और मैंने उससे कहा कि थोड़ा और लो और जैसे ही उसने लंड को थोड़ा और अंदर लिया और अपने हाथ हटाए और वैसे ही मैंने उसका सर पकड़कर पूरा लंड उसके मुहं में डाल दिया.. सीमा ने ज़ोर से मेरी जांघे पकड़ ली और मैंने कसकर उसका सर और लंड अंदर बाहर करने लगा. तभी थोड़ी देर बाद सीमा ने इशारे से कहा कि बेड पर लेट जाओ.. तो में लेट गया और वो मेरी जांघो की तरफ मुहं करके बैठ गयी और उसकी गांड मेरे मुहं की तरफ थी और सीमा ने मेरा काला लंड हाथ में पकड़ा और मुहं में लोलीपोप की तरह चूसने लगी और में सीमा की गांड के साथ खेल जा रहा था. वो कभी हाथ घुमाती तो कभी कसकर गांड को दबाती और तभी थोड़ी देर बाद मैंने इशारे से सीमा से कहा कि उसके ऊपर आ जाए. तो वो मेरी छाती पर बैठ गयी और लंड चूसने लगी. फिर मैंने उसकी गांड बिल्कुल अपने मुहं पर रख दी और नीच से उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे लंड को इस कदर चूस रही थी जैसे उसने ब्लूफ़िल्मो में देखा था और में तो दंग ही रह गया कि यह सब क्या हो रहा है?
तभी थोड़ी देर तक हम 69 पोजिशन में सेक्स करते रहे और फिर मैंने कहा कि ठीक है अब हम एक काम करते है तू यहाँ पर लेट जा.. तो वो लेट गयी और फिर मैंने उसके दोनों पैर फैला दिए और अपना मुहं दोनों पैरों के बीच में डालकर सीमा की चूत को चूसने लगा और उसकी आवाज़ में क्या जादू था? यारो और फिर सीमा ने कसकर मेरा सर पकड़ा हुआ था और अपनी चूत की तरफ दबा रही थी. तभी थोड़ी देर बाद मैंने ज़ेब में से एक कंडोम निकाला और सीमा के हाथ में दिया और बेड पर लेट गया. तो सीमा मेरी जांघो पर बैठ गयी और लंड को खड़ा किया और उस पर कंडोम लगाया और उसे धीरे धीरे नीचे उतारने लगी.. लेकिन वो लंड ही इतना बड़ा था कि कंडोम आधे तक भी नहीं आ रहा था और मैंने इशारे से कहा कि इसको बाहर निकाल दो. तो सीमा ने कंडोम को बाहर निकाला और लंड को सीधा ही अपने मुहं में डाल दिया और अब मेरा लंड एकदम खड़ा हो चुका था. करीब 8.5 इंच लंबा और 3 इंच गोलाई वाला था और पूरा इतना काला था कि जैसे कोई अफ्रिकन का हो.
अब सीमा से रहा नहीं जा रहा था तो उसने लंड को पकड़कर अपनी चूत पर टिका दिया और उसने मुझे इशारा किया कि अंदर डाल दो तो मैंने कहा कि तुम्हे नीचे आना है या ऊपर? तो उसने कहा कि पहले नीचे आ जाती हूँ बाद में ऊपर आ जाउंगी. तो में बेड पर खड़ा हो गया और सीमा को नीचे लेटा दिया और सीमा के दोनों पैरों को फैलाकर बीच में बैठ गया और उसका हाथ पकड़कर लंड को हाथ में थमा दिया और मैंने कहा कि तुम ही डाल दो. तो सीमा ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के दरवाजे पर ले आई और मुझे इशारा किया कि धक्का मारो और फिर मैंने हल्का सा धक्का लगाया.. लेकिन कुछ भी नहीं हुआ.. लंड बाहर ही था. फिर सीमा ने अपना हाथ मुहं में डाला और थोड़ा सा थूक निकालकर अपनी चूत पर लगाया और मेरे लंड को मुहं में ले लिया ताकि पूरा थूक लगा सके और फिर बाहर निकाल दिया.
फिर मुझे बोला कि अब ज़रा ज़ोर से धक्का लगाओ.. तो मैंने उसकी कमर में हाथ डालकर उसको पकड़ा और एक ही धक्का इतने ज़ोर से मारा कि सीमा के मुहं से जबरदस्त आवाज़ निकली सीईईइ शईई अह्ह्ह माँ मर गई.. प्लीज इसे बाहर निकालो नहीं तो में मर जाऊंगी.. प्लीज़ मुझसे रहा नहीं जा रहा है उह्ह्हउ माँ आहअहह और सीमा आगे से पूरी ऊपर हो गयी.. वो चाहती थी कि खड़ी हो जाए.. लेकिन उसकी कमर पर मेरे हाथ रखे हुए थे और फिर मैंने एक हाथ कमर से हटाकर उसके गले पर रखा और बड़ी वाली उंगली उसके मुहं में डाल दी और सीमा उसे चूसने लगी और थोड़ी ठीक हो गयी. में पीछे की साईड में था तो मुझे पूरा दिख रहा था कि सीमा की चूत में लंड ऐसे फिट हो गया था जैसे अंदर हवा जाने की भी जगह नहीं थी. तभी थोड़ी देर बाद मैंने उसकी कमर पर से हाथ हटाकर उसके दोनों कंधो पर रख दिये और पैरों से उसके पैर जकड़ लिए ताकि वो खड़ी ना हो सके और फिर आधा लंड चूत से बाहर निकाला और फिर से झटका दिया. तो इस बार उसने ज़्यादा उछल कूद नहीं की.. लेकिन वो भी मेरी गांड को पकड़कर अपनी चूत की तरफ दबा रही थी..
में दोनों हाथों से सीमा के बूब्स दबा रहा था और निप्पल को मसल रहा था. तभी थोड़ी देर तक यह सब चलता रहा और मैंने अपनी चोदने की स्पीड बड़ा दी.. तो सीमा बोली कि क्या अब में ऊपर आ जाऊँ? तो में बैठ गया और सीमा मेरी गोद में ऐसे बैठी ताकि दोनों के मुहं आमने सामने आए और फिर किस्सिंग चालू कर दी. फिर सीमा नीचे हाथ डालकर लंड को पकड़कर हिलाने लगी और अब वो थोड़ी ऊपर हुई और लंड को एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत में डालने की कोशिश करने लगी और चूत के छेद पर लंड का सुपाड़ा सेट करने के बाद वो बैठ गयी तो पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया और वो चिल्ला पड़ी. तो मैंने उसकी गांड पर हाथ रख दिये और दबाने लगा और सीमा लंड को कसकर पकड़कर मज़े ले रही थी और वो धीरे धीरे स्पीड बड़ाने लगी और उसके मुहं से आवाज़ भी बढ़ने लगी और मुझे कसकर नाख़ून मारने लगी और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को चुदवा रही थी और थोड़ी ही देर में वो मुझसे लिपट गयी और बहुत ज़ोर से चिल्लाई आह्ह्ह उह्ह्ह माँ मर गई ओहुउऊ माँ.
फिर लंड उसकी चूत के अंदर ही था और साईड में से उसका एक पैर ऊपर करके जमकर चोदा और में भी ज़ोर ज़ोर से आवाज़े करने लगा और मुझे पता चल गया कि शायद मेरा वीर्य निकलने वाला है तो में और जोश में आ गया और मैंने जब नज़दीक आकर सीमा की तरफ देखा तो उसकी दोनों आँखे बंद थी. फिर मैंने उसके गाल को छुआ और उससे पूछा कि कहाँ पर निकालूँ सारा माल? तो सीमा ने सर को हिलाते हुए कहा कि प्लीज अंदर मत गिराना और वो बोली कि जहाँ पर तुम चाहो. तो मैंने कहा कि क्या तुम मुहं में लोगी? तो सीमा बोली कि मैंने पहले कभी नहीं लिया.. मुझे नहीं पसंद. तो मैंने बोला कि तुम्हे तो लंड भी मुहं में लेना पसंद नहीं था अब ले लिया ना.. कैसा लगता है और यह भी वैसा ही है तुम एक बार लेकर तो देखो. फिर भी सीमा ने मना किया.. लेकिन मैंने थोड़ा उसे समझाया और फिर सीमा मान गयी और में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और उसके मुहं से आवाज़े आ रही थी आअहह माँ और ज़ोर से फाड़ दो आज मेरी चूत को.. बना दो इसका भोसड़ा. फिर मैंने कहा कि तेरी चूत में तो बहुत गर्मी है आहह आआहह बस अब निकलने वाला है अह्ह्ह करते हुए मैंने लंड को बाहर निकाला और बेड के पास खड़ा हो गया और सीमा बेड पर बैठ गयी.
तो मैंने एक हाथ से लंड को ज़ोर से हिलाया और दूसरे हाथ से सीमा की गर्दन को पीछे से पकड़कर उसका मुहं लंड के नज़दीक किया और मुहं से इशारा किया कि मुहं खोलो. तो सीमा ने आखे बंद करके मुहं खोला.. मैंने ज़ोर से उसके बाल पकड़े और मेरे मुहं से आवाज़ आई अह्ह्ह सीमा और उसका मुहं नज़दीक लेकर लंड उसके मुहं में डाल दिया. सीमा ने थोड़ी देर लंड को मुहं में रखा और फिर बाहर निकाला.. तभी मैंने देखा कि सीमा का मुहं पूरा वीर्य से भर गया था और वो अपने होंठो से मेरे लंड की क्रीम चाट रही थी. फिर सीमा ने मेरे लंड को पकड़कर वापस मुहं में डाला और चूसने लगी में उसके गालों पर और बालों में हाथ घुमाकर प्यार करने लगा और मैंने देखा कि सीमा के चहरे पर रोनक आ गयी थी. फिर थोड़ी देर के बाद में कपड़े पहनकर अपने घर चला गया ..

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सविता चाची और पड़ोस की चुदासी आंटियाँ-1

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मैं नंगा सो रहा था कि मेरी मकान मालकिन ने मेरा खड़ा लंड देख लिया। एक दिन मैं किराया देने उनके कमरे में गया तो देखा कि पड़ोस की दो आन्टियाँ नंगी लेस्बीयन सेक्स कर रही थी। हैलो फ्रेन्ड्स, मेरा नाम राघव है और अभी मैं 23 साल का हूँ। ये उस वक़्त की बात है जब मैं कोटा के एक कोचिंग इन्स्टिट्यूट में पीएमटी की तैयारी कर रहा था। उस वक्त मेरी उम्र 18 साल थी। Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Font Sex Stories, Desi Chudai Kahani, Free Hindi Audio Sex Stories, Hindi Sex Story, Gujarati sex story, chudai

मैं उधर एक किराए के मकान में रहता था। मकान में तीन और स्टूडेंट्स रहते थे.

हम सब ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे और फर्स्ट फ्लोर पर मकान-मलिक उनकी बीवी.. जिनका नाम सविता था, रहते थे।
उनका एक लड़का जयपुर के एक कॉलेज में था। उनकी एक लड़की भी थी जो इंटीरियर डिज़ाइनर थी.. उसकी शादी हो चुकी थी।

लैंडलार्ड सुबह ऑफिस जाते और शाम को आते थे.. और सविता चाची दिनभर घर में अकेली रहती थीं।
वो रोजाना सुबह 5-6 बजे नीचे फ्लोर की झाड़ू लगाने आती थीं.. तब मैं सोता रहता था।

सविता चाची 35 साल की थीं.. वो थोड़ी सी मोटी थीं और दिखने में औसत थीं।

सविता चाची ने मुझे नंगा देखा

मेरी आदत थी कि मैं कमरे में नंगा ही सोता था।
एक रात की बात है मैं अपने कमरे में नंगा सो रहा था.. तब लाइट चली गई।
कमरे में बहुत गर्मी हो रही थी.. तो मैंने उठ कर दरवाजा खोल दिया और परदा लगा कर सो गया।
नींद में मैं यह भूल गया कि मैं नंगा ही हूँ.

कुछ देर बाद लाईट आ चुकी थी.. लेकिन मुझे नहीं पता था।

सुबह जब चाची झाड़ू लगाने आईं.. तो उन्होंने मेरा दरवाजा खुला हुआ देखा। उन्हें लगा कि मैं जाग गया हूँ.. इसलिए वो कमरे के अन्दर आ गईं।
उन्होंने मुझे आवाज़ देकर मुझे जगाया और मेरी आँख खुल गई।

उस वक्त कमरे में अंधेरा था.. चाची ने लाईट ऑन की और पीछे मुड़कर देखा तो मैं बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ था।

मैंने चाची की तरफ देखा तो चाची मेरी ओर देख रही थीं।

सुबह का वक़्त था इसलिए मेरा लंड बम्बू की तरह खड़ा था। ये सिर्फ़ 1-2 सेकेंड की बात थी.. सविता चाची के हाथ में उस वक़्त झाड़ू थी.. वो झट से पीछे मुड़ीं और परदा को साइड से हटाते हुए कमरे से बाहर चली गईं।

उस दिन फ्लोर का झाड़ू लगाना अधूरा ही रह गया। मैं उस दिन बहुत शर्मिंदा था.. लेकिन मैं मन ही मन खुश भी था क्योंकि किसी औरत ने मुझे आज पहली बार अपनी आँखों के सामने नंगा देखा है।
मैं जल्दी से तैयार होकर कोचिंग के लिए चला गया।

कुछ दिनों तक मैं चाची से नज़रें नहीं मिला पाया।
लेकिन महीने के अंत में मुझे किराया देना था। मैंने लैंडलॉर्ड को पैसे दिए लेकिन उन्होंने कहा- हर बार तो तुम अपनी आंटी को ही तो देते हो.. इस बार भी उन्हीं को दे देना.. क्योंकि मैं हिसाब नहीं रखता।

अब मैं क्या करता.. मजबूर था।
अगले दिन लैंडलॉर्ड की लड़की आई और बोली कि किराया मम्मी को दे देना और मैंने गर्दन हिला दी।

उसी रात को लैंडलॉर्ड और उसकी लड़की दिल्ली चले गए.. उनकी लड़की का कोई इन्टरव्यू था।
घर में चाची अकेली थीं और मैं डर रहा था कि चाची को पैसे कैसे दूँ।

पड़ोसन आन्टियों को नंगी देखा

मैं हिम्मत करके ऊपर गया.. लेकिन ऊपर मुझे कुछ औरतों के हंसने की आवाज़ आ रही थी और उन आवाजों में पॉर्न मूवी की आवाज़ भी शामिल थी।

मैं दबे पाँव दरवाजे की तरफ़ गया। मैंने कान लगा कर सुना.. सच में वहाँ ऐसी ही आवाजें आ रही थीं।

मैंने की-होल से अन्दर झाँक कर देखा तो पड़ोस वाली रचना और मेहता आंटी थीं.. जो एक-दूसरे के ऊपर नंगी लेटी हुई थीं।
मतलब वो लेज़्बीयन थीं।

यह देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया।
मैंने फिर से की-होल में से देखा.. तो सविता चाची रसोई में से पानी की बॉटल और आइस-ट्रे लेकर आ रही थीं और उनके होंठों के बीच एक जलती हुई सिगरेट सुलग रही थी।

देखने वाली बात तो यह थी कि चाची सिर्फ़ पेटीकोट में थी और ऊपर से उनके बड़े-बड़े ब्राउन निप्पल वाले पपीते लटक रहे थे।
कसम से मेरा 6 इंच का लण्ड कुतुबमीनार बन कर पैन्ट में सख्त हो गया।

तभी नीचे से डोरबेल बजी.. मैं वहाँ से नीचे की और भागा..
सीढ़ियों से उतरते हुए मैंने देखा कि गेट पर नफ़ीसा आंटी खड़ी हुई थीं.. डोरबेल उन्होंने ही बजाई थी।
नफ़ीसा आंटी ने मुझे नीचे आते हुए देख लिया था।

उस दिन मैं हर आहट पर चौंकन्ना था। तीनों आंटी शाम के 5 बजे तक वहाँ रुकीं और फिर चली गईं।

तब मुझे पता चला कि तीनों आंटियां किस तरह की रंडियां हैं।

उस रात को मैंने 2 बार मुट्ठी मारी।
अब मैं उन आंटियों को चोदने का तरीका सोच रहा था.. तभी मेरे दिमाग़ में एक प्लान आ गया।

मैं उस रात को दरवाजा खुला रख कर 5 बजे का अलार्म लगा कर सोया और 5 बजे जाग कर सविता चाची के नीचे झाड़ू लगाने आने का वेट किया।
लेकिन आंटी 6:30 बजे तक नीचे नहीं आईं, मैंने गेट बंद कर लिया।

तब तक बाकी के स्टूडेंट्स भी कोचिंग के लिए जा चुके थे। ग्राउंड फ्लोर पर मैं अकेला ही रह गया था।

सविता चाची ने मेरा लंड पकड़ा

करीब 7 बजे मैंने चाची की पायलों की आवाज़ सुनी.. मैंने झट से दरवाज़ा खोला.. परदा लगाया और नंगा बिस्तर पर लेट गया।

मैंने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं.. लेकिन थोड़ी सी खुली हुई रखी थीं.. ताकि मैं चाची को देख सकूं।
चाची मेरे कमरे के सामने से गुज़रीं.. लेकिन वो अन्दर नहीं आईं।

मेरे प्लान पर पानी फिर गया।

लेकिन दो मिनट बाद चाची गेट के सामने आईं.. परदा को हल्का सा हटाया ताकि वो कमरे के अन्दर देख सकें। मैं ये सब अपनी आधी खुली हुई आँखों से देख रहा था।

चाची को लगा कि मैं सो रहा हूँ, वो अन्दर आईं.. धीरे से और लाईट को ऑन किया।

उन्होंने कुछ मिनट तक मुझे बहुत गौर से नंगा देखा.. फिर मेरे लौड़े के पास अपनी नाक लेकर आईं.. और मेरे लौड़े को सूँघा।

फिर उन्होंने अपनी ब्रा में से मोबाइल निकाल कर शायद मेरा वीडियो बनाया या फिर फोटो खींचा.. मुझे पता नहीं।
इस समय वो अपने एक हाथ से लगातार अपने मम्मों को दबा रही थीं।

फिर वो बाहर चली गईं और ज़ोर-ज़ोर से अपनी पायल को बजाने लगीं। पास वाले कमरे का दरवाजा भी खटखटाया.. लेकिन मैंने आँख नहीं खोलीं।

वो शायद चैक कर रही थीं कि मैं इतनी आवाज से जागता हूँ या नहीं। वो फिर से कमरे में आईं.. लाईट बंद की और मुझे आवाज़ लगाई.. लेकिन पहले से जागे हुए आदमी कोई जगा सकता है क्या?
नहीं ना..
बस मैंने भी वही किया।

उन्हें लगा मैं बहुत गहरी नींद में हूँ।

थोड़ा चैक करने के लिए उन्होंने मेरे हाथ को टच किया.. फिर मेरी जाँघ पर हल्का सा हाथ फेरा।

उन्हें लगा कि ये नहीं जागेगा तो एक उंगली से उन्होंने मेरे लौड़े की स्किन को नीचे की ओर खिसका दिया। इससे मेरे लौड़े का सुर्ख लाल टोपा बाहर आ गया।
मेरा लंड फड़क रहा था और मेरी धड़कन बढ़ गई थीं।

उन्होंने मेरे लौड़े से निकली हुई पानी की कुछ बूँदों को उंगली से उठाया और फिर उसे चाट लिया।
बस फिर वो कमरे से निकल गईं।

अगर वो थोड़ी देर और ऐसा ही करती रहतीं.. तो मेरा तो निकल जाता।

उस दिन मैं कोचिंग के लिए नहीं गया। जैसे-तैसे अपने आपको रोका और मुट्ठी नहीं मारी, क्या पता चाची को चोदने का मौका कब मिल जाए।

मैं चाहता तो उसी टाइम चाची को पकड़ सकता था.. लेकिन मैं कुछ और ही चाहता था, मैंने सही टाइम का इंतज़ार किया।
दोपहर को लगभग 1:00 बजे रचना और मेहता आंटी आईं और ऊपर चली गईं।

मैं भी थोड़ी देर बाद ऊपर चला गया।

आंटियों को चोदने की तैयारी

वहाँ पर वही सब कुछ चल रहा था। मैंने अपने मोबाइल से वो वीडियो क्लिप बना ली.. इसी के साथ मैं इन आंटियों को एक साथ कैसे चोदूँ.. इसका तरीका मुझे एकदम दिमाग़ में आ गया।

मुझे पता था कि नफ़ीसा आंटी भी थोड़ी देर बाद आएँगी इसलिए मैंने डोरबेल का कनेक्शन काट दिया और नफ़ीसा आंटी का वेट करने लगा।
थोड़ी देर बाद वो आती हुई दिखाई दीं।

मैं भाग कर ऊपर चला गया। मुझे पता था कि आज डोरबेल नहीं बजेगी तो आंटी अपने आप ऊपर आ जाएंगी।
जो सोचा था वो ही हुआ।

नफ़ीसा आंटी ऊपर आ गईं और मैं दीवार के पीछे छुप गया। नफ़ीसा आंटी ने गेट नॉक किया.. अन्दर से सविता चाची ने पूछा- कौन है?
नफ़ीसा आंटी ने बोला- मैं हूँ नफ़ीसा।
सविता चाची ने पूछा- अकेली हो या और कोई है?
नफ़ीसा ने बोला- सिर्फ़ मैं ही हूँ।

इसके बाद मेहता आंटी ने गेट खोला लेकिन वो नज़ारा देखने लायक था। क्योंकि मेहता आंटी नंगी ही बाहर आ गई थीं। नफ़ीसा और मेहता आंटी आपस में गले मिलीं। मुझे इस ही मौके का इंतज़ार था.. मैं झट से बाहर आया और उन्हें पकड़ लिया।

वो एकदम से डर गईं। मेहता आंटी एकदम से घर के अन्दर भागीं और दरवाजा बंद करने की कोशिश करने लगीं।

मैंने दरवाजे को धक्का दिया और पूरा दरवाजा खोल कर खड़ा हो गया। मैंने अन्दर घुस कर नफ़ीसा आंटी का हाथ पकड़ कर अन्दर खींच लिया।

ये सब देख के सारी आंटियों में अफ़रा-तफ़री मच गई और अपने आपको तौलिया.. बेडशीट और साड़ी आदि से ढकने लगीं।
इन सबके बीच में खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा था।

सविता चाची ने बोला- ये क्या बदतमीजी है?
मैंने कहा- रिलॅक्स चाची.. मैं तो सिर्फ़ एंजाय करने आया हूँ। मैं इसके बारे में किसी को नहीं बताऊँगा।

चाची ने कहा- चले जाओ नहीं तो मैं..
मैंने उनकी बात काटते हुए कहा- चाची जी.. मैंने आपकी क्लिप मोबाइल पर बनाई है.. सो प्लीज़ मेरी बात मान लीजिए।
रचना आंटी जो लगभग 32 साल की थीं उन्होंने कहा- अरे सविता कोई बात नहीं.. मान ले बात.. वो किसी को नहीं बताएगा।

अब आंटियां करती भी तो भी क्या करतीं… उनकी पोल तो खुल ही चुकी थी।
सभी आंटियां असमंजस की स्थिति में थीं।
माहौल को खोलने के लिए सबसे पहले रचना आंटी सोफे से उठ कर खड़ी हुईं और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर सोफे पर बैठा दिया।

उन्होंने जो तौलिया लपेटा हुआ था, वो सिर्फ़ उनके आगे के बदन को ढक रहा था और वो पीछे से बिल्कुल नंगी थी, उनके बड़े-बड़े कूल्हे दिखाई दे रहे थे।
तौलिये से उनका सिर्फ़ आधा बदन कवर था.. इससे उनकी आधी जांघें सामने से दिखाई दे रही थीं.. जो मोटी और चिकनी थीं।

उनका रंग थोड़ा सा सांवला सा था, उन्होंने अपना तौलिया हटाया और सबके सामने बड़ी बेशर्मी से खड़ी हो गईं।
यह सब देख कर मेरा लंड फुंफकार मारने लगा।

इतनी ही देर में मेहता आंटी भी कॉन्फिडेन्स में आ गईं और साड़ी से ढके हुए अपने बदन को बंदिशों से बाहर कर दिया।
मेहता आंटी 30 साल की थीं और गोरा रंग उनको ताजमहल की परिभाषा देता था।
उनके निपल्स टाइट थे और चूत क्लीन शेव्ड थी। वो मेरे पास आकर बैठ गईं।

लेकिन नफ़ीसा आंटी अभी भी दरवाजे के पास ही खड़ी थीं, उन्होंने कहा- मैं जा रही हूँ.. मैं ये सब नहीं कर सकती।

उन्होंने गेट आधा खोला ही था कि सविता चाची उनकी तरफ भागीं। भागने के चक्कर में बेडशीट से ढका हुआ उनका गोरा बदन उघड़ गया। भागते समय उनके मोटे मम्मे.. बड़े-बड़े कूल्हे और गदराई हुई जांघें हिलोरे मारती हुई उछल रही थीं।

उन्होंने नफ़ीसा आंटी (26 साल) का हाथ पकड़ कर अन्दर खींचा और दरवाजा बंद कर दिया।
उन्होंने कहा- अरे नफ़ीसा आ जाओ यार.. कुछ नहीं होगा.. वैसे भी इसे सब पता चल गया है और इसके पास हमारी वीडियो क्लिप भी है। सेफ्टी के लिए मेरे पास भी इसकी वीडियो क्लिप है।

यह सुन कर मैं हैरान हो गया।
अब मुझे पता चल गया कि चाची ने सुबह मेरा वीडियो बनाया था।
मैं भी अब किसी को कुछ बताने लायक नहीं रहा।

यह सुन कर नफ़ीसा आंटी पास की चेयर पर मुँह लटका के बैठ गईं।

मेहता आंटी ने कहा- मुझे भी दिखाओ इस लड़के का वीडियो?
रचना आंटी ने कहा- अरे छोड़ो यार हम तो इसे लाइव ही देख लेंगे।

यह कहते हुए उन्होंने मेरे गाल पर हाथ फेरा।
फिर उन्होंने एक सिगरेट जलाई और धुआं मेरे चेहरे पर छोड़ते हुए कहा- क्यों बेटा, मज़े करोगे हमारे साथ..
मैंने गर्दन हिला दी।

फिर मेहता आंटी ने अपनी दोनों जांघें फैला कर अपनी चूत दिखाई.. जो एकदम क्लीन शेव्ड और फूली हुई थी।
उन्होंने मेरी गर्दन को झटके से नीचे किया और चूत की तरफ ले गई, उन्होंने कहा- चाटो इसे..

मैं उनकी चूत को चाटने लगा और रचना आंटी मेहता आंटी के मम्मों को दबाने लग गईं।
मेहता आंटी चिल्लाने लगीं- आअहह.. ऊओ ईआहह उम्म्मह..
रचना आंटी ने कहा- अभी नए हो बेटा.. मैं तुम्हें चूत चाटना सिखाती हूँ।

उन्होंने सविता चाची को सोफे पर लिटा दिया और दोनों जांघें फैला कर अपनी जीभ को घुमाते हुए चूत के अन्दर-बाहर करके चाटना चालू कर दिया।

यह सब देख कर मेरा तो पूरा खड़ा हो चुका था। ये सब नफ़ीसा आंटी कुर्सी पर बैठ के देख रही थीं।

रचना आंटी आईं और मुझसे बोलीं- हम सब लेज़्बीयन हैं लेकिन आज एक छोकरा हमारा गैंग-बैंग करेगा। ये भी हमारा पहला एक्सपीरियेन्स होगा.. क्यों नफ़ीसा?
नफ़ीसा आंटी एकदम से चौंक कर बोलीं- आं..हाँ..हाँ..
‘तो फिर आओ ना.. वहाँ क्यों बैठी हो.. लाओ अपना बैग मुझे दो।’

नफ़ीसा आंटी का बैग खुला और उन्होंने उसमें से 4 डिल्डो निकाले। सभी आंटियों ने एक-एक डिल्डो ले लिया और उसे चाट कर गीला करने में लग गईं।

मेहता आंटी उठीं और नफ़ीसा आंटी का हाथ पकड़ कर मेरी गोद में बैठा दिया और मेरा हाथ उनकी जाँघों पर रख दिया।

नफ़ीसा आंटी सलवार कुर्ते में थीं। मेरा लंड उनकी गाण्ड के ठीक नीचे वाइब्रेट कर रहा था.. जो वो महसूस कर रही थीं।

मैं तीनों आंटियों को तो पहले भी नंगी देख चुका था.. लेकिन नफ़ीसा आंटी को नहीं देखा था।

सविता चाची ने कहा- नफ़ीसा.. छोकरे के कपड़े उतारो।

वो खड़ी हुईं और मेरे शर्ट को और बनियान को उतार दिया।
अब वो मेरी बेल्ट खोलने लगीं, मैंने इसमें उनकी हेल्प की.. तो वो अपनी आँखें ऊपर करके मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दीं।

फिर उन्होंने मेरी पैन्ट की ज़िप और बटन खोल कर खींच कर निकाल दी।
चड्डी के ही अन्दर से मेरे लंड के आकार का पता चल रहा था।

बाकी तीनों आंटियां भी मेरे आस-पास खड़ी होके लंड के बाहर आने का इंतज़ार कर रही थीं और प्यासी लोमड़ी की तरह सब कुछ देख रही थीं।

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कहानी जारी है।

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दो जिस्म और एकांत

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मेरे मुख से आहें फूट पड़ी. गांड चुदाने से मेरी उत्तेजना पहले ही बढ़ी हुयी थी. अब उत्तेजना और भी बढाती जा रही थी. उसके लंड के मोटेपन का चूत में अहसास हो रहा था. मम्मी और पापा आज सवेरे दिल्ली जाने वाले थे। मैं घर पर अकेली थी। पापा ने पड़ोस में रहने वाले शर्मा जी को कहा था की वो मेरी और घर की देखभाल करें। शर्मा जी की बेटी मेरी सहेली है। उसका भाई विनोद २० साल का है और कॉलेज में पढता था। वो मम्मी – पापा के जाने के बाद अपनी किताबें ले कर घर पर आ गया था। उसे बैठक का कमरा दे दिया था। Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Font Sex Stories, Desi Chudai Kahani, Free Hindi Audio Sex Stories, Hindi Sex Story, Gujarati sex story, chudai

दो जवान जिस्म और एकांत…फिर पूरी आज़ादी। कुछ तो होना ही था। वो शुरू से ही मुझे पसंद करता था। वो मुझसे बात करने के लिए बार बार मेरे कमरे में आ जाता था। मैं मन ही मन उसकी बात समझती थी और मुस्कुराती थी। मुझे भी वो अच्छा लगता था।

जिस समय वो मेरे कमरे में आया उस समय मैं बाथरूम में नहाने घुसी ही थी। मैंने बाथरूम के दरवाजे के छेद में से झांक कर देखा तो वो बाथरूम की तरफ़ ही देख रहा था। मैं कपड़े उतरने लगी। तभी मुझे लगा कि विनोद दरवाजे के पास आ गया है। मुझे मौका मिल गया उसे पटाने का।

मैंने चुपके से देखा कि बाथरूम के दरवाजे के उसी छेद से… एक आँख झिलमिला रही थी। मैं समझ गयी कि वो मुझे अब देख रहा है। मैंने उसे अपनी और आकर्षित करने के लिए अनजान बनते हुए अपना टॉप उतारा… मेरी चुंचियाँ उछल कर बाहर आ गयी। मैंने चुन्चियो को धीरे से सहलाया और नोकों को मसल दिया।

फिर मैंने छेद की ओर अपनी पीठ करते हुए अपना पजामा उतर दिया। पेंटी भी उतर दी। मेरे चूतडों की गोलाईयां और गहराइयाँ उसकी नजरों के सामने थी। ऐसा करते समय मेरे बदन में सनसनी फ़ैल रही थी, क्योकि मुझे पता था कि विनोद मुझे नंगा देख रहा है। मैंने अपना बदन अब उसके सामने कर दिया जिस से उसे मेरी छूट साफ़ दिख जाए। उसकी नजरे अभी भी छेद में चमक रही थी।

मैंने झरना खोला और गरम गरम पानी मेरे शरीर पर पड़ने लगा। मैंने कभी अपनी चुंचियाँ मलती, तो कभी अपनी चूत साफ़ करती। मैं चाहती थी वो मुझे देखे और उत्तेजित हो जाए। मैं नहा चुकी तो मैंने दरवाजे के छेद के पास अपनी चूत सामने कर दी। मेरी चुंचियाँ कड़ी होने लगी थी।

मुझे लगा कि उसे अब मेरी चूत साफ़ नजर आ रही होगी। मैंने अपना बदन तोलिये से पोंछ कर कपड़े पहनने शुरू किए। अब उसकी आँख वहाँ नहीं थी।

मैं बाथरूम से बाहर आयी और अनजान बनते हुए बोली-‘अरे… विनोद कब आए..?’
‘बस अभी ही आया हूँ…’ उसका झूठ पकड़ में आ रहा था। उसका लंड पैंट के ऊपर से उफनता हुआ दिख रहा था।

‘क्या बात है… तुम्हारा मुंह लाल क्यूँ हो रहा है…’ मैं बालों पर कंघी कर रही थी। उसे छेड़ने में मुझे मजा आ रहा था। मैं उसके सामने बैठ गयी और झुक कर पंखे की हवा में बाल सुखाने लगी। उसकी नजरों के सामने मेरी उभरी हुयी चुंचियाँ टॉप के भीतर से झाँकने लगी।
उसकी नजरें मेरे स्तनों पर गड़ गयी।

मैंने नीचे से ही तिरछी नजरों से उसे देखा… और उसके गर्माते शरीर पर सीधे चोट की…’विनोद… अन्दर क्या देख रहे हो …झांक कर ?’
‘हाँ… नही… क्या…?’ वो बुरी तरह झेंप गया।

‘अच्छा.. अब मैं बताऊँ…कि क्या देख रहे हो तुम…’ विनोद एकदम से शरमा गया।
‘नेहा… वो… नही… सो… सॉरी…’
‘क्या सॉरी… एक तो चोरी…फिर सॉरी…’
‘नेहा… अच्छी लग रही थी…सॉरी कहा न ‘

मैं उसके पैंट पर से लंड के उभर को देख रही थी। उसने ऊपर हाथ रख लिया।
‘नही देखो… इधर.. ‘ वो शरमा गया। मैं मुस्कुरा उठी।
‘तो कान पकडो…’
विनोद ने अपने कान पकड़ लिए… ‘बस…ना…’

हाथ हटाने पर लंड का उभार फिर से दिखने लगा।
मैं हंस पड़ी।
वो देखो… जो है वो तो दिखेगा ही… ‘

अब विनोद को समझ में आ गया था कि खुला निमंत्रण है। उसका लंड का आकार तक दिखने लगा था। विनोद उठ कर मेरे पास आ गया। उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा-‘नेहा…तुम्हारी भी तो उभार है… एक बार दिखा दो…’

‘अरे…मैं तो मजाक कर रही थी… तुम अन्दर देख रहे थे… इसलिए मजाक किया था…’
विनोद से रहा नही गया उसने एकदम से मेरे गालों को चूम लिया। मैं शरमा गयी…
‘विनोद… ये क्या कर रहे हो…’

उसने तुंरत ही मेरे होंट पर अपने होंट रख दिए। मैंने सोचा अब इसे और आगे बढ़ने दो। मुझे मजा आने लगा था।

उसने मेरे भारी स्तनों को पकड़ लिया। उसने स्तनों को मसलना चालू कर दिया। मैं सिमटी जा रही थी। पर उसके हाथों ने मेरे उभारों को मसलना जारी रखा। मैं अपने को बचाती भी रही…पर उसे रोका भी नहीं।

जब उसने मेरे उभारों को अच्छी तरह से दबा लिया तब मैंने जान कर के उसे पीछे की ओर धक्का दे दिया-‘बहुत बेशरम हो गए हो…’ मेरे हाथ से कंघी नीचे गिर गयी। मैं जैसे ही उठ कर कंघी उठाने को झुकी, मेरे पजामे में से मेरी गांड की गोलाईयां उभर कर विनोद के सामने आ गयी। विनोद बोल उठा-‘नेहा बस ऐसे ही रहो…’ मैं जान कर के वैसे ही झुकी रही।
‘क्या हुआ…?’

उसने मेरे नरम नरम गोल चूतडों को हाथ से सहला दिया। गोलाईयां सहलाते हुए उसके हाथ दोनों फाकों की दरार में घुस पड़े ओर फिर अपनी उंगली घुसा कर मेरी गांड के छेद को सहलाने लगा। मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैं वैसे ही जान कर के झुकी रही। अब उसके हाथ मेरी चूत की तरफ़ बढ गए।

मैं सिहर उठी। जैसे ही उसने चूत दबी… चूत का गीलापन उसके हाथ में लग गया। अब उसने मेरी चूत को भींच दिया। मैंने जल्दी से उसका हाथ हटा दिया। और सीधी खड़ी हो गयी।

विनोद मुस्कुराया ‘नेहा… मज़ा आ गया… तुम्हें कैसा लगा…?’
‘अब तुम बेशरमी ज्यादा ही दिखा रहे हो… कालेज़ नहीं जाना क्या…?’ मैंने भी उसे मुस्कुरा कर कहा।

हम दोनों ने दोपहर का खाना खाया। फ़िर विनोद कालेज़ चला गया। मैंने अपने कपड़े बदले, पैन्टी और ब्रा उतार दी और सिर्फ़ स्कर्ट और हल्का सा टाप पहन लिया। मैंने सोचा कि अब जब विनोद आएगा तो मुझे चोदे बिना नहीं छोड़ेगा। मैंने हमेशा की तरह अपनी गाण्ड में क्रीम लगा कर चिकनी कर ली और बिस्तर पर लेट गई। विनोद के बारे में सोचते सोचते जाने कब मुझे नींद आ गई।

अचानक मेरी नींद खुल गई। मुझे अपनी पीठ पर एक जिस्म का भार महसूस हुआ। मैं सिहर उठी और समझ गई कि यह विनोद है पर मैंने आंख नहीं खोली। विनोद मेरी पीठ पर सवार था और उसका नंगा लण्ड मेरी गाण्ड पर स्पर्श हो रहा था।

मैं नीचे दबी हुई थोड़ी इधर उधर हुई तो उसका लण्ड मेरी गाण्ड के छेद पर टिक गया। मैंने अपनी टांगें थोड़ी और फ़ैला दी।
‘नेहा… तुम बहुत अच्छी हो…’

‘आऽऽऽह… विनोद…’ उसके लण्ड की सुपारी से चिकनाई निकलने लगी जो मेरी गाण्ड को भी चिकना कर रही थी। उसके लण्ड ने अपनी मर्दानगी दिखानी शुरू कर दी, उसके चूतड़ों ने लण्ड पर जोर लगाया और सुपारी छेद में आराम से घुस गई।

‘आऽऽऽऽह… अन्दर गया…ऽऽ विनोद…’ मेरे मुंह से सिसकारी फ़ूट पड़ी। उसने हल्का सा जोर लगाया तो लण्ड गाण्ड की गहराईयों में रगड़ खाता हुआ उतरने लगा। अब मैंने अपनी गाण्ड ढीली छोड़ दी और टांगें पूरी खोल दी। अब उसके लण्ड का जोर पूरा लग रहा था।

मैंने उसके हाथ पकड़ कर अपनी चुन्चियों पर रख दिए. मैं कोहनियों पर हो गयी और आगे से शरीर को थोड़ा ऊपर कर लिया. उसने अब मेरी चुंचियां पकड़ ली और मसलने लगा. मेरे ऊपर वो चिपका हुआ था. लंड उसका मेरी गांड में पूरा घुसा था पर वो अभी धक्के नहीं मार रहा था. वो मुझे चूमने चाटने में लगा था. उसके होंट मेरे होंट तक नहीं पहुँच पा रहे थे. मैं मस्ती में नीचे दबी पड़ी थी.

अब उसने अपने दोनों हाथ बिस्तर पर रखे और मेरे बदन को उसने मुक्त कर दिया. अब उसने धीरे धीरे धक्के मारने चालू कर दिए. मैं फिर से बिस्तर पर चिपक कर लेट गयी. और आराम से आंखे बंद कर ली. मैं पूरे मन से गांड चुदाई का आनंद ले रही थी. उसकी स्पीड अब तेज हो गयी थी. उसके लंड से चिकनाई भी निकल रही थी.
‘नेहा… आःह्ह… मजा आ रहा है…’

‘हाँ रे…सी सीई.. आः…’ मैं नीचे लेटे लेटे आँखें बंद करके सिस्कारियां भरती रही. मेरे अन्दर अब मीठी मीठी सी गुदगुदी बढने लगी. नीचे मेरी चूत भी बहुत पानी छोड़ रही थी. सारे बदन में वासना की रंगीन कसक सी बढ रही थी. मुझे ऐसा महसूस होने लगा था की विनोद मेरे अंग अंग को दबा दे , उसे मसल डाले… मेरा सारा कस बल निकाल दे.

‘विनोद… करते रहो…जोर से…करो… हाय…’ ऐसा लगा आवाज़ मेरी अंतरात्मा से निकाल रही हो. उसके धक्के मेरी गांड में ऐसे आराम से चल रहे थे जैसे कि चूत चुद रही हो. उसी सरलता से… उसी तेजी से…मजा भी उसी के समान आ रहा था…

‘हाय… आ अहह हह… नेहा… मैं गया… निकला मेरा…नेहा…’
उसके लंड ने मेरी गांड के अन्दर ही सारा वीर्य भर दिया. मेरी गांड में उसका लंड फूलता पिचकता का सा अहसास दे रहा था. उसका पूरा वीर्य निकल चुका था. विनोद मेरे ऊपर ही लेट गया. उसका लंड सिकुड़ कर अपने आप धीरे से गुदगुदी करता हुआ बाहर आ गया. वो एक तरफ़ लुढ़क गया. मेरी गांड में से वीर्य टपक टपक कर बिस्तर पर चूने लगा. मैं वैसे ही उलटी लेटी रही.

मैंने आँख खोली और गहरी साँस ली. मैं तुंरत बिस्तर पर से नीचे आ गयी. तौलिये से अपनी गांड साफ़ की, फिर विनोद का लंड भी साफ़ किया. अब मैं उसके ऊपर चढ़ कर लेट गयी. विनोद ने अपनी आँख खोली… और मुस्कराया… मैंने उसे चूमना चालू कर दिया. एक हाथ नीचे ला कर उसका मुरझाया हुआ लंड पकड़ लिया. और उसे हिलाने लगी, मसलने लगी…

उसके लंड ने फिर से अंगडाई ली और जाग उठा. मैंने उसे अपने हाथों में भर लिया और धीरे धीरे मुठ मारने लगी. कुछ ही देर में उसका लंड चोदने के लिए तैयार था. मैं विनोद के ऊपर लेट गयी. अपनी दोनों टांगे फैला दी.

लंड का स्पर्श मेरी चूत के आस पास लग रहा था. मैंने उसके होंट अपने होटों में दबा लिए. हम दोनों अपने आप को हिला कर लंड और चूत को सही जगह पर लेने की कोशिश कर रहे थे. उसने अपने दोनों हाथों से मुझे जकड लिया. मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी.

अचानक मेरे अन्दर आनंद की तीखी मीठी लहर दौड़ पड़ी. उसका लंड फिर एक बार और मर्दानगी दिखने के लिए उतावला हो गया. वो मेरी चूत में रास्ता बनाता हुआ अन्दर घुस गया. मेरे मुंह से एक मीठी सी सिसकारी निकाल पड़ी…’विनोद… अ आह हह हह हह… सी ई स स स ई एई…’

‘मजा आ रहा है न नेहा…’
‘विनोद… आआह्ह्छ… करते रहो…आ आह हह ह… लगाओ धक्का… आ अह ह्ह्ह्छ..’

मेरे मुख से आहें फूट पड़ी. गांड चुदाने से मेरी उत्तेजना पहले ही बढ़ी हुयी थी. अब उत्तेजना और भी बढाती जा रही थी. उसके लंड के मोटेपन का चूत में अहसास हो रहा था. लंड जड़ तक जा रहा था. मैं आनंद से सराबोर हो गयी थी. सिस्कारियां… आहे… फूट रही थी. मेरे चूतड ऊपर से तेजी से चल रहे थे. मैंने उसके हाथ अपनी चुन्चियों पर रख दिए. उसने मेरे स्तनों को मसलना…मरोड़ना… चालू कर दिया. उसने जैसे ही मेरी नोकों को मसलना और खींचना चालू किया. मेरी तो जान निकलने लगी.

‘जोर से खींच… मेरे राजा… मसल दे… आः ह्ह्छ… मेरे धक्के तेज होने लगे… मैं चरम सीमा पर पहुँचने लगी थी.

‘विनोद…हाय… मैं गयी… हाय… मैं गयी…सी सी ई… अरे..विनोद… रे…’
मैंने अचानक ही उसके हाथ मेरी चुन्चियो पर से हटा दिए…और चूत का पूरा जोर उसके लंड पर लगा दिया.
‘आ आह्ह ह्ह्ह… विनोद… निकला…निकला… हाय… रे…निकला… हाय… छूट गयी..रीई… आह्ह्ह्छ…’

मैं झड़ने लगी… मेरे चूत की लहरें उसके लंड पर लग रही थी. मैं पूरी झड़ चुकी थी. मैं तुंरत उठी और उसका लंड चूत में से निकाल गया. मैंने उसे अपने हाथों में लेकर कस के दबा लिया…और तेजी से दबा कर मुठ मारने लगी… जोश में उसके चूतड ऊपर उठे और उसके लंड ने फुहार छोड़ दी. उसका लंड रुक रुक कर पिचकारियाँ छोड़ रहा था. मैंने उसका सारा वीर्य उसके लंड पर लगा कर उसकी मालिश करने लगी. थोड़ा वीर्य उसके चूतडों पर और उसकी गांड के छेद पर भी मल दिया.

वो शान्ति से आँखे बंद करके लेट गया था. उसने थकान से अपनी आँखे बंद कर ली. मैं उठ कर बाथरूम में नहाने चली गयी. मैं जब बाहर आयी तो विनोद ने बिस्तर की चादर बदल दी थी. अब वो कपड़े पहन रहा था.

‘नेहा तुम आराम करो… मैं चाय बना कर लता हूँ.’

मैंने घड़ी देखी…दिन के 4 बज रहे थे. मैं बिस्तर पर लेट गयी. वो चाय कब लाया मुझे पता नहीं चला। मैं गहरी नींद में सो गयी थी…
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थाईलैंड का सेक्सी ट्रिप

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शादी के दो साल बाद मैं और सीमा थाईलैंड में हम पत्ताया गए, वहाँ हमें तीन दिन रूकना था। इन तीन दिनों में हम दोनों ने खूब जम कर सेक्स मस्ती की। मेरी यह कहानी मेरी अपनी नहीं, बल्कि मेरे खास दोस्त अनिल की है, वो खुद लिखने में घबराता है। मेरी उसकी पटती भी खूब है, इसलिये वो मुझसे कुछ छिपाता भी नहीं है।
यह कहानी मैं उसी के शब्दों मैं लिख रहा हूँ। Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Font Sex Stories, Desi Chudai Kahani, Free Hindi Audio Sex Stories, Hindi Sex Story, Gujarati sex story, chudai

मेरा नाम अनिल है, मैं बत्तीस साल का शादीशुदा मध्यम काठी का युवक हूँ, स्मार्ट, अंग्रेजी बोलने में माहिर और बहुत सलीकेदार कपड़े पहनने वाला प्रभावशाली व्यक्तित्व का मालिक हूँ।
मेरे एक बेटा सेकंड क्लास में पढ़ता है, मेरी बीवी सीमा बहुत खूबसूरत और अच्छी पढ़ी-लिखी युवती है।

हमारा दांपत्य जीवन सेक्स की दृष्टि से बहुत रोमांचक है। हम दोनों ही बहुत रोमांचक और सेक्सी सोच रखते हैं और जिन्दगी को हर रूप मैं एन्जॉय करता चलना चाहते हैं। मेरे दबाव देने पर सीमा हर तरह के सेक्स में मेरा साथ दे देती है पर उसे खुद पहल करने का शौक नहीं है।

अपनी शादी के दो साल बाद मैं और सीमा थाईलैंड गए। थाईलैंड में हम पत्ताया गए, वहाँ हमें तीन दिन रूकना था।
हम दोपहर को लगभग एक बजे पत्ताया पहुँच गए।

मैंने लोकल एजेंट से बात की और अपना तीन दिन का प्रोग्राम बनाया।

हम लोग शाम को एक एडल्ट शो देखने गए। उस समय मैं और सीमा दोनों ही बहुत सेक्सी मूड में थे और सेक्स में भी रोमांचक सेक्स का मजा लेन चाहते थे। मतलब रात को घूमते समय सड़क पर ही मैं सीमा के बूब्स मसल देता या फिर हम दोनों होंठ मिला कर कहीं भी खड़े हो जाते।

भारत में गाड़ी चलाते समय तो मेरे लंड मसलना या चूसना सीमा को बहुत ही पसंद था। तो फिर थाईलैंड जैसी जगह पर जहाँ हर ओर सेक्स का आलम हो, वहाँ हम जैसे लोग तो मानों पागल ही हो जाते हैं।

उस एडल्ट शो में जाने के लिए सीमा ने एक शॉर्ट स्कर्ट और उसके ऊपर टॉप पहना। ब्रा पैंटी तो वो पहनना चाह ही नहीं रही थी।
मैंने भी एक ढीला बरमूडा और उसने शर्ट पहन ली।
रास्ते मैं टैक्सी में जिसे वहाँ टुकटुक कहते हैं, मैंने उसे अपनी गोद मैं बिठाया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में कर दी।
उसने भी अपनी गर्दन घुमा कर मुझे चूम लिया।

इस तरह के नजारे थाईलैंड में आम हैं, वहाँ किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
शो में आदमी और औरत बराबर से ही थे, कई लड़कियाँ भी थीं।
मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि औरतें और लड़कियाँ ज्यादा कामातुर हो रही थीं और शोर कर रही थी।

शो आरम्भ हुआ और एक हब्शी जैसा आदमी जिसने अपना मोटा और 8-9 इंच का लंड बाहर निकाला हुआ था, उसके हाथ में एक ढोल था और वो हब्शी सबके बीच में घूमता हुआ अपने लंड से उस ढोल को बजा रहा था।
रास्ते में लड़कियों और औरतों से वो अपने लंड को छूने के लिए कहता।

शुरू में तो किसी ने नहीं छुआ पर थोड़ी देर के बाद ही लड़कियों ने उसके लंड को छूना और चूमना शुरू कर दिया।

जब वो हमारे पास आया तो मेरी बीवी ने घबराहट में अपनी आँखें बंद कर ली और मेरा हाथ कस के पकड़ लिया।
मैंने उसके हाथ अपने हाथ से हटाकर उस हब्शी के लंड पर रख दिया।
एक बार तो सीमा ने उसका लंड दबाया बीच फिर तुरंत ही छोड़ दिया।

इस बीच में स्टेज पर चार लड़कियाँ आ गई और उन्होंने डांस करते करते एक एक कपड़ा उतार दिया।
स्टेज पर चार नंगी लड़कियाँ डांस कर रही थी, उन्होंने इशारे से आदमियों को स्टेज पर बुलाना शुरू किया।
हिम्मत करके मैं स्टेज पर गया, वो चारों मुझसे चिपट गई और एक ने मेरी टी शर्ट उतर दी।

चलो यहाँ तक तो खैर थी, दूसरी ने अपने हाथों से मेरा मुँह पकड़ कर अपने होंठ मेरे होठों से चिपका दिये।
ग़जब तो अब हुआ जब एक ने मेरे बरमूडा के अंदर हाथ डाल दिया।

मेरा तो पहले से ही खड़ा था, उसने अपने हाथ से मेरा मूसल जोर से दबाया।
मैं चीखा तो चौथी वाली आई और मेरा बरमूडा नीचे खींच दिया।

अब स्टेज पर मैं भी नंग धड़ंग उन चारों के साथ नंगा खड़ा था।
उसमें से एक ने मुझे धक्के से बिठाया और मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी।

मैंने अपना बरमूडा और टी शर्ट उठाया और भाग कर हंसते हुए अपनी सीट पर आ गया।
सब ओर से जोर जोर से हंसी की आवाज आ रही थी, किसी को कोई फर्क ही नहीं था।

सीट पर आकर जैसे ही शर्ट और बर्मूडा पहनने लगा बराबर बैठी एक लड़की ने किस कर लिया।
सीमा को कुछ भी बुरा नहीं लगा।

शो की समाप्ति पर जब सारी भीड़ बाहर आ रही थी तो सभी औरतों के मम्मे भीड़ मे खूब दब रहे थे और किसी को कोई परेशानी नहीं थी।
रास्ते में सीमा ने बताया कि भीड़ में किसी की उंगली उसकी गांड में भी पहुँच रही थी।

रात तो हम लोग वाकिंग स्ट्रीट पर गए, वहाँ नंगा नाच होता है, बिना ऊपर के कपड़ो के पहने लड़कियाँ ग्राहकों को रिझाती हैं।
असल में वो अधिकतर लड़के ही होते हैं जिन्होंने सर्जरी से ब्रैस्ट एनहांसमेंट कराया होता है।

वहाँ बहुत सारे मसाज पार्लर भी थे।
हम दोनों एक मसाज पार्लर में गए तो वहाँ बाहर लड़की ने हर तरह के मसाज के रेट बताये।

मैंने कहा- कोई नई तरह की मसाज हो तो बताओ?
वो मुसकुरा कर बोली- बॉडी टू बॉडी न्यूड मसाज करा लो!
मैंने सीमा की ओर देखा तो उसे मस्ती आ रही थी, वो बोली- कौन करेगा पहले यह तो दिखाओ?

उस लड़की ने एक फोटो एल्बम दिखाया, उसमें से मैंने एक लड़की और सीमा ने एक लड़का पसंद कर लिया।
लड़की तो थाई थी पर लड़का हिन्दुस्तानी बाप और थाई माँ की पैदाईश थी इसलिए चिकना और सुंदर था।

दस मिनट बाद ही वो दोनों आ गए और हमें लेकर ऊपर चले गए।
ऊपर एक बड़े से कमरे में बहुत रोमांटिक वातावरण था, सुगन्धित और कामदृष्टि से कमरा सजाया था, दो सिंगल बेड पड़े थे, उनके पास एक टेबल पर एक सुगन्धि का दीपक जल रहा था और उस टेबल पर विभिन्न तरह की तेल की शीशियाँ थी।

कमरे में बहुत धीमी रोशनी थी और हल्का और उत्तेजक संगीत बज रहा था।
एक नग्न जोड़े की उत्तेजक मुद्रा मे वाल पेन्टिंग लगी थी।

बेड पर डिस्पोजेबल अंडरगारमेंट्स रखे थे, उन दोनों के नाम टोनी और सूजी थे।
दोनों बेड के बीच मैं एक खिसकने वाला पर्दा लगा था जिससे दोनों मालिश करने वाले अगर चाहे तो पर्दा कर लें।

टोनी ने पर्दा करके हमसे कहा कि हम कपड़े बदल लें, इतने वो दोनों भी चेंज करके आते हैं।
वो जाते समय कमरे के किवाड़ भेड़ गये।

मैंने सारे कपड़े उतार कर उनका दिया डिस्पोजेबल अंडरवियर पहन लिया।
परदे से झांककर देखा तो सीमा नंगी खड़ी थी।

मैंने पूछा कि वो ब्रा पैंटी क्यों नहीं पहन रही?
तो वो बोली- टोनी ने कहा है अगर चाहे तो केवल टॉवल लपेट ले।
सीमा ने तौलिया लपेट लिया।

टोनी और सुजी भी आ गए, उन्होंने शॉर्ट गाउन पहने थे।
सूजी ने हमसे पूछा कि हम लोग किस से मसाज करना चाहेंगे, मैंने कहा- शुरू में तो सूजी सीमा की करे और टोनी मेरी… फिर थोड़ी देर बाद सुजी मेरे पास आ जाए और टोनी सीमा के पास।

सीमा हंसी और बोली- क्यों डर गए क्या?
उसकी इस बेबाकी पर मैं बस मुस्कुरा दिया।

टोनी ने बीच का पर्दा खींचा रहने दिया और मुझे पेट के बल लेटने को कहा।

अब हम और सीमा अपनी अपनी कहानी अलग अलग बताएँगे।

मेरे लेटने पर टोनी ने मेरी कमर से कंधे की ओर और फिर पूरे शरीर पर सुगन्धित तेल लगाया और मालिश शुरू कर दी।
वो मालिश करते हुए बेड पर चढ़ गया और मेरी मालिश करने लगा।
उधर सीमा के साथ भी सूजी ने यही किया।

मैंने टोनी से कहा कि वो सीमा के पास चला जाए और सूजी को यहाँ भेज दे।
टोनी मुस्कुराता हुआ चला गया और सूजी मेरे पास आ गई। उसने आते ही मुझसे पीठ के बल लेटने को कहा और मेरी छाती की मालिश करने लगी।

उसने मेरे निप्पल की गोल गोल करके मालिश करनी शुरू करी। उसने अपने लम्बे लाल नेल पॉलिश लगे नाखूनों से मेरी छाती पर खरोंचना शुरू किया, मेरा लंड तो बाहर आने को तैयार हो गया तो खड़े लंड को सूजी ने हाथ से सहलाया और झुक कर उसे अंडरवियर के ऊपर ही चूम लिया।
मैंने उत्तेजना में आँखें बंद कर ली।

सूजी ने धीरे से मेरा लंड बाहर निकाला और अपने मुंह में ले लिया, फिर दूसरे हाथ से उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया।
अब मैं बिल्कुल नंगा लेटा था, उसने अपनी हथेलियों में तेल लेकर मेरे लंड के टोपे की मालिश शुरू की और लंड का टोपा खोलकर मालिश की।
मैं तो जैसे छूटने को तैयार हो गया, उसने मेरा लंड छोड़ा और जांघों की मालिश करने लगी।

उसने अपना गाउन ढीला कर रखा था, उसके गोल गोल मांसल मम्मे ऊपर नीचे होते दिख रहे थे। मैंने अपने हाथ उसके गाउन में करने की कोशिश करी, वो हंस कर छिटक गई और फिर हंसते हुए अपना गाउन उतर दिया।
हूर की परी जैसी गोरी और चिकनी नंगी लड़की मेरे सामने खड़ी थी।

उसने मेरे होठों को चूमा, मैंने उसके मम्मे हलके से दबाये और चूस लिए।

अब वो नंगी ही मेरे ऊपर बैठ गई और मेरी छाती की और कंधों की दोनों हाथों से मालिश शुरू की। उसकी चूत मेरे लंड के आस पास ही रगड़ रही थी।

उसने तेल की शीशी अपने मम्मों पर पलटी और मेरे ऊपर लेट कर अपने मम्मों को मेरी छाती पर रगड़ने लगी, कभी उसके होंठ मेरे होठों को छूते, उसकी चूत मेरे लंड को रगड़ रही थी।

अब मेरी बर्दाश्त की सीमा चुक चुकी थी, मैंने पाना लंड उसकी चूत में करना चाहा तो वो एकदम से उठकर 69 की पोजीशन में आ गई और अपनी चूत मेरे मुँह पर टिका दी।
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी, वो भी मेरा लंड चूसने लगी।

दूसरी तरफ का हाल सीमा बता रही है।

सूजी जैसे ही उधर गई, टोनी इधर आ गया और मुझसे मुस्कुरा कर पूछा- कैसा लग रहा है?मैंने भी बेबाकी से कह दिया- अभी मजा नहीं आ रहा!
टोनी बोला- चलो अब कसर पूरी कर देते हैं।

मैं पेट के बल लेटी थी।
टोनी ने अपने हाथों में तेल लेकर मेरे चूतड़ों की मालिश शुरू की, वो अपनी उँगलियों को घुमा कर मेरी चूत की भी मालिश करने लगा।
धीरे धीरे उसने स्पीड बढ़ा दी।
मैं तो गर्म हो गई, ऊंह आंह ओह करने लगी।

उसने मुझे सीधा पीठ के बल कर दिया, मैं नंगी किसी पराये आदमी के सामने पहली बार थी, मगर घबराहट नहीं थी, सेक्स का तूफ़ान जोरों पे था।

टोनी ने मेरे मम्मों की मालिश करनी शुरू की, उसने मम्मों को गोल-गोल घुमाना शुरू किया, मैंने उत्तेजना से आँख बंद कर ली थी। अब टोनी ने मेरे पेट पर मालिश करते हुए अपना हाथ मेरी गीली चूत पर मलना शुरू कर दिया और अचानक उसने अपनी एक, फिर दो, फिर तीन उंगली मेरी चूत में अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी।

मैं तो उत्तेजना में जोर जोर से हिलने लगी।
टोनी मेरे सर की ओर आ गया और लम्बे लम्बे हाथ करके मेरे मम्मों की और गर्दन की मालिश करने लगा।

उसका लंड गाउन से ही मेरे सर को छू रहा था, मैंने उसके गाउन में हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया और उसे बाहर निकाल कर चूसने के लिए अपने मुँह की ओर खींचा।

टोनी अब बिस्तर पर चढ़ गया और अपना गाउन उतार फेंका। अब उसका लंड मेरे मुँह में था और वो दोनों हाथों से मेरी चूत रगड़ रहा था।

इधर जब अनिल ने सीमा की सीत्कारें सुनीं तो उसने बीच का पर्दा खींच दिया।
क्या नजारा था… सूजी नंगी होकर नंगे अनिल के ऊपर लेटी हुई थी और टोनी अपना लंड सीमा के मुँह में देकर उसकी चूत का पानी निकाल रहा था।

अनिल और सीमा की आँखें मिली और दोनों मुस्कुराये।
द एंड करने के लिए सूजी ने अपने हाथ से अनिल का लंड अपनी चूत में घुसा लिया और यह देख कर सीमा ने भी टोनी को अपनी चूत में कर लिया।

टोनी ने सीमा के चूतड़ों के नीचे हाथ लगाकर सीमा को उठाया और अपना मोटा लंड पूरा घुसेड़ दिया।सीमा चीखी पर टोनी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और सीमा को तो मानो जन्नत की सैर होने लगी, वो चीखने लग गई- टोनी फाड़ दो मेरी चूत… और तेज चोदो मेरे राजा! मजा आ गया! अनिल अब हम हर साल थाईलैंड आया करेंगे। टोनी तुम भी अगर इंडिया आओ तो दिल्ली आकर मेरी चूत चोदना जरूर…

मैं भी सूजी की चूत से चुद रहा था, सूजी मुझे निचोड़े जा रही थी, मैं नीचे लेटे-लेटे ही उसके मम्मे दबा रहा था।

मैंने एक झटके में सूजी को नीचे कर दिया और चढ़ गया उसके ऊपर… अब मैं और टोनी दोनों लड़कियों की टांगें उठाकर चुदाई कर रहे थे। चारों ओर चुदास की सीत्कारें आ रही थी।
सुजी तो प्रोफेशनल थी इसलिए उसकी सीत्कारों में कामुकता नहीं थी पर सीमा तो जैसे पागल हो गई थी और टोनी को खा जाना चाहती थी।

सीमा अचानक चीख उठी- टोनी मैं आ रही हूँ… टोनी तुमने तो आज चुदाई का मजा दे दिया…और कहते कहते सीमा झड़ गई।

टोनी ने अपने लंड को सीमा की चूत से निकल कर उसके मम्मों पर बारिश कर दी, सीमा ने मेरे साथ कभी करने के बाद लंड को मुह में नहीं लिया था पर आज उसने टोनी का लंड मुँह में ले लिया और उसे चूस कर साफ कर दिया।
इधर मैंने भी अपना माल सूजी की चूत में ही छोड़ दिया, सुजी ने मुझे झुका कर चूमा और उठ कर खड़ी हो गई।
उसने मुझे और सीमा को बाथरूम दिखाया।

मैं और सीमा मस्ती से बाथटब में नहाये और कपड़े पहनकर बाहर आये।
होटल पहुंचकर बेड पर सीमा ने मुझे खूब चूमा और बोली- ऐसा सेक्स का आनन्द मैंने कभी सोचा भी नहीं था और मैं बहुत खुशनसीब हूँ जो मुझे आप जैसा खुली सोच का पति मिला।

एक बात हम दोनों की तय हुई कि दिल्ली पहुँच कर हम कोई एसा जोड़ा जरूर ढूढ़ेंगे जो हमारी जैसी सोच का हो और जिसके साथ हम स्वैपिंग का मजा ले सकें।

अगले दिन हम दिन भर कमरे में ही चुदाई को अंजाम देते रहे, बेशर्मी इतनी आ गई थी कि दोपहर को जब होटल के रेस्टोरेंट में खाना खाने गए तो सीमा ने एक शार्ट फ्रॉक पहनी जिसमें उसके मम्मे और निप्पल साफ़ दिख रहे थे।
और जब वो खाना खाने टेबल पर बैठी तो उसकी चिकनी चूत चमक मार रही थी।

मैंने भी टी शर्ट और बरमूडा पहना। बरमूडा के अन्दर मेरा खड़ा लंड सलामी दे रहा था।

देर शाम को हम लोग बीच पर गए, वहाँ का भी अलग ही नजारा था, तमाम जोड़े बिना किसी की परवाह किये बीच का आनन्द ले रहे थे। लड़कियों ने तो टू पीस स्विम सूट और आदमियों ने शॉर्ट्स पहने थे।

कुछ जोड़े तो चिपके हुए समुद्र की लहरों में बैठे थे।

जैसे जैसे अँधेरा होने लगा, माहौल में कामुकता छाने लगी, जोड़ों के होंठ होठों से मिलने लगे, हाथ टटोला टटोली करने लगे।
सीमा को मैंने अपनी टांगों के बीच लिटा रखा था, मैं भी उसके मम्मों को मसल रहा था।
सीमा ने पलटी खाकर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया।

लगभग हर जोड़ा किसी न किसी तरह अपने साथी के शरीर से खेल रहा था। किनारे पर बहुत सारी लड़कियाँ अकेली बैठी थी, वो अपने ग्राहकों के इन्तजार में थी।
थाईलैंड में देह व्यापार खुल कर है।

मस्ती के दिन और मस्ती की रातों के बीच हमने अपना थाईलैंड ट्रिप पूरा किया।

आप के ईमेल के इन्तजार में आपका दोस्त।
chodkam.com@gmail.com

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दुबई में शकीरा का शिकार

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मैं एक बिज़नसमैन हूँ अपने एक जरूरी काम से दुबई गया था, वहीं मैं एक डिस्को में चला गया। वहाँ एक पाकिस्तानी लड़की मेरे पास आई, अपना नाम शकीरा बताया और डांस के लिए पूछा। दोस्तो, मैं राजवीर जयपुर से, चोद्काम डॉट कोम का मैं नियमित पाठक हूँ। वैसे तो मैंने अपनी लाइफ में बहुत सारी कहानियों की रचना करने लायक करतब किए हैं लेकिन आज मैं अपनी पहली कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ।  Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Hindi Font Sex Stories, Desi Chudai Kahani, Free Hindi Audio Sex Stories, Hindi Sex Story, Gujarati sex story, chudai

रात को डिस्को में चला गया

मैं एक बिज़नसमैन हूँ अपने एक जरूरी काम से दुबई गया था आज से 3 साल पहले! वहाँ मैं अपने एक दोस्त के अपार्टमेंट में ठहरा था तब वो अपने किसी काम से यूरोप गया हुआ था और मैं दुबई में अकेला ही था।

पहले दिन मैं अपना काम निपटा कर अपार्टमेंट पर बोर हो रहा था तो रात को डिस्को में चला गया।
वैसे तो दुबई में बहुत से क्लब और डिस्को हैं पर वहाँ ‘खालिद बिन वालिद’ नाम से एक एक बहुत बड़ा रोड है जिस पर बहुत सारे होटल, क्लब हैं, वहीं मैं एक डिस्को में चला गया।

मैं थोड़ा जल्दी चला गया था करीब दस बजे… तब ज्यादा भीड़ नहीं थी पर धीरे धीरे भीड़ बढ़ने लगी, लड़कों से ज्यादा लड़कियाँ थी लेकिन वहाँ गोरी चमड़ी वाली कम और अफ्रीका वाली ज्यादा थी, बहुत सारी पाकिस्तानी भी थी।

मैं वहीं बैठ कर ड्रिंक कर रहा था, तभी एक लड़की मेरे पास आई और मुझे ड्रिंक पिलाने के लिए कहा।
मैंने उसके लिये ड्रिंक मंगवाई।
उसका फिगर मस्त था पर वो अफ्रीका से थी, मुझे पसंद नहीं आई लेकिन वो जबरदस्ती मुझे डांस करने के लिए फ्लोर पे ले आई।

वो पाकिस्तानी थी

वैसे वहाँ पर पहले से लोग डांस कर रहे थे, वो बहुत ही क्लोज़ डांस कर रही थी बिल्कुल चिपक कर अपनी गांड की दरार में मेरे लौड़े को दबा रही थी।
मेरा लौड़ा अब अपने शवाब पर आने लगा था।

वैसे मैं आपको बता दूँ, मेरे लौड़े का साइज 7 इंच का है और जब वो अपने शवाब पे आता है तो किसी की फाड़ के ही रहता है।
मुझे वो लड़की पसंद नहीं थी तो मैं थोड़ा साइड में आ गया।

तभी एक लड़की मेरी तरफ आती हुई दिखी, वो पाकिस्तानी थी, एकदम मस्त माल 5’5″ की, उसका साइज होगा 32-26-36, उसने आकर अपना नाम शकीरा बताया मुझे और डांस के लिए पूछा।
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ!
और हम डांस करने लगे।

क्या मस्त डांस कर रही थी वो… मेरा तो कंट्रोल में ही नहीं हो रहा था।
फिर हम वापस काउंटर के पास आकर ड्रिंक करने लगे।

तभी उसने पूछा- कहाँ चलोगे, मेरे यहाँ या फिर तुम्हारे यहाँ?
मैंने पूछा- मतलब?
तो उसने कहा- 800 दिरहम लूँगी।

मैं समझ गया कि ये तो साली रांड है, वैसे भी दुबई जैसे जगह पे कोई भी हो, ये तो आम बात है।
मैंने सोचा- मस्त माल है, क्या फ़र्क पड़ता है कोई भी हो!
मैंने उसे 500 दिरहम में मना लिया और हम लोग मेरे अपार्टमेंट पे आ गए।

शकीरा आते ही नहाने चली गई और वापस सिर्फ तौलिये में ही बाहर आई और मुझे कहा- अब तुम नहा कर आओ।
और वो बेड पे बैठ गई।

फिर मैं नहा कर आ गया, मैं भी सिर्फ तौलिये में ही बाहर आ गया।
मैंने उसे वाईन ऑफर की।
फिर हमने एक एक पैग लगाया।

शकीरा मेरे पास आकर किस करने लगी।

खुदा की कसम, क्या रसीले होंठ थे… दस मिनट तक हम लोग चूमाचाटी करते रहे फिर हटकर उसने कहा कि आज तक उसने किसी के साथ इतनी देर तक किस नहीं किया उसे बहुत अच्छा लगा।

फिर उसने मेरा तौलिया हटा दिया और मेरी टांगों के बीच में बैठकर मेरे लौड़े को हिलाने लगी।
शेर फिर से दहाड़ उठा और वो उसे मुँह में लेकर चूसने लगी।

फिर मैंने भी उसका तौलिया निकाल दिया।
एकदम मस्त बदन था यारो… शकीरा के बोबे एकदम टाईट और चुचूक टाईट हो गए थे।
हम लोग बेड पर आकर 69 की पोजीशन में आ गए।

मुझे चूत चाटना बिल्कुल भी पसंद नहीं है, मैं उसकी चूत में अपनी 2 अंगुलियाँ कर रहा था और शकीरा मेरे लौड़े कि मस्त चुसाई कर रही थी।
मुझे लग रहा था कि जैसे मेरा सारा रस निकाल कर ही छोड़ेगी।

तभी मैंने कहा कि मैं आने वाला हूँ और उसने मेरा सारा माल गटक लिया।
मेरी ऊँगली करने और चूची की चुसाई करने से वो भी अपना रज छोड़ चुकी थी।

हमने एक एक पैग और लगाया और वो मेरे लौड़े को फिर से खड़ा करने लगी।
5 मिनट में ही शेर शिकार के लिए तैयार था।

शकीरा बेड पर लेट गई और इशारे से मुझे ऊपर आने के लिए कहने लगी।
मैंने उसकी टांगें थोड़ी फैलाई और बीच में आकर अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर लगाया और थोड़ा अंदर डाला तो उसकी सिसकारी निकल गई और उसने अपनी गांड उचका कर आधे लंड को गटक लिया।

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर जोर से धक्का मारा और लौड़ा पूरा अंदर चला गया।
मुझे उसकी बच्चेदानी महसूस हो रही थी।
धीरे से उसकी चीख निकल गई और उसने मुझे कर कर पकड़ लिया।
फिर मैं उसके चूचे चूसने लगा और दूसरे हाथ से जोर जोर से दूसरा बोबा मसल रहा था।

धीरे धीरे में उसकी चूत में लंड को आगे पीछे करने लगा, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
ए.सी. में भी हम लोग पसीना पसीना हो गए थे।

फिर मैंने पोजीशन बदली और उसे घोड़ी बना कर अबकी बार एक बार में ही पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
वो चिल्ला उठी, बोली- भोसड़ी के, धीरे से नहीं डाल सकता? फाड़ डाली मेरे चूत को!

मैंने कहा- मैं क्या करूँ… आज तक तुझे कोई सही लंड ही नहीं मिला जो तेरी चूत को भोसड़ा बना सके!
और मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा।
यह कहानी आप चोद्काम डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

15 मिनट तक चोदने में वो 2 बार झड़ चुकी थी।
अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने कहा- मैं आने वाला हूँ।
तो शकीरा ने कहा- मेरे मुँह में देना!
और उसने झट से लंड को मुंह में लिया, चूसने लगी और तब तक नहीं छोड़ा जब तक एक एक बूंद नहीं गटक ली।

एक मस्त राउंड के बाद हमने एक एक पैग और लगाया फिर सारी रात उसको बजाया, सुबह 4 बजे तक 3 बार उसको चोदा।

और फिर डिस्को में मिलने का वादा कर के शकीरा 500 दिरहम लेकर चली गई।

अगले दिन मैं बीच पर घूमने गया तब मैंने वह एक रशियन से दोस्ती की और उसे हिन्दुस्तानी लंड का सुख दिया।
वो कहानी अगली बार!
तब तक मुझे इजाजत दीजिए।

मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल करके जरूर बताइएगा, आपके मेल मुझे मेरी अगली कहानी लिखने के लिए प्रेरित करेंगे।
आपका दोस्त।

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निकिता का ग्रुप सेक्स

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Hindi sex story  : Nikita ke sath Group sex

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निकिता है और में गुजरात की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 20 साल है, मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच की है. में एकदम गोरी हूँ और मेरा फिगर साईज 37-29-39 का है और काले बाल है. ये बात तब की है जब मेरे पाप मम्मी 4 दिन के लिए गाँव जाने वाले थे, वो लोग सुबह ही निकल गये थे. अब घर में सिर्फ में और कामवाली बाई ही थी. फिर में बाई को बोलकर नहाने चली गई, जब करीब 10 बजे होंगे और मेरे घर के सामने 2 लड़के किराए पर रहते थे, में उन्हें सिर्फ़ नाम से जानती थी. उनका नाम था साहिल और अरुण था.

हाँ तो में नहाने गई थी और मुझे पता ही नहीं चला और बाई मुझे बताए बगैर अपना काम करके चली गई. अब कामवाली बाई भी 3-4 दिन तक नहीं आने वाली थी. फिर जब में नहाकर बाहर आई तो मैंने घर शांत पाया.

उस टाईम में सिर्फ़ टावल में थी और मैंने टावल के सिवाय कुछ नहीं पहना था. फिर में दरवाजा खुला देखकर सबसे पहले दरवाजे के पास गई और उसे बंद किया. फिर मैंने कामवाली बाई को आवाज़ लगाई और उसे ढूँढने किचन में गई तो में जैसे ही किचन से पहुँची तो में साहिल से टकराई तो में एकदम से चौंक गई और हकलाते हुए बोली कि तुम इधर कैसे? और अपना टावल संभालने लगी, तभी अरुण ने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया.

अब मुझे पता चल गया था कि अब क्या होने वाला है? अब अरुण का एक हाथ मेरे बूब्स पर था और दूसरा हाथ मेरे पेट पर था. अब वो उसके हाथ से मेरा टावल बूब्स से नीचे उतार रहा था. अब साहिल मेरे थोड़े से खुले हुए बूब्स देख रहा था और अरुण पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर सटा रहा था. फिर मैंने कहा कि तुम दोनों यहाँ से चले जाओ, नहीं तो में शौर मचाऊँगी.

फिर साहिल ने कैमरा निकालकर हँसते हुए मुझे धमकी दी कि वो मेरी नंगी वीडियो इंटरनेट पर डाल देगा और मुझे चुप रहने के लिए कहा. फिर अरुण ने मुझे उठाया और कहा कि तू अकेली ही क्यों नहाती है? हम भी तेरे साथ नहाएँगे और वो मुझे फिर से बाथरूम में ले गये. फिर अरुण और साहिल ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मेरा टावल निकालकर मुझे भी नंगा कर दिया. अब वो दो और में नंगे ही बाथरूम में थे.

फिर अरुण ने सीधे ही मेरे बूब्स को जोर से दबाया और सीधा अपने मुँह में लेकर आआहह आआहह करके चूसने लगा और बोलता रहा वाह क्या रसीले बूब्स है तेरे निकिता? फिर साहिल मेरे पीछे गया और अपने करीब 8 इंच लंबे और 4 इंच मोटे लंड को मेरी गांड से सटाकर ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा और बोल रहा था क्या मस्त सॉफ्ट-सॉफ्ट, गोरी-गोरी गांड है आआआहह?

फिर साहिल ने अरुण से बोला कि यार अब तो 3 दिन मज़ा ही मज़ा है लूटो. अब में भी उसके लंड की गर्मी महसूस कर पा रही थी, अब अरुण मेरे बूब्स को चूस रहा था और मेरी चूत पर अपना हाथ घुमा रहा था. अब वो दोनों एक दूसरे के हाथ हटाते हुए बारी-बारी से मेरी चूत पर अपना हाथ घुमा रहे थे. फिर अरुण ने शॉवर स्टार्ट किया तो वो दोनों और में पूरे गीले हो गये. अब साहिल मेरे पीछे चिपका हुआ था और अरुण मेरे सामने खड़ा होकर आगे बढ़ रहा था.

फिर जैसे ही उसका लंड मेरी चूत पर टच हुआ तो में थोड़ी पीछे हटी तो पीछे से साहिल का लंड मेरी गांड में और दब गया. अब अरुण मुझे आगे से दबाता हुआ आगे बढ़ रहा था. अब में अरुण और साहिल के बीच में दब गई थी और ऊपर से शॉवर भी चालू था. अब मुझे ठंड और गर्मी दोनों का बड़ा मजा मिल रहा था. फिर वो दोनों मिलकर मुझे साबुन से नहलाने लगे और इसी तरह से मेरी बॉडी का हर अंग मज़े से इन्जॉय करने लगे.

फिर मैंने भी साबुन लेकर उनके लंड पर लगाया और बराबर घिस-घिसकर रगड़ा. फिर उन्होंने मुझे मेरे बेड पर लेटा दिया और फिर वो लोग मुझे चाटने लगे. पहले वो दोनों मेरे बूब्स को चाटते हुए मेरे पेट से मेरी चूत तक चाटते तो कोई मेरे बूब्स को दबा रहा था तो कोई मेरी चूत को चाट रहा था. अब में भी इन्जॉय कर रही थी और आआआआआआअहह आाआईईईईईई की सिसकियां ले रही थी. अब जब भी वो दोनों मेरे बूब्स दबाते और चाटते तो मेरी सीईईई आआआआह ऊऊऊऊओह की आवाज़े निकल रही थी.

फिर साहिल बोला कि आज तो मज़ा आ गया निकिता, अब हम तेरा 3 दिन तक मजा लेंगे और ये कहते ही वो दोनों हँसने लगे. अब में भी उन दोनों को इन्जॉय करना चाहती थी. फिर साहिल मेरी जांघो पर चढ़ गया और उसका बड़ा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा जैसे कि वो अपने लंड को उकसा रहा हो.

तभी अरुण ने मेरे दोनों पैर पकड़े और उन्हें झटके से फैला दिया और साहिल ने अपना लंड मेरी चूत में डालना शुरू किया. अब वो बहुत ही धीरे-धीरे 2-2 इंच कर अपना लंड डाल रहा था, लेकिन जब वो अपना लंड 2 इंच अंदर डाल चुका था, तो वो रुक गया और फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और फिर झटका देकर अपना लंड अंदर डाला तो इस बार उसका 4 इंच लंड अंदर चला गया. अब इस दौरान अरुण मेरी छाती पर चढ़ गया और अपना लंड मेरे दो सॉफ्ट रुई जैसे गोरे-गोरे बूब्स के बीच में बुरी तरह से रगड़ने लगा.

अब अरुण मेरे दोनों बूब्स को साईड से दबाता और अपने लंड को बीच में रगड़ रहा था. तो उधर साहिल अपना लंड अंदर डालकर अपना पूरा लंड झटके से बाहर निकाल रहा था. अब वो जैसे ही झटके से अपना लंड बाहर निकालता तो मेरे अंदर सनसनी फैल जाती और में आहह आअहह की आवाज़ निकालती. फिर अरुण ने साहिल को कहा कि मुझे इसकी गांड का मजा लेना है.

फिर साहिल बोला कि लेकिन में अभी झड़ा नहीं हूँ, तो साहिल ने बेड पर लेटकर अपना लंबा लंड सीधा पकड़ा और मैंने उसके लंड को अपनी चूत में धीरे-धीरे घुसाया और सीधी साहिल पर लेट गई. अब साहिल मेरी चूत और बूब्स दोनों का मजा ले रहा था. फिर जैसे ही में साहिल पर लेट गई तो मेरी गांड ऊपर की तरफ हो गई और फिर अरुण मेरी सॉफ्ट गांड पर अपना हाथ और अपना लंड घुमाने लगा. अब में अपनी गांड ऊपर नीचे करके साहिल के लंड को अंदर बाहर कर रही थी. अब अरुण भी मजे लेने के लिए मेरी गांड के ऊपर आ गया था.

फिर जैसे ही मेरी गांड ऊपर होती तो उसका लंड मेरी गांड से टकराता और फिर वो धीरे-धीरे मेरी गांड को अपने लंड से दबाता हुआ नज़दीक आ गया. फिर में थक गई तो अरुण ने सीधा अपना लंड मेरी गांड में घुसाना स्टार्ट किया तो में जोर चिल्लाई और साहिल ने मुझे लिप्स पर चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथों से मेरे बूब्स मसलने लगा. अब में अरुण और साहिल दोनों का मजा बन गई थी और अब वो दोनों मेरा पूरा उपयोग कर रहे थे.

फिर हम तीनों थक गये और अब दोपहर हो चुकी थी और मुझे भूख भी लगी थी, वो दोनों अपने साथ खाना भी लेकर आए थे. फिर हमने एक सोफे पर बैठकर खाना खाया और वापस से बिस्तर पर चले गये. फिर अरुण बोला कि में निकिता को डॉगी स्टाइल में चोदूंगा, तो अरुण ने मुझे कमर से पकड़ा और घुटनों पर बैठा दिया और में आगे की तरफ झुक गई और डॉगी स्टाइल में आ गई. अब मेरे हिप्स फैल गये थे और ये देखकर अरुण ने उतावला होकर मेरी गांड से अपना बड़ा सा लंड ऐसे सटा दिया कि पूछो मत. अब वो मेरी गांड पर बहुत ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड रगड़ रहा था और अब साहिल भी अपना लंड मेरे मुँह में घुसाकर उसे अंदर बाहर करने लगा था.

फिर अरुण ने मेरे झूलते हुए बूब्स को दबाया और अपना लंड घुसाना चालू किया. अब वो जैसे ही अपना लंड अंदर डालता और मेरे बूब्स दबाता तो मुझे बहुत मजा आने लगता. अब में आआआहह आआआईईई की आवाज़े निकालने लगी थी. अब साहिल तो मेरे मुँह में ही झड़ गया था और अरुण भी झड़ने की तैयारी में था. फिर अरुण ने भी अपना सारा पानी मेरी गांड पर ही झाड़ दिया और अपने लंड से मेरी पूरी गांड पर फैरने लगा.

अब दोपहर के 3 बज चुके थे और अब हम तीनों थककर चूर हो गये थे इसलिए हम तीनों वापस से बाथरूम में जाकर गर्म पानी के शॉवर के नीचे नहाए और फिर सीधा बेड पर जाकर नंगे ही सो गये. फिर अरुण ने अपने दोनों पैरो के बीच में मेरी एक जांघ दबाई तो साहिल ने मेरी दूसरी जांघ दबाई. अब उन दोनों के लंड मेरी साईड पर चिपक गये थे.

अब उन दोनों के सिर मैंने अपने हाथों में दबाए थे इसलिए उनका मुँह मेरे बूब्स के पास था और फिर वो दोनों मुझे जकड़कर सो गये. फिर शाम को हम उठे और सोफे पर बैठकर टी.वी देखने लगे और टी.वी देखते देखते भी में कभी उनके लंड को दबाती तो कभी वो मेरी चूत पर अपना हाथ फैरते और कभी मेरे बूब्स दबाते.

फिर हम तीनों रात का खाना ख़त्म करके वापस से बेड पर चले गये. अब हम लोग वापस से थोड़ा-थोड़ा मजा लेने लगे थे और फिर में बेड पर सीधी लेट गई और साहिल और अरुण कहीं से तेल लेकर आए. फिर साहिल ने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरी गांड पर बैठ गया. फिर उसने तेल की धार मेरी पीठ पर डाली और अपने हाथों से तेल को मेरी बॉडी पर लगाते हुए मेरी गांड पर आया. अब मेरी गांड पर तेल ऐसा लग रहा था कि पूछो मत. उसका हाथ वहाँ से छूटने का नाम ही नहीं ले रहा था. फिर मेरी गांड पर तेल लगाने के बाद उसने मेरी जांघो पर भी तेल रगड़ा.

फिर अरुण ने मुझे सीधा किया और मेरी चूत पर अपना लंड रखकर बैठ गया. फिर उसने तेल की धार मेरे बूब्स पर गिराई और फिर बहुत देर तक मेरे बूब्स पर तेल की मसाज करता रहा, आअहह क्या आराम मिल रहा था मसाज का? फिर वो धीरे-धीरे मेरी चूत के पास आया और अपने हाथ में तेल लेकर पूरा तेल मेरी चूत में डालकर अंदर बाहर तेल लगाया.

फिर साहिल बेड पर लेट गया और मैंने भी उसकी तेल मालिश की और फिर अरुण की भी तेल मालिश की. फिर में बेड पर लेट गई तो अरुण ने मुझे अपनी तरफ किया और मुझसे चिपककर चूमने लगा. अब वो अपना लंड मेरी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा था. अब में अरुण से तेल की वजह से चिपक गई थी और उधर साहिल मेरे पीछे चिपका हुआ था और अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगा था. फिर हम तीनों लाईट ऑफ करके सो गये.

फिर सुबह जब में उठी तो मैंने देखा कि साहिल नींद में मेरे सीधे बूब्स को दबा रहा था और अरुण ने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाली हुई थी और मेरे लेफ्ट बूब्स को अपने मुँह में ले रखा था और में अरुण की तरफ मुँह करके लेटी हुई थी. अब बस इसी तरह से हम तीनों 3 दिन तक थोड़ा-थोड़ा मजा लेते रहे. अब जब भी किसी को मेरे बूब्स चूसने का मन होता तो वो चूसता और में उनके लंड चूसती और कभी वो मेरी चूत पर अपना हाथ फैरते और सोफे पर बैठकर मजे करते. फिर एक दिन तो हम तीनों ने बाथ टब में ही सेक्स का भरपूर मजा लिया.

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रीटा की चूत बियर के साथ

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Antarvasna-Hindi sex story : Reeta ki chut ke sath bear

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौतम है और में जयपुर का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है. में दिखने में हैंडसम हूँ और मेरा लंड का साईज 8 इंच लम्बा है. दोस्तों आधी रात को मेरे पास एक लेडी का मैल आया, उसने लिखा कि उसका नाम रीता है और वो नॉएडा से है, उसकी उम्र 26 साल थी और वो एक विधवा थी.

उसके पति उससे उम्र में बहुत बड़े थे और उसकी शादी उनसे पैसो के लिए कर दी गई थी, उनकी शादी के बाद उनके पति का स्वर्गवास हो गया था. फिर मैंने भी उनसे चैट की और उनकी प्रोब्लम शेयर करने को कहा. फिर उन्होंने मुझे रिप्लाई किया कि उन्हें अच्छा लगा.

फिर उन्होंने कहा कि में तुम्हें पैसे देने के लिए भी तैयार हूँ, तो मैंने भी रिप्लाई कर दिया ओके में आपकी मदद कर दूंगा. फिर उसने पूछा कि आप कब आ सकते हो? तो मैंने कहा कि जब भी वो फ्री हो, तब मुझे बता दे. फिर उसने थोड़ी देर के बाद मैल किया कि कल ही आ जाओ. अब में उनकी सेक्स की भूख को समझ गया था और फिर मैंने उनसे ओके कहा. फिर उन्होंने अपना नंबर मुझे मैल कर दिया और कहा कि कल कॉल करना.

फिर में अगले दिन नॉएडा के लिए निकल गया और शाम को करीब 4 बजे पहुँच गया. फिर मैंने रीता को कॉल लगाया तो उन्होंने अपना एड्रेस बताया और कहाँ कि टेक्सी पकड़कर आ जाओ. अब उन्होंने मुझे अपना हाउस नंबर बता दिया था तो मुझे उनका घर ढूँढने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई.

फिर मैंने उनके घर पहुँचकर डोर बेल बजाई तो घर में से एक औरत निकली. फिर मैंने कहा कि मुझे मिस रीता से मिलना है, तो उसने कहा कि मालकिन अंदर है आप बैठिए, में उन्हें बताकर आती हूँ. वो औरत उनकी नौकरानी थी, जो सुबह शाम उनके घर का काम करने के लिए आती थी. फिर थोड़ी देर तक बैठने के बाद रीता वहाँ पर आई. रीता ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी और बिना बांह का ब्लाउज पहना था. रीता के बूब्स इतने बड़े थे कि वो उसके ब्लाउज से बाहर आने को तरस रहे थे और उनके निपल्स साफ-साफ़ दिख रहे थे.

फिर रीता मेरे पास आकर बैठी और पूछने लगी कि आपको आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई, तो मैंने कहा कि नहीं. फिर मैंने कहा कि आप बहुत ब्यूटिफुल लग रही हो, तो उसने मेरे होंठो पर अपनी उंगली रख दी और कहा कि यह बातें बाद में और मेरे कान के पास आई और बोली कि थैंक यू हैंडसम.

अब में आपको रीता का फिगर बता देता हूँ. उसका कलर बिल्कुल गोरा और साफ था, उसकी आँखे बड़ी-बड़ी थी और उसके 36 इंच के बूब्स बिल्कुल राउंड और टाईट थे. उसकी कमर 32 इंच की बलखाती हुई और उसकी गांड का साईज़ 36 इंच होगा. फिर रीता ने कहा कि चलो अंदर चलते है, फिर उसने अपनी नौकरानी को नाश्ता लाने को कहा.

फिर थोड़ी देर के बाद हमने नाश्ता किया और उसने कहा कि आओ में आपको घुमा लाती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं? फिर रीता ने अपनी गाड़ी निकाली और में उसके साथ बैठ गया. अब हम काफ़ी घूम आए थे और फिर रात को 9 बजे घर आते वक्त उन्होंने एक बियर की दुकान पर गाड़ी रोकी और मुझसे कहा कि 4 बियर ले आओ और मुझे पैसे दे दिए तो में बियर ले आया और फिर हम दोनों घर के लिए चल दिए. फिर हम घर पहुँचे तो हमने देखा कि घर बंद था. फिर रीता ने अपनी चाबी से दरवाज़ा खोला और फिर हम घर के अंदर चले गये.

फिर रीता सीधी अपने बेडरूम में गई और में भी उसके पीछे-पीछे चला गया. फिर कमरे में पहुँचकर रीता अपनी साड़ी खोलने लगी और उसने अपना ब्लाउज और अपना पेटीकोट भी उतार दिया. अब वो सिर्फ़ एक लाल ब्रा और एक लाल पेंटी में थी. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम भी अपने कपड़े उतार दो और पूरे नंगे हो जाओ. फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब मेरे बदन पर सिर्फ़ मेरे बॉक्सर्स थे. फिर रीता ने बियर की बोतल खोली और मुझसे पूछा कि तुम पीते हो ना, तो मैंने कहा कि हाँ, लेकिन ज्यादा नहीं पीता हूँ.

फिर रीता ने चियर्स कहा और एक बोतल वो और एक बोतल में पीने लगा. अब जल्द ही उसने अपनी बियर ख़त्म कर ली और फिर वो मेरे बिल्कुल पास आ गई. फिर वो कहने लगी कि यह क्यों पहन रखा है? इसे भी खोलो ना. फिर उसने एक झपट्टा मारकर मेरा बॉक्सर्स भी खोल दिया और मेरा बड़ा लंड अपने हाथ में लेकर दबाने लगी.

अब उसकी भरपूर जवानी देखकर मेरा लंड पूरा 8 इंच खड़ा हो चुका था. फिर मैंने भी रीता के बूब्स पर जो ब्रा चिपकी हुई थी, वो निकालकर फेंक दी, हाए-हाए क्या मस्त चूचे थे? उसके गोल-गोल चूचे 36 साईज के थे. अब में उनको अपने मुँह में लेकर चूसे जा रहा था. अब वो आअहह आअहह हाईईई की आवाज़ भरने लगी थी. अब वो मेरे लंड को ज़ोर-जोर से दबाने लगी थी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसको मसलते हुए उसकी पेंटी को भी उतार दिया और उसकी चिकनी चूत में अपनी उंगली डालने लगा.

अब रीता भी अपने पूरे जोश में आ गई थी और अब वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से मसल रही थी. फिर उसने मेरे लंड पर थोड़ी सी बियर डाल दी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. अब उसे मेरा इतना बड़ा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो 5 मिनट तक ऐसे ही मेरा लंड लॉलीपोप की तरह चूसती रही. फिर उसने कहा कि मेरी चूत चाटो तो फिर मैंने रीता को एकदम से सीधा लेटा दिया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और चाटने लगा.

अब वो मज़े में आह्ह आहिया उफफफ्फ़ आहाऊआ अहहम्म एम्म की आवाज़े निकाल रही थी. अब में उसकी चूत को चप्पा-चप्पा अपनी जीभ से चाट रहा था. अब वो ज़ोर-ज़ोर से आहह आहह कर रही थी और अपनी गांड को हवा में ज़ोर-ज़ोर से उठाकर अपनी चूत को चटवा रही थी. अब उसने मुझको उसकी चूत के बीच में जोरो से दबा रखा था. फिर वो अकड़ गई और झड़ गई और बोली कि आहह अब बस भी करो और मुझे चोदो.

फिर मैंने झट से कंडोम पहना और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया और उसकी टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया और फिर उसकी चूत के छेद पर निशाना लगाकर अपने लंड को उसकी चूत में सट से घुसा दिया. फिर उसने थोड़ा सा आईई माँ किया और फिर मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. अब मैंने धीरे-धीरे धक्के देने चालू कर दिए थे और अब रीता को मज़ा आने था और वो भी नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी थी.

फिर कुछ देर तक चुदने के बाद रीता ने कहा कि तुम नीचे आओ में ऊपर आती हूँ. फिर रीता मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में डलवा लिया और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड के ऊपर कूदने लगी. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, अब वो उफफफफ्फ़ आहि आईईई आहह फुक्ककक मी हाडरर्र आहह बेबी करके आवाज़े भर रही थी. अब वो अपनी चूत को मेरे बड़े लंड पर मानो पटक रही थी. अब मैंने नीचे से अपने लंड की रफ़्तार तेज कर रखी थी.

फिर रीता ऐसे करते-करते झड़ गई और मेरे ऊपर गिर गई. फिर मैंने कहा कि बस? तो रीता ने कहा कि मुझे पहली बार में खुद की चूत का पानी गिराने में मज़ा आता है और दूसरे राउंड में हम और भी तरीके से चुदाई करेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब में रीता के बूब्स को लगातार दबा रहा था और चूम रहा था और उसके साथ उसकी चूचीयों को चूस भी रहा था, ताकि वो जल्दी से जोश में आ जाए.

फिर मैंने उसकी चूत पर फिर से अपनी जीभ को काम पर लगा दिया और उसकी चूत से निकली हुई पानी की बूंदों को उसकी चूत से चूसने लगा. अब इतने में रीता जोश में आ गई थी और अब में उसकी चूत के दाने को बार-बार अपने होंठो में दबाकर काट लेता था, जिससे वो आहह आईई करने लगती थी. अब वो पूरे जोश में आ गई थी और आहह आययए उफफफ्फ़ करने लगी थी. फिर रीता ने कहा कि बेबी मुझे तुम्हारा लंड चूसना है, आओ में तुम्हारा लंड और तुम मेरी चूत को चूसो. फिर हम दोनों 69 पोजिशन में हो गये और अब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी और में उसकी चूत को जोर-जोर से चूस रहा था.

फिर जैसे ही में उसकी चूत में अपनी जीभ को अंदर करता तो वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से काट लेती, ऐसा लगता है कि जैसे खा जाएगी. फिर थोड़ी देर के बाद रीता ने कहा कि बस करो अब आओ चोदो मुझे. फिर मैंने देरी ना करते हुए उससे पूछा कि तो अब कैसे चुदवाना चाहोगी? अब वो मेरी तरफ उसकी बड़ी गांड करके बिस्तर पर अपनी गांड को हिलाने लगी थी.

अब में समझ गया था कि वो डॉगी स्टाइल में चुदवाना चाहती है. फिर मैंने एक और कंडोम पहना और पीछे से मेरा बड़ा लंड उसकी चूत में डाल दिया और धक्का लगाने लगा. अब वो आहहह आहहईईईई उफ़फ्फ़ करने लगी थी और अपनी चूत को मेरे लंड पर ज़ोर-ज़ोर से मारने लगी थी. अब वो आहहह आईईईई की सिसकियाँ भर रही थी और में पूरे जोश में उसको चोद रहा था.

अब में भी जोर जोर से धक्के दिए जा रहा था. फिर रीता ने कहा कि तुम थोड़ी देर रुक जाओ, में खुद चुदती हूँ. अब रीता ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर अपनी गांड को पटकने लगी थी और में इस तरह सीधा खड़ा था और उसकी चूत मेरे लंड को चोद रही थी, अब में सिर्फ़ उसकी कमर को पकड़े हुए था. फिर उसने कहा कि चलो टेबल पर चलते है. अब रीता ने अपनी एक टांग को टेबल पर टिका दिया था और एक टांग नीचे थी. फिर मैंने उसके पीछे खड़े होकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसे चोदने लगा.

अब वो बड़े अच्छे से चुदवा रही थी और मज़े ले रही थी और आहह आहह की आहें भर रही थी. अब में पीछे से उसकी चूत को अपने लंड से दनादन पेल रहा था. अब में कभी-कभी उसकी चिकनी चूत को मसल भी लेता था, जिससे वो और मज़े लेकर चुद रही थी. फिर रीता टेबल पर लेट गई और कहने लगी कि तुम नीचे खड़े होकर मुझे चोदो. अब में भी नीचे खड़ा होकर उसे चोदने लगा था और अब वो मज़े में आ गयी थी और आअहह अयाया किये जा रही थी. अब मज़े से उसकी आँखों में से आसूं भी निकल आए थे, लेकिन वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी.

फिर मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और बेडरूम में फिर से ले गया. फिर उसने मुझे किस करके कहा कि बस मेरे ऊपर चढ़ जाओ और ज़ोर-जोर से चोदो, अब बस में झड़ना चाहती हूँ, अब में तुम्हारे लंड को और नहीं झेल सकती हूँ. फिर मैंने उसकी टांगे ऊपर कर दी और उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और पूरे जोश से पेलने लगा. अब उसकी चूत से पच-पच की आवाज़े आ रही थी और वो नीचे से अपनी कमर हिला रही थी और ज़ोर से चोदो मुझे बेबी बोले जा रही थी.

अब ऐसा लग रहा था कि में भी झड़ जाऊंगा तो मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए और नीचे से रीता भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगी. फिर उसने मुझे एका एक अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया और झड़ने लगी. अब में भी अंतिम कगार पर पहुँच गया था, फिर मैंने भी अपना आखरी धक्का मारा और झड़ गया.

फिर हम दोनों लेट गये और फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों बाथरूम में गये और फ्रेश होकर सो गये. अब मुझे सुबह निकलना था. सुबह मेरी 8 बजे की ट्रेन थी तो में जल्दी उठा और रीता से कहा कि में जाने वाला हूँ, तो रीता ने मुझे पकड़ लिया और कहा कि आओ एक बार और हो जाए. फिर मैंने कहा कि नहीं, मेरी ट्रेन का टाईम हो रहा है. फिर रीता ने कहा कि कोई बात नहीं जल्दी-जल्दी कर लेते है. फिर मैंने उसका गाउन उठाया और जल्दी-जल्दी उसकी चूत मारी और फ्रेश होकर जाने लगा. फिर रीता ने मुझे लिफाफे में पैसे दिए और मुझे किस किया और फिर वो मुझे स्टेशन छोड़कर चली गई.

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